गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट ------- भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया। बीएसपी के इस ऐलान के बाद कांग्रेस को अब प्रदेश की 30 विधानसभा सीटों पर खतरा हो सकता है। ये वह सीट है जहां बीएसपी का वर्चस्व है। भले इन सीटों पर बीएसपी जीत हासिल नहीं कर पाई है लेकिन उसको वोट प्रतिशत यहां से ज्यादा है। सीधे शब्दों में कहें तो इन सीटों पर बीएसपी कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। अगर गठबंधन होता तो इन सीटों पर कांग्रेस के जीतने की संभावनाएं बढ़ती।
पिछले चुनाव में बीएसपी ने 30 सीटों पर कांग्रेस के वोट काट दिए थे। इस बार फिर कांग्रेस को इस बात डर सता रहा है कि बीएसपी इन सीटों पर सेंध लगा सकती है। बुंदेलखंड, ग्वालियर, चंबल और विंध्य क्षेत्र में बीएसपी का काफी अच्छा होल्ड है। पिछले चुनाव में उसे यहां से 5 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी सीटों पर उसे अच्छे वोट मिले थे कही तो बीएसपी बीजेपी को पछाड़ दूसरे नंबर पर रही थी। पिछले चुनाव की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि बीएसपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था।
रानजनीति के जानकारों का मानना है कि वोट प्रतिशत के मामले में बीएसपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालांकि इस बार उससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस बार बीएसपी कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं है तो उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर हो सकता है।
इन सीटों पर है बीएसपी का वर्चस्व
श्योपुर, सबलगढ़, जोरा, सुमावली, मुरैना, भिंड, मेहगांव, ग्वालियर ग्रामीण, सेवड़ा, भांडेर, दतिया, पोहरी, बंडा, महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर, मलाहेड़ा, गुन्नौर, सतना, सिरमौर, सिमरिया, देवतालाब, सीधी, सिंगरौली, वारासिवनी, कटंगी।
पिछले चुनाव में बीएसपी ने 30 सीटों पर कांग्रेस के वोट काट दिए थे। इस बार फिर कांग्रेस को इस बात डर सता रहा है कि बीएसपी इन सीटों पर सेंध लगा सकती है। बुंदेलखंड, ग्वालियर, चंबल और विंध्य क्षेत्र में बीएसपी का काफी अच्छा होल्ड है। पिछले चुनाव में उसे यहां से 5 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी सीटों पर उसे अच्छे वोट मिले थे कही तो बीएसपी बीजेपी को पछाड़ दूसरे नंबर पर रही थी। पिछले चुनाव की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि बीएसपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था।
रानजनीति के जानकारों का मानना है कि वोट प्रतिशत के मामले में बीएसपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालांकि इस बार उससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस बार बीएसपी कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं है तो उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर हो सकता है।
इन सीटों पर है बीएसपी का वर्चस्व
श्योपुर, सबलगढ़, जोरा, सुमावली, मुरैना, भिंड, मेहगांव, ग्वालियर ग्रामीण, सेवड़ा, भांडेर, दतिया, पोहरी, बंडा, महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर, मलाहेड़ा, गुन्नौर, सतना, सिरमौर, सिमरिया, देवतालाब, सीधी, सिंगरौली, वारासिवनी, कटंगी।
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