उपचुनाव में फूल सिंह बरैया को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, कांग्रेस कर रही तैयारी

राज्यसभा चुनाव हारने के बाद बरैया कि उपचुनाव में बड़ी भूमिका रहेगी. कांग्रेस फूल सिंह बरैया को उपचुनाव की 16 सीटों पर आरक्षित वर्ग का चेहरा बना सकती है. जिसके लिए कांग्रेस उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है.
                                                                                                                                                                                                                                             
                                                                                                                                                               भोपाल राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस के दूसरे नंबर के प्रत्याशी फूल सिंह बरैया भले कम विधायकों के समर्थन के चलते राज्यसभा नहीं जा पाए, लेकिन मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में उनकी भूमिका काफी अहम दिखाई दे रही है. प्रदेश की 16 सीटों पर बरैया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और कांग्रेस इस उपचुनाव में उन्हें प्रत्याशी भी बना सकती है. वहीं फूल सिंह बरैया इन 16 सीटों में प्रचार करते हुए भी दिखाई देंगे.बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस उपचुनाव में फूल सिंह बरैया को एक बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है. आरक्षित वर्ग के चेहरे के तौर पर बरैया को ग्वालियर चंबल संभाग में ही ध्यान देने को कहा गया है. हालांकि बरैया पहले ही साफ कर चुके हैं कि उन्हें पार्टी के द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी वे उसे पूर्ण रूप से निभाएंगे. बता दें कि दो दशक पहले दतिया के भांडेर से बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे फूल सिंह बरैया एक बार फिर राजनीति में आरक्षित वर्ग का बड़ा चेहरा बनकर सामने आए हैं. हालांकि कांग्रेस ये जानती थी कि राज्यसभा में उनके पास विधायकों की संख्या कम है, उसके बावजूद भी कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा प्रत्याशी बनाया था. इससे कांग्रेस ने यह दिखाने कि कोशिश की है कि अनुसूचित जाति वर्ग कांग्रेस के लिए काफी महत्व रखती है.राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस का दाव उल्टा ही पड़ गया है, क्योंकि राज्यसभा के परिणाम आने के बाद बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजने को लेकर आरक्षित वर्ग का अपमान बताया था और ग्वालियर चंबल संभाग में इसे मुद्दा बनाने का ऐलान भी किया है. यही वजह है कि राज्यसभा चुनाव के बाद फूल सिंह बरैया का राजनीतिक महत्व अचानक बढ़ गया है.फूल सिंह बरैया आरक्षित वर्ग में जाटव समाज से आते हैं और उन्होंने पार्टी के समक्ष भी ये दावा किया है कि अनुसूचित जाति के वोट पर उनकी मजबूत पकड़ है. उन्होंने कहा है कि वह ग्वालियर चंबल संभाग में जिन 16 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं, वहां जाटव समाज के ही करीब 7 लाख से ज्यादा मतदाता है. अनुसूचित जाति वर्ग के सभी समाजों के वोट मिलाने पर 16 सीटों पर 10 लाख से ज्यादा मतदाता हो रहे हैं. ग्वालियर चंबल संभाग के उपचुनाव में इन वोटों को कांग्रेस निर्णायक मानकर चल रही है और इन्हीं वोटों के लिए फूल सिंह बरैया को पूरे क्षेत्र के लिए पार्टी अपना चेहरा बना सकती है. हालांकि इस क्षेत्र में फूल सिंह बरैया ने अनुसूचित जाति के लिए काफी काम किया है. यही वजह है कि कांग्रेस उपचुनाव में उनकी उपस्थिति को भुनाना चाहती है. वहीं दूसरी ओर फूल सिंह बरैया भी भांडेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जिसे लेकर उन्होंने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.

कांग्रेस फूल सिंह बरैया को उपचुनाव की 16 सीटों पर आरक्षित वर्ग का चेहरा बना सकती है.