बीजेपी और कांग्रेस को बागी और असंतुष्ठों से ज्यादा खतरा

गरोठ से गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट। ..... कल हुए ताबड़तोड़ नामांकन के बाद यह स्थिति बनते दिखाई दे रही है की गरोठ विधानसभा में दोनो प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस में हार जीत का परीणाम निर्दलीय और बागीयों ने अपने हाथ में ले रखा है ।
                गरोठ सीट पर कांग्रेस के आठवीं मर्तबा प्रत्याशी बनकर उतरे सुभाष सोजतिया को लेकर कांग्रेस के कई नेता खुले तौर पर सामने आ गए है , खास तौर पर यह भी देखने को मिला की कभी सुभाष सोजतिया के आजुबाजु रहे उन्ही के कांग्रेसी साथी बगावत पर उतरते हुए नामांकन भी दाखिल कर चुके है । अब सुभाष सोजतिया पर बाहरी ( इंदौर निवासरत) होने के साथ ही चुनावों से पहले सक्रीय होने , संगठनात्मक रुप से निष्क्रिय होने के सफा सफा आरोप सामने आ गए है । कभी सुभाष सोजतिया के दायां हाथ कहलाने वाले पुर्व जनपद अध्यक्ष तुफानसिंह सिसौदिया यदी सोजतिया से असंतुष्ट कांग्रेसजनो और सोंधिया समाज के लगभग 45 हजार मतदाताओं के साथ लेकर चुनावी वैतरणी में उतर जाते है तो वे सुभाष सोजतिया को तीसरे नम्बर लाने का दम भी दिखा सकते है । कल शुक्रवार को तुफानसिंह ने अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया है ।
                गौरतलब यह भी है की पुर्वमंत्री सुभाष सोजतिया की इतनी खिलाफत पहली बार देखने को मिल रही है । जिला पंचायत सदस्य त्रिलोक पाटीदार , किशनसिंह पावटी , पुर्व जनपद अध्यक्ष रीनाकुंवर सिसौदिया , सिंधिया ब्रिगेड के दिनेश सोनी , गांधीसागर के दिलीप तिल्लानी ने नामांकन दाखिल किए है । फार्म वापसी के दिन पता चल पाएगा की इनकी मैदानी पकड़ कीतनी है और ये सभी सोजतिया विरोधी किसे अपना नेतृत्वकर्ता चुनकर जनता के बीच चुनाव के लिये भेजते है । कुछ कांग्रेसी तो ये बोलवचन भी दे रहे है की 15 नवम्बर को इनमें से आधे से ज्यादा सोजतिया के #दरबार में रत्न बनते दिखाई देंगे । कांग्रेस की खातिर सोजतिया का साथ देने का बयान देते दिखाई देंगे । इनमें से आधे प्रत्याशी नेताओं की पहचान सुभाष सोजतिया के कारण ही बनी है और सुभाष सोजतिया इन्हे गले लगा लेंगे और विरोध फुर्र हो जाएगा ।
                   इधर भाजपा में देवीलाल धाकड़ को सोजतिया विरोधियों के द्वारा पका पकाया समर्थन मिलने की भी पुरी सम्भावना के चलते छाने माने बैठे भाजपाई भी जोश में आते दिखे है । विधायक चंदरसिंह सिसौदिया ने भी नामांकन दाखिल कीया है लेकिन संगठन उन्हे मनाने की तैयारी में है । जिला पंचायत सदस्य अमरलाल मीणा ने भी फार्म डाला है । उन्हे भी भाजपा संगठन मनाने के लिये प्रयासरत है । दिक्कत बस कांग्रेस में है । यहाँ कोई मनाने वाला नही दिख रहा है और मानने वाले भी मानने को तैयार नही दिख रहे है । सभी का एक ही राग अलाप सुनाई दे रहा है की हमारे इतने विरोध के बावजुद दो बार हारे , भानपुरा की बजाय इंदौर रहने वाले , बीमार चल रहे सुभाष सोजतिया को आखिर आलाकमान ने उम्मीदवार क्यो बनाया ? आठवीं बार भी सोजतिया लडेंगे तो क्या हमारे पौतो को विधानसभा चुनाव लड़वाएंगे ?
                   भाजपा जिलाध्यक्ष व गरोठ प्रत्याशी देवीलाल धाकड़ ने नामांकन के समय मेलखेडा़ मण्डल अध्यक्ष कान्जी मतवाला और गरोठ मण्डल अध्यक्ष राजेश सेठीया को सेनापति बनाए रखा वही गरोठ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष विजय पाटीदार नामांकन के समय सोजतिया की बजाय विरोधी खेमे के साथ खडे़ नजर आए । शामगढ़ ब्लाक से भी कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष सोजतिया के साथ कोई नजर नही आया जबकी भाजपा प्रत्याशी देवीलाल धाकड़ के नामांकन में शामगढ़ नप अध्यक्ष अर्जुन सोनी , उपाध्यक्ष दिपक जांगडे़ , पार्षद नीलु खन्ना भी नजर आए ।
               उल्लेखनीय है की शामगढ़ क्षेत्र गरोठ विधानसभा क्षेत्र की 21 पंचायतो को कवर करता है जिसमें खजुरीपंथ , परासली , जमुनिया , मेलखेडां , बघुनिया , पण्डेरीया , ढा़बला गुर्जर , सेमली शंकर ,सगोरीया जैसे गांव शामिल है जहाँ शामगढ़ के नेताओ का प्रभाव व दखलंदाजी देखने को मिलती है ।
             भाजपा प्रत्याशी देवीलाल धाकड़ को टिकट से वंचित रह गए विधायक चंदरसिंह सिसौदिया के साथ की जरुरत है लेकिन इधर सुभाष सोजतिया किस किस को अपने साथ ले पाएंगे क्योंकि यहाँ तो विरोधिया का भी रैला निकल पडा़ है । एक फण्डा ये भी हो सकता है की 13 नवम्बर को पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह या कमलनाथ के मार्फत सभी विरोधियों को संतुष्ट किया जा सकता है । 14 नवम्बर को फार्म वापसी का आखरी दिन है । 14 के बाद स्थिति साफ हो सकेगी की कौन मैदान में कितना टिक पाएगा ?

भाजपा व कांग्रेस में हार जीत का परीणाम निर्दलीय और बागीयों ने अपने हाथ में ले रखा है ।