विधायक बदलने के चक्कर में सरकार ही बदल गई

टोंकखुर्द विजेन्द्रसिंह ठाकुर

 सोनकच्छ  विधानसभा  व हाटपिपल्या में  के मतदाताओं ने विधायक बदलने का जो मनसूबा बनाया था आखिर वोकर दिखाया पर सरकार बदल जायेगा ये नही सोचा था।

वही अपसोस भी कर रही जनता। मध्यप्रदेश में पिछले 15 सालो से राज कर रही  भाजपा सरकार ने  प्रदेश के हर समाज ,परिवार,  अमीर,गरीब ,माध्यम वर्गी, नोकरी ,व्यपारी, किसान, मजदूर, शादी,जन्म, शिक्षा,तीर्थ, स्वस्थ्य ,बिजली ,पानी मकान, सब पर योजना बनाई ओर तमाम योजनाओं को  लागू भी किया ।  प्रदेश की जनता शिवराज सरकार के पहले तो गुणगान गाती  रही परन्तु जैसे जैसे चुनावी माहौल बनता रहा जनता के दिल में शिवराज सरकार के मंत्री विधायको से दूरियां बनाती नजर आई, आम जनता का मुड़ उन विधायको को बदलना था जो अपने क्षेत्र में आमजन को सन्तुष्ट नही कर पाए अपने क्षेत्र में उन योजनाओं का लाभ जनता तक पहुचाने में सफल नही हो पाए ओर साफ साफ उन विधायको ,मंत्रियों  का खुला विरोध भी किया यहा तक भी कहा गया कि इस बार इन विधायको को टिकिट देने पर विरोध दर्ज भी कराएँगे ओर विरोध दर्ज भी  कराया परन्तु टिकिट वितरण  में भाजपा के संगठन ने भी कोई ध्यान नही दिया लेकिन संघ ने सीटों को लेकर विधायको ओर क्षेत्र की जनता के रुख को देख कर सरकार को अवगत कराया ओर सुझाव दिए, परन्तु सरकार ने कई जगह विधायको ,ओर मंत्रीयो को रिपीट किया तो मध्यप्रदेश के मतदाताओ ने अपने रोष को  वोटो की मार मे बदल दिया उन्होंने सोचा कि हम अपने विधायको ही बदल देते है । विरोध का यह क्रम बढ़ता गया, ओर इसी बदले की भावना में सरकार ही बदल गई। मतदाता का कहना है कि हम तो केवल विधायक बदलना चाहते थे सरकार नहीं। सरकार बदलते देख कई ग्रामीण गाँवकी चौपालों पर पछताते नजर आए की यह क्या हो गया हम तो विधायक बदले ने निकले थे ओर हमारी तो सरकार ही बदल गई। ओर कुछ तो यहा तक कहने लगे अब क्या होत है जब चिडिय़ा चुग गई खेत।