भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - मध्य प्रदेश में किसानों के खिलाफ क्रूरता थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले गुना में किसानों के साथ पुलिस की टीम ने मारपीट की तब किसान दंपत्ति ने जहर खा लिया था। और अब देवास जिले के सतवास में भी अतिक्रमण हटाने पहुंचे पटवारी और पुलिस के सामने एक किसान महिला ने खेत में खुद को आग लगा ली जिसके बाद महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
       इस पूरी घटना की खबर जब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा को लगी तो उन्होंने शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की कड़ी निंदा की है। और कहा कि इस कोरोना जैसी महामारी में जहां लोगों से रोजगार छिन गए हैं। गरीब मजदूरों के खाने के लाले पड़े हुए हैं। किसान लगाकर आत्महत्या कर रहा है। ऐसे में प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही बहुत ही शर्मनाक है। यदि किसान परिवार ने सरकारी जमीन पर फसल उगाई थी, तो इस कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए। उन्हें फसल काटने तक की मोहलत भी की जा सकती थी। खड़ी फसल पर जेसीपी चलवाने का निर्णय गलत है। क्या शिवराज सिंह चौहान का जमीर मर चुका है। या फिर वह सत्ता के लालच में इतने अंधे हो चुके हैं। कि उन्हें गरीब लाचार किसानों के आंसू भी दिखाई नहीं दे रहे हैं?
प्रदेश में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मिर्ची बाबा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जंगलराज फिर लौट आया है।कमलनाथ सरकार के समय जो अपराधी ,बदमाश भूमिगत हो गए थे।वे शिवराज सरकार की शरण में पुनः सक्रिय हो गए हैं।किसानों ,दलितों ,मजदूरों, आदिवासियों का उत्पीड़न पुनः शुरू हो गया है।इसके साथ ही उन्होंने झुलसी हुई किसान महिला के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने कि मांग कि है।





भोपाल सुनील परमार - पाकिस्तान के साथ हुई जंग के बाद भारत को कारगिल मैं, मिली जीत की आज यानी 26 जुलाई को 21 वीं वर्षगांठ है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर के भारत माता की रक्षा की थी।और पाकिस्तान को पीछे खदेड़ दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी आज कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश ने शहीद जवानों को याद कर उन्हें नमन किया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि आज ऑपरेशन विजय की 21 वीं वर्षगांठ है इस अवसर पर भारतीय सेना के शौर्य को सादर नमन करता हूं जिसके साहस और वीरता ने कारगिल युद्ध मैं राष्ट्र के लिए विजय कीर्ति अर्जित की कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया राष्ट्र उनके शौर्य और उनके परिजनों के धैर्य के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा। आज का दिन हमारे सैनिकों की वीरता और पराक्रम की कहानियों से भावी पीढ़ियों को देश के लिए जीने मरने के लिए प्रेरित करता रहेगा। कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कारगिल की लड़ाई मैं अपनी शहादत देने वाले भारत मां के लाल सचमुच बेहद भाग्यशाली थे राष्ट्रवाद और देश प्रेम पर किसी ने क्या खूब कहा है कि "ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में सिमटकर मरे हैं सैकड़ों लोग, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता। "




भोपाल नाग पंचमी के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ एवं नाग देवता सभी के जीवन में सुख समृद्धि और सफलता बरसाए। बाबा महाकालेश्वर की कृपा से कोरोना महामारी से जल्द से जल्द पूरे विश्व को मुक्ति मिले  ऐसी प्रार्थना करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद जी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से अन्न धन के भंडार भरे रहते हैं। और परिवार में किसी को भी नागदंश  का भय नहीं रहता है। नाग पंचमी का त्यौहार नागो और सर्पों की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्म ग्रंथों मे नाग को देवता माना गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शैया पर सोते हैं। भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी यही नहीं समुद्र मंथन के समय देवताओं की मदद भी बासुकी नाग ने ही की थी। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। एक अन्य कारण यह भी है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वह बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नाग पंचमी के दिन नाग देवता के पूजन की परंपरा शुरू हुई।
           आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन प्रात नित्यक्रम से निवृत्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर और काजल से नाग देवता बनाए जाते हैं। मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन ,अक्षत ,पुष्प आदि चढ़ाएं इसके बाद नाग देवता की कथा पढ़कर आरती करें। फिर मिठाई का भोग बनाकर भोग लगाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराने से नाग देवता से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है।


     
उज्जैन 23 जुलाई। आशीष जैन उज्जैन शहर में कल 24 जुलाई से मास्क पहनकर नहीं निकलने वाले एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें अस्थाई जेल में  बंद  किया  जाएगा। कड़ी कार्रवाई के बाद भी यदि आमजन मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को नहीं अपनाते हैं तो भविष्य में लॉकडाउन पर भी विचार किया जा सकता है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आशीष सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल लॉकडाउन के संबंध में किसी भी तरह का कोई निर्णय जिला प्रशासन द्वारा नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया में   प्रसारित हो रही जानकारी भ्रामक एवं असत्य है।




ग्वालियर महाराजपुरा गिरगांव महादेव मंदिर पहुंचे मिर्ची बाबा, वहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर 40 करोड़ मैं विधायकों, को खरीदने का लगाया आरोप आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि गिरगांव के महादेव का मंदिर अपने आप में खास है। यह महादेव जज महादेव कहलाते हैं। बड़े से बड़े अपराधी महादेव के सामने झूठ बोलने से कांपते हैं गिरगांव के महादेव को लोग इसी रूप में जानते हैं। महादेव के प्रति लोगों की आस्था इतनी है कि अपराधी किस्म के लोग मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने से भी डरते हैं। अब तक यहां एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है। की यहां आज तक कोई भी झूठी सौगंध नहीं खा पाया है। इसलिए जो बिके हुए विधायक कह रहे हैं। कि हम जनता की सेवा के लिए भाजपा में गए हैं। हमने कोई 40 करोड़ रुपए नहीं लिए मेरा उनसे कहना है। कि यहां महादेव के मंदिर मैं आकर सिर्फ एक सीढ़ी चढ़कर ही दिखाएं। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा महादेव यही फैसला कर देंगे।
 
 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के गृहमंत्री निरोत्तम मिश्रा को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। उन्होंने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त में निरोत्तम मिश्रा एवं शिवराज सिंह चौहान का हाथ है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की जनता कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी जब यह सत्ता के भूखे लोग लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हुए थे। संविधान का पालन करने वाले ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या करने वालों को अब जनता ही जवाब देगी। क्योंकि यह लोग विधायक तो खरीद सकते हैं लेकिन जनता का वोट नहीं खरीद सकते हैं।




भोपाल संवाददाता आशीष जैन - मध्यप्रदेश की 25 सीटों पर उपचुनाव होने वाले है. चुनावों को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सक्रिय दिखाई देने लगे है. वही बीजेपी भी लगातार उन क्षेत्रों का दौरोन करने में जुट गई है, जहां चुनाव होना है. उपचुनाव में ज्यादा से ज्याद सीटे जितने के लिए कांग्रेस पूरा दमखम लगा रही है. इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलानाथ ने तो ग्वालियर में एक मुख्यालय बना लिया है, ताकि चंबल की सीटों पर उनकी लगातार नजरे बनी रहे है. वही उपचुनाव के लिए दावेदारों की होड़ शुरू हो चुकी है, दावेदार अपनी दावेदारी पेश करने लगे है.

सूत्रों से जानकारी मिली है की कांग्रेस ने 24 सीटों पर कुछ उम्मीदवारों के नामों का चयन किया है. हालांकी यह नाम अभी तय नहीं किए गए है. लेकिन हर विधानसभा से पैनल में उम्मीदवरों के नामों को जोड़ा गया है और विधानसभाओं में सर्वे किया जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट के बाद ही उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा. हमारे पास सूत्रों से एक संभावित सूची मिली है, जिनमें 24 सीटों पर कुछ उम्मीदवारों के नाम तय किए गए है.

इन उम्मीदवारों को कांग्रेस दे सकती है टिकट

सुवासरा - राकेश पाटीदार, ओम सिंह भाटी, मनोज मुजावदिया, पीरूलाल डक्करा
बदनावर - मनोज गौतम, कुलदीप बुंदेला, आशीष धाकड़, ध्रुवनारायण सिंह
सांवेर - प्रेमचंद गुड्डू, राजेंद्र मालवीय
हाट पिपल्या - राजवीर सिंह बघेल, अशोक कप्तान
आगर मालवा - विपिन बानखेड़े, राजकुमार गोहरे
मेहगांव - हेमंत कटारे, चाैधरी राकेश सिंह
सांची - किरण अहिरवार, प्रीति ठाकुर, संदीप मालवीय, मदन चैधरी, प्रभात चावड़ा, बलवंत शाक्या
सुरखी - अरूणोदय चाैबे, भूपेंद्र सिंह मोहासा, कमलेश साहू, जीवन पटेल
मुंगावली - प्रद्यम्न सिंह दांगी, विजय प्रताप सिंह उर्फ मनुराजा
अशोकनगर - आशा दोहरे, त्रिलोक अहिरवार, रमेश इटोरिया
गोहद - मेवाराम जाटव, अनिता चैधरी, संजू जाटव, रामनारायण हिंडोलिया
जौरा - मानवेंद्र गांधी, पंकज उपाध्याय, सुनील शर्मा
मुरैना - रामनिवास रावत, बलवीर दंडोतिया, राकेश मावई, प्रबल प्रताप, दिनेश गुर्जर
सुमावली - अजब सिंह कुशवाह, रामलखन दंडोतिया, वृंदावन सिकरवार
दिमनी - रवींद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह तोमर
भांडेर - फूल सिंह बरैया, महेंद्र बौद्ध, अनु भारती
बामोरी - केएल अग्रवाल, सुमेर सिंह गढ़ा
करैरा - शकुंतला खटीक, प्रागीलाल जाटव
डबरा - सत्यप्रकाशी परसोडिया, वृंदावन कोरी
ग्वालियर पूर्व - अशोक सिंह, बालेंदु शुक्ला, रश्मि पवार, देवेंद्र शर्मा
ग्वालियर - संत कृपाल सिंह, सुनील शर्मा, अशोक शर्मा
अम्बाह - सत्यप्रकाश सखवार, सौरभ सोलंकी
पोहरी - हरिवल्लभ शुक्ला, रामनिवास रावत, प्रद्युम्न वर्मा
अनूपपुर- ममता सिंह, उमाशंकर उइके, विश्वनाथ सिंह, बिसाहूलाल कुल्हाड़ा, रेवा सिंह के संभावित नाम तय किए गए है. हालांकी हमारी संस्था इन नामों की पुष्टि नहीं करती है.



भोपाल : मध्य प्रदेश के गुना में दलित किसान परिवार पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर सियासत गर्म होती जा रही है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी आनंद गिरि महाराज ने शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिव ,राज नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है। लगातार गरीब दलित किसानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। लगातार किसानों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। महाराज जी ने कहा कि यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है। तो उसे कानूनन हल किया जा सकता है। लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की परिजनों की वाह मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए हो रहा है।कि वह एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है।
       आनंद गिरि महाराज ने शिवराज सिंह को तानाशाह बताते हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। और दोषी पुलिसकर्मियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

 *यह है पूरा मामला*
गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे, मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया। राजकुमार ने विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया। सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस दंपति को पीट रही है। अपनी आंखों के सामने फसल खराब होते देख दंपति ने जहर खा लिया।


राजकुमार का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है। दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उसके पास पट्टा नहीं है। जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया। उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है। अब फसल अंकुरित हो आई है। इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया। मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आत्महत्या नहीं करुंगा तो क्या करूंगा। 

थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया।

गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था उस वक्त जो बटाईदार हैं। उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।




भोपाल : मध्य प्रदेश के गुना में दलित किसान परिवार पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर सियासत गर्म होती जा रही है। 
       आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिव ,राज नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है। लगातार गरीब दलित किसानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। लगातार किसानों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। महाराज जी ने कहा कि यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है। तो उसे कानूनन हल किया जा सकता है। लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की परिजनों की वाह मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए हो रहा है।कि वह एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है।
       मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह को तानाशाह बताते हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। और दोषी पुलिसकर्मियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

 यह है पूरा मामला

गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे, मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया। राजकुमार ने विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया। सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस दंपति को पीट रही है। अपनी आंखों के सामने फसल खराब होते देख दंपति ने जहर खा लिया।


राजकुमार का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है। दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उसके पास पट्टा नहीं है। जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया। उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है। अब फसल अंकुरित हो आई है। इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया। मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आत्महत्या नहीं करुंगा तो क्या करूंगा। 

थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया।

गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था उस वक्त जो बटाईदार हैं। उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।




उज्जैन संवादाता- आशीष जैन 

पैसे भी पहुंचाता था, भागने में भी कुछ लोगों ने की मदद
उज्जैन में एक शराब कारोबारी ने कथित सरेंडर में की मदद
कानपुर विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था।
कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी और दुर्दांत क्रिमिनल विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद अब यूपी पुलिस उसके मददगारों और अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। विकास के गुर्गों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस अब उन लोगों को दबोचने में जुट गई है, जिन्होंने एनकाउंटर से पहले कानपुर के बिकरू गांव से विकास के भागने और पनाह देने में मदद की थी।
कई पुलिसवालों को दे रखे थे प्लॉट
एनकाउंटर से पहले उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए थे। एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि विकास दुबे ने अपनी आवासीय योजना में कई पुलिसवालों को सस्ते दामों में प्लॉट दे रखे थे। उसने यह भी बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को हर महीने रकम भी पहुंचवाता था। एसटीएफ इन पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
विकास की पत्नी ने कहा- जरूरत पड़ी तो बंदूक भी उठाऊंगी

शराब कारोबारी ने की 'सरेंडर' में मदद
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के एक शराब कारोबारी की मदद से विकास ने वहां (उज्जैन) कथित सरेंडर किया था। इस शराब कारोबारी के मध्य प्रदेश में काफी करीबी राजनीतिक संपर्क हैं। शराब कारोबारी का यह संपर्क विकास से भी जुड़ा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन में एक बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई थी। हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
फरारी के दौरान तीन बार नोएडा गया था
पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि वह तीन बार नोएडा गया था। विकास दुबे फरारी काटने के दौरान तीन बार नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद गया लेकिन यूपी पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी। जबकि दावे हर नाके, चौराहे और बॉर्डर एरिया में सघन चेकिंग के हो रहे थे। उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह तीन बार नोएडा गया था।

विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था। बावजूद इसके विकास दुबे तीन बार नोएडा गया और पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। विकास ने रास्ते में हुई पूछताछ के दौरान बताया कि दो जुलाई के बाद वह दो दिन तक कानपुर देहात के शिवली में अपने करीबी के घर रुका था। फिर वहां से फरीदाबाद जाना तय किया। उसने एक निजी गाड़ी का इंतजाम किया और नोएडा के रास्ते फरीदाबाद गया।
अदालत में सरेंडर का प्लान
इस दौरान उसकी कार की कहीं चेकिंग नहीं की गई। 7 जुलाई को उसकी फरीदाबाद से जुड़े वीडियो फुटेज वायरल होने के बाद उसे लगा कि पकड़ा जा सकता है तो वह वहां नोएडा गया और एक वकील से मुलाकात की। वकील ने उससे अदालत में सरेंडर की एप्लिकेशन लगाने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। उसके पास कैश नहीं था इसलिए उसने परिचित के जरिए ऑनलाइन फीस का भुगतान करवाने की बात कही। बाद में वह फिर नोएडा से फरीदाबाद आ गया था। बाद में उसका नोएडा का भी एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ था। लेकिन तमाम नाकेबंदी के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी।

विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
पुलिसकर्मियों को मारने की घटना को अंजाम देने के बाद से ही लुकाछिपी का खेल खेल रहे विकास दुबे को उज्जैन से लाते वक्त कानपुर हाइवे पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। हालांकि अभी भी पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रहे कुछ बदमाश फरार हैं।
 
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
थाने में लिखी गई पहली एफआईआर में 21 नामजद समेत 60-70 अज्ञात को दर्ज किया गया था। अब तक की कार्रवाई में 6 लोग मुठभेड़ में मारे गए, जबकि दो पुलिसकर्मी विनय तिवारी और के के शर्मा सहित 14 लोग जेल भेजे गए हैं। पुलिस को करीब 60 लोगों की तलाश है, जिनमें 12 इनामी बदमाश हैं।
 
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
अपर पुलिस महािदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे गैंग के जिन 12 बदमाशों की तलाश है। उनमें से दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है जबकि बाकी 10 अपराधियों पर 50-50 हजार का इनाम है।
 
फरार हैं सभी 12 अपराधी
फरार हैं सभी 12 अपराधी
इनमें गोपाल सैनी और हीरू दुबे पर एक-एक लाख का इनाम है। जबकि छोटू शुक्ला, शशिकांत पंडित, शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शिवम दुबे, बाल गोविंद, बउवन शुक्ला, विष्णु पाल यादव और मोनू पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है।
 
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
अभी तक पुलिस और एसटीएफ का मुख्य टारगेट विकास दुबे था। शुक्रवार को उसके मारे जाने के बाद पुलिस और यूपी एसटीएफ का पूरा फोकस इन 12 इनामियों को गिरफ्तार करने पर होगा।
 
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अभी तक यूपी पुलिस और एसटीएफ विकास दूबे के अलावा उसके करीबी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और बउवन दुबे को मुठभेड़ में मार चुकी है। जबकि दयाशंकर अग्निहोत्री, जहान सिंह यादव और 50 हजार के इनामी श्यामू बाजपेई को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने अमर दुबे के पिता समेत चार अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की है।
 
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
विकास दुबे समेत गैंग के छह लोगों को मारने और तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस और एसटीएफ अभी तक लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल बरामद नहीं कर पाए हैं। ये हथियार दो जुलाई की रात पुलिस पर हमले के बाद लूटे गए थे। इसके अलावा 9 एमएम की तीन पिस्टल भी लूटी गई थीं, जिन्हें पुलिस अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और प्रभात मिश्रा के पास से बरामद कर चुकी है।
 
पुलिस की दलील
इधर, यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस विकास को उज्जैन से ट्रांजिंट रिमांड पर नहीं, बल्कि सुपुर्दगी में लेकर आए थे। उज्जैन पुलिस ने विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई थी। इसलिए उसे कोर्ट में नहीं पेश किया गया। उज्जैन पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि विकास जब महाकाल मंदिर के बाहर से हिरासत में लिया गया तो उससे पूछताछ की गई।
इसके साथ ही यूपी पुलिस को उसके पकड़े जाने की सूचना दे दी गई। जब यूपी पुलिस की टीम वहां पहुंची तो विकास को उनके सुपुर्द कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक बड़े स्तर पर हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ था कि उज्जैन पुलिस द्वारा विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई जाएगी। हालांकि इससे पहले एमपी के सीएम और गृह मंत्री ने अपने बयान में विकास की गिरफ्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई दी थी।विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं।
कानपुर का मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे एनकाउंटर में मारा गया, उज्जैन में गिरफ्तारी देने के बाद यूपी पुलिस की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी, इसी क्रम में पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया, विकास मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, जिसमें पुलिस फायरिंग में मारा गया। कई सालों से कानपुर में अपराध की दुनिया में राज करने वाले गैंगस्टर विकास का परिवार भी काफी बड़ा है, उसकी पत्नी राजनीति में सक्रिय है, विकास के परिवार में उनके बूढे माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे भी हैं।


 अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है विकास के बच्चे,,,
पत्नी और बच्चे
विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं, वो पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है, विकास और ऋचा के 2 बेटे हैं, जिनका नाम आकाश और शानू है, बड़ा बेटा आकाश अमेरिका में पढाई कर रहा है, जबकि छोटा बेटा शानू फिलहाल बारहवीं में पढ रहा है, वो लखनऊ में अपनी मां के साथ रहता था।

मां-बाप
विकास के माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं, पिता तो उसी मकान में विकास के साथ ही रहते थे, जिससे विकरु में फायरिंग की गई थी, जबकि उनकी मां अपने छोटे बेटे-बहू के साथ रहती है,                  
विकास के छोटे भाई की पत्नी भी राजनीति में सक्रिय है, वो नगर पंचायत सदस्य है।

भाई-बहन
विकास दूबे का एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम दीप प्रकाश दूबे है, दीप अपनी पत्नी अंजलि दूबे और मां के साथ अलग मकान में रहता है, विकास की 2 बहनें रेखा और किरण की मौत हो चुकी है, जबकि एक छोटी बहन चंद्रकांता दुबे शिवली में रहती है।





भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - सावन के पहले सोमवार पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने सभी देशवासियों एवं श्रद्धालुओं को श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं दी है। और बाबा महाकाल से प्रार्थना की है,कि हम सभी पर उनके कृपा सदा-सर्वदा बनी रहे, भगवान भोलेनाथ बाबा महाकाल की कृपा से कोरोना का नाश हो, मानवता का उत्थान हो।
         आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि
इस बार सोमवार का अद्भुत संयोग बन रहा है। छह जुलाई से हो रही सावन की शुरुआत के पहले दिन ही सोमवार है, वहीं इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे। यह माह 06 जुलाई से शुरू होकर 03 अगस्त तक चलेग, वहीं सावन माह के आखिरी दिन यानि 03 अगस्त को भी सोमवार का दिन रहेगा। यानि इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से होकर इसका समापन भी सोमवार को ही होगा। भगवान शिव की आराधना और भक्ति के लिए इस माह को विशेष महत्व दिया गया है। साथ ही सनातन धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान शिव की आराधना और उनकी भक्ति के लिए इस माह को विशेष महत्व दिया गया है।श्रावण माह का एक-एक पल पुण्य एवं ‘अवश्यमेव भोक्तव्यम कृते कर्म शुभाशुभं।’ अर्थात् मनुष्य को अपने द्वारा किए हुए पाप-पुण्य जनित कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। जीव पाप करके भी तभी तक सुखी रह पाता है, जब तक कि उसके द्वारा संचित पुण्य कर्मों का कोष खाली नहीं हो जाता। कोष खाली होते पाप कर्मों का फल मिलने लगता है, फिर जीव इतना परेशान हो जाता है कि उसे बचने का कोई भी मार्ग दिखाई नहीं देता। श्रावण का माह इसी पुण्य की पुनः वृद्धि करने का वरदान है।
            इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं एवं भक्तों से कोरोना महामारी के चलते अपील की है,कि इस बार हालात अलग हैं। जितना हो सके घरों में रहकर ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना एवं पूजा पाठ करें।




भोपाल-आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। एवं गुरु शिष्य का महत्व बताते हुए कहा  कि भारतवर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है प्राचीन काल से ही शिष्य जब गुरु के आश्रम में निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे तो इसी दिन पूर्ण श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा का आयोजन किया करते थे। उन्होंने श्लोक के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा का महत्व बताते हुए कहा
कि 
गुरू गृह पढन गए रघुराई 
अल्प काल विधा सब आई 
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
      स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज मिर्ची बाबा ने इस श्लोक अर्थ समझाते हुए कहा कि प्रथम गुरु माता पिता है, द्वितीय गुरु आपके शिक्षा गुरु हैं, तृतीय दीक्षा गुरु है उन्होंने कहा कि गुरु का स्त्रोत कभी खत्म नहीं होता है। गुरु अनादि से और रहेंगे जीवन में जिसने तुम्हें ज्ञान दिया हो साहस दिया हो मनोबल दिया हो जीने का तरीका सिखाया हो हर परिस्थिति में आप अपना जीवन जी सकें ऐसा उपदेश दिया हो वह जीवन के गुरु होते हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुदेव के दर्शन अवश्य करें। यदि कोरोना महामारी के चलते अपने गुरु तक नहीं पहुंच सकते वह तो सोशल मीडिया के माध्यम से अपने गुरुदेव के दर्शन अवश्य करें।
        महाराज जी ने बताया कि रामकृष्ण जी ने अपने प्रसंग में कहां है कि आगे आगे चेला, अपना हाथ संसार के हाथों में देने से अच्छा है। अपने गुरुदेव के हाथ में दे दे क्योंकि गुरुदेव पार लगाने वाली नाव है। गुरु के नाम में जो बैठ गया वह तो भवसागर के भी पार हो जाता है। जीवन मरण बेबी पार हो जाता है। हमेशा अपने गुरुदेव के दिए हुए मंत्रों का जाप करें दुनिया में गुरु के आलोचना और निंदा आप अपने कानों से कभी ना सुने, बस मैं गुरुदेव का हूं और गुरुदेव मेरे हैं
ऐसा मानकर अपार श्रद्धा अपने गुरुदेव के प्रति रखें। गुरुदेव ज्ञान की खदान है। और खदान में से पत्थर और हीरा दोनों निकलते हैं। गुरुदेव के ज्ञान व प्रकाश से आप समाज में हीरा बन कर ख्याति और ऐश्वर्या प्राप्त करें। यही गुरु का प्रताप है।
          महाराज जी ने कहा कि मेरे लिए सर्वत्र गुरु हैं। और गुरु ही मेरे जीवन का मार्ग चुनते हैं। जय गुरुदेव, अनंत गुरुदेव, विराट गुरुदेव, ज्ञान गुरुदेव, साहस गुरुदेव, यह सब गुरुदेव की पूंजी है। हम सब गुरुदेव की बगिया के खिलते हुए फूल हैं। और हमेशा खेलते रहेंगे।
      लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वाले शिष्यों की कभी हार नहीं होती बस गुरुदेव के चरणों में सदैव मेरा मस्तक झुकता रहेगा, स्वाभिमान गिरने नहीं दूंगा, और अहंकार आने नहीं दूंगा।



 
भोपाल। मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विभाग बंटवारे को लेकर जबर्दस्त खींचतान की खबरें आ रही हैं। मंत्रिमंडल की तरह विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से ही होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज रात दिल्ली रवाना हो रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद ऊपर से बेशक भाजपा नेता खुश हों, लेकिन सिंधिया की शर्तों और अपेक्षाओं ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है। मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया ने अपनी ताकत का अहसास कराकर दिया अपने कोटे से 11 और तीन अन्य समर्थक पूर्व विधायकों मंत्री बनवा लिया। सिंधिया के भोपाल के दो दिन के प्रवास में मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जिस तरह उनके आगे पीछे घूमे, उससे तय है कि अब मप्र भाजपा में सिंधिया के कद का दूसरा नेता नहीं है।

विभाग बंटवारे पर खींचतान
खबर है कि जिस प्रकार मंत्रियों के चयन का अधिकार मुख्यमंत्री से छीना गया, वैसे ही अब विभागों के वितरण को लेकर भी शिवराज सिंह चौहान स्वतंत्र नहीं हैं। दिल्ली भाजपा हाईकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को भरोसे में लेकर ही विभागों का बंटवारा करेगा। सूत्रों के अनुसार सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्रियों के लिए राजस्व, सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, ऊर्जा, महिला बाल विकास, नगरीय प्रशासन, वाणिज्य कर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन आदि विभाग मांगे हैं। भाजपा शायद यह सभी विभाग सिंधिया समर्थकों न दे। क्योंकि इनमें कुछ विभाग ऐसे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री अपने पास रखना चाहेंगे। बताया जाता है कि खींचतान के कारण सोमवार से पहले विभागों का वितरण होना संभव नहीं है।



भोपाल - आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने कहा कि हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भारतवर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल में शिष्य जब गुरु के आश्रम मैं निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे, तो इसी दिन पूर्ण श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा का आयोजन किया करते थे। इस दिन केवल गुरु की ही नहीं,अपी तू घर में अपने से जो भी बड़ा है। अर्थात माता- पिता ,भाई- बहन आदि को गुरुतुल्य समझ कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है
         आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने गुरु पूर्णिमा का महत्व को समझाते हुए कहा कि हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म दिवस भी माना जाता है। वे संस्कृत के महान विद्वान थे। महाभारत जैसा महाकाव्य उन्हीं की देन है। इसी के 18 वे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण गीता का उपदेश देते हैं। सभी अट्ठारह पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी इन्हीं को दिया जाता है। इसी कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास जी को आदि गुरु भी कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
                आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए अपील की है। की इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सभी गुरु पूर्णिमा अपने घरों में रहकर ही मनाएं। क्योंकि देश अभी भी कोरोना संक्रमण जैसी आक्रमक महामारी से गुजर रहा है, ऐसे में सभी का जीवन सुरक्षित रहे। कोरोना संक्रमण की सांखला टूट जाए यह प्राथमिकता होना चाहिए, उन्होंने अपने अनुयायियों एवं शिष्यों से स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है।कि किसी को आश्रम आने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा इसलिए कहा है। कि प्रतिवर्ष भक्तों एवं शिष्यों की भीड़ जुट जाती है। लाख प्रयास के बाद भी जुटने वाली भीड़ में सामाजिक दूरी का पालन करना एवं कराना संभव नहीं है।इसलिए अपने अपने घरों में रहकर श्रद्धा पूर्वक गुरु पूर्णिमा पर्व मनाते हुए कोरोना जैसी भयानक बीमारी को हराने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करें




भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने महान दार्शनिक और विख्यात आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। स्वामी वैराग्य नंद महाराज ने विवेकानंद जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को मानवता कल्याण का मार्ग दिखाया।दुनिया में हिंदू धर्म और भारत की प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले विवेकानंद जी ने एक आध्यात्मिक हस्ती होने के बावजूद युवाओं के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।उन्हें देश और युवाओं से काफी प्यार था। 

         मिर्ची बाबा ने कहा कि स्वामी जी का "उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए" का आवाहन युवाओं को सदैव प्रेरित करता है। स्वामी जी के अमूल्य विचार सदियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे
         
         आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि वर्ष 1893 मैं विश्व धर्म संसद में उनके ओजपूर्ण भाषण से ही विश्व मंच पर न केवल हिंदू धर्म बल्कि भारत की भी प्रतिष्ठा स्थापित हुई। 11 सितंबर 1893 को इस संसद में जब उन्होंने अपना संबोधन अमेरिका के भाइयों और बहनों से प्रारंभ किया तब काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट होती रही। उनके तर्कपूर्ण भाषण से लोग अभिभूत हो गए। उन्हें निमंत्रणों का ताता लग गया। स्वामी विवेकानंद ने देश और दुनिया का काफी भ्रमण किया। वह नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे। उन्होंने रामकृष्ण के नाम पर रामकृष्ण मिशन और मठ की स्थापना की। 4 जुलाई 1902 को उन्होंने बेल्लूर मठ में अपने गुरु भाई स्वामी प्रेमानंद को मठ के भविष्य के बारे में निर्देश देने के बाद महासमाधि ले ली।




भोपाल आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने देशवासियों को आषाढी एकादशी और चातुर्मास की शुभकामनाएं दी हैं। और इस पावन अवसर पर उन्होंने भगवान विष्णु के अवतार भगवान विट्ठल जी से प्रार्थना करते हुए कहा कि देश एवं प्रदेश में सुख समृद्धि उन्नति एवं खुशहाली रखे यही प्रार्थना है।
जय जय हरि विठ्ठल भगवान।

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