एनकाउंटर से पहले विकास ने कई खुलासे किए थे विकास ने कई पुलिसवालों को प्लॉट दिया हुआ था




उज्जैन संवादाता- आशीष जैन 

पैसे भी पहुंचाता था, भागने में भी कुछ लोगों ने की मदद
उज्जैन में एक शराब कारोबारी ने कथित सरेंडर में की मदद
कानपुर विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था।
कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी और दुर्दांत क्रिमिनल विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद अब यूपी पुलिस उसके मददगारों और अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। विकास के गुर्गों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस अब उन लोगों को दबोचने में जुट गई है, जिन्होंने एनकाउंटर से पहले कानपुर के बिकरू गांव से विकास के भागने और पनाह देने में मदद की थी।
कई पुलिसवालों को दे रखे थे प्लॉट
एनकाउंटर से पहले उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए थे। एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि विकास दुबे ने अपनी आवासीय योजना में कई पुलिसवालों को सस्ते दामों में प्लॉट दे रखे थे। उसने यह भी बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को हर महीने रकम भी पहुंचवाता था। एसटीएफ इन पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
विकास की पत्नी ने कहा- जरूरत पड़ी तो बंदूक भी उठाऊंगी

शराब कारोबारी ने की 'सरेंडर' में मदद
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के एक शराब कारोबारी की मदद से विकास ने वहां (उज्जैन) कथित सरेंडर किया था। इस शराब कारोबारी के मध्य प्रदेश में काफी करीबी राजनीतिक संपर्क हैं। शराब कारोबारी का यह संपर्क विकास से भी जुड़ा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन में एक बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई थी। हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
फरारी के दौरान तीन बार नोएडा गया था
पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि वह तीन बार नोएडा गया था। विकास दुबे फरारी काटने के दौरान तीन बार नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद गया लेकिन यूपी पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी। जबकि दावे हर नाके, चौराहे और बॉर्डर एरिया में सघन चेकिंग के हो रहे थे। उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह तीन बार नोएडा गया था।

विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था। बावजूद इसके विकास दुबे तीन बार नोएडा गया और पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। विकास ने रास्ते में हुई पूछताछ के दौरान बताया कि दो जुलाई के बाद वह दो दिन तक कानपुर देहात के शिवली में अपने करीबी के घर रुका था। फिर वहां से फरीदाबाद जाना तय किया। उसने एक निजी गाड़ी का इंतजाम किया और नोएडा के रास्ते फरीदाबाद गया।
अदालत में सरेंडर का प्लान
इस दौरान उसकी कार की कहीं चेकिंग नहीं की गई। 7 जुलाई को उसकी फरीदाबाद से जुड़े वीडियो फुटेज वायरल होने के बाद उसे लगा कि पकड़ा जा सकता है तो वह वहां नोएडा गया और एक वकील से मुलाकात की। वकील ने उससे अदालत में सरेंडर की एप्लिकेशन लगाने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। उसके पास कैश नहीं था इसलिए उसने परिचित के जरिए ऑनलाइन फीस का भुगतान करवाने की बात कही। बाद में वह फिर नोएडा से फरीदाबाद आ गया था। बाद में उसका नोएडा का भी एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ था। लेकिन तमाम नाकेबंदी के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी।

विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
पुलिसकर्मियों को मारने की घटना को अंजाम देने के बाद से ही लुकाछिपी का खेल खेल रहे विकास दुबे को उज्जैन से लाते वक्त कानपुर हाइवे पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। हालांकि अभी भी पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रहे कुछ बदमाश फरार हैं।
 
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
थाने में लिखी गई पहली एफआईआर में 21 नामजद समेत 60-70 अज्ञात को दर्ज किया गया था। अब तक की कार्रवाई में 6 लोग मुठभेड़ में मारे गए, जबकि दो पुलिसकर्मी विनय तिवारी और के के शर्मा सहित 14 लोग जेल भेजे गए हैं। पुलिस को करीब 60 लोगों की तलाश है, जिनमें 12 इनामी बदमाश हैं।
 
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
अपर पुलिस महािदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे गैंग के जिन 12 बदमाशों की तलाश है। उनमें से दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है जबकि बाकी 10 अपराधियों पर 50-50 हजार का इनाम है।
 
फरार हैं सभी 12 अपराधी
फरार हैं सभी 12 अपराधी
इनमें गोपाल सैनी और हीरू दुबे पर एक-एक लाख का इनाम है। जबकि छोटू शुक्ला, शशिकांत पंडित, शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शिवम दुबे, बाल गोविंद, बउवन शुक्ला, विष्णु पाल यादव और मोनू पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है।
 
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
अभी तक पुलिस और एसटीएफ का मुख्य टारगेट विकास दुबे था। शुक्रवार को उसके मारे जाने के बाद पुलिस और यूपी एसटीएफ का पूरा फोकस इन 12 इनामियों को गिरफ्तार करने पर होगा।
 
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अभी तक यूपी पुलिस और एसटीएफ विकास दूबे के अलावा उसके करीबी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और बउवन दुबे को मुठभेड़ में मार चुकी है। जबकि दयाशंकर अग्निहोत्री, जहान सिंह यादव और 50 हजार के इनामी श्यामू बाजपेई को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने अमर दुबे के पिता समेत चार अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की है।
 
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
विकास दुबे समेत गैंग के छह लोगों को मारने और तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस और एसटीएफ अभी तक लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल बरामद नहीं कर पाए हैं। ये हथियार दो जुलाई की रात पुलिस पर हमले के बाद लूटे गए थे। इसके अलावा 9 एमएम की तीन पिस्टल भी लूटी गई थीं, जिन्हें पुलिस अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और प्रभात मिश्रा के पास से बरामद कर चुकी है।
 
पुलिस की दलील
इधर, यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस विकास को उज्जैन से ट्रांजिंट रिमांड पर नहीं, बल्कि सुपुर्दगी में लेकर आए थे। उज्जैन पुलिस ने विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई थी। इसलिए उसे कोर्ट में नहीं पेश किया गया। उज्जैन पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि विकास जब महाकाल मंदिर के बाहर से हिरासत में लिया गया तो उससे पूछताछ की गई।
इसके साथ ही यूपी पुलिस को उसके पकड़े जाने की सूचना दे दी गई। जब यूपी पुलिस की टीम वहां पहुंची तो विकास को उनके सुपुर्द कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक बड़े स्तर पर हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ था कि उज्जैन पुलिस द्वारा विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई जाएगी। हालांकि इससे पहले एमपी के सीएम और गृह मंत्री ने अपने बयान में विकास की गिरफ्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई दी थी।विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं।
कानपुर का मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे एनकाउंटर में मारा गया, उज्जैन में गिरफ्तारी देने के बाद यूपी पुलिस की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी, इसी क्रम में पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया, विकास मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, जिसमें पुलिस फायरिंग में मारा गया। कई सालों से कानपुर में अपराध की दुनिया में राज करने वाले गैंगस्टर विकास का परिवार भी काफी बड़ा है, उसकी पत्नी राजनीति में सक्रिय है, विकास के परिवार में उनके बूढे माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे भी हैं।


 अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है विकास के बच्चे,,,
पत्नी और बच्चे
विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं, वो पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है, विकास और ऋचा के 2 बेटे हैं, जिनका नाम आकाश और शानू है, बड़ा बेटा आकाश अमेरिका में पढाई कर रहा है, जबकि छोटा बेटा शानू फिलहाल बारहवीं में पढ रहा है, वो लखनऊ में अपनी मां के साथ रहता था।

मां-बाप
विकास के माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं, पिता तो उसी मकान में विकास के साथ ही रहते थे, जिससे विकरु में फायरिंग की गई थी, जबकि उनकी मां अपने छोटे बेटे-बहू के साथ रहती है,                  
विकास के छोटे भाई की पत्नी भी राजनीति में सक्रिय है, वो नगर पंचायत सदस्य है।

भाई-बहन
विकास दूबे का एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम दीप प्रकाश दूबे है, दीप अपनी पत्नी अंजलि दूबे और मां के साथ अलग मकान में रहता है, विकास की 2 बहनें रेखा और किरण की मौत हो चुकी है, जबकि एक छोटी बहन चंद्रकांता दुबे शिवली में रहती है।