भारतीय अध्यात्म को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने वाले स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन। स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज मिर्ची बाबा




भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने महान दार्शनिक और विख्यात आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। स्वामी वैराग्य नंद महाराज ने विवेकानंद जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए कहा कि स्वामी जी ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को मानवता कल्याण का मार्ग दिखाया।दुनिया में हिंदू धर्म और भारत की प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले विवेकानंद जी ने एक आध्यात्मिक हस्ती होने के बावजूद युवाओं के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।उन्हें देश और युवाओं से काफी प्यार था। 

         मिर्ची बाबा ने कहा कि स्वामी जी का "उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए" का आवाहन युवाओं को सदैव प्रेरित करता है। स्वामी जी के अमूल्य विचार सदियों तक पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे
         
         आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि वर्ष 1893 मैं विश्व धर्म संसद में उनके ओजपूर्ण भाषण से ही विश्व मंच पर न केवल हिंदू धर्म बल्कि भारत की भी प्रतिष्ठा स्थापित हुई। 11 सितंबर 1893 को इस संसद में जब उन्होंने अपना संबोधन अमेरिका के भाइयों और बहनों से प्रारंभ किया तब काफी देर तक तालियों की गड़गड़ाहट होती रही। उनके तर्कपूर्ण भाषण से लोग अभिभूत हो गए। उन्हें निमंत्रणों का ताता लग गया। स्वामी विवेकानंद ने देश और दुनिया का काफी भ्रमण किया। वह नर सेवा को ही नारायण सेवा मानते थे। उन्होंने रामकृष्ण के नाम पर रामकृष्ण मिशन और मठ की स्थापना की। 4 जुलाई 1902 को उन्होंने बेल्लूर मठ में अपने गुरु भाई स्वामी प्रेमानंद को मठ के भविष्य के बारे में निर्देश देने के बाद महासमाधि ले ली।