श्री केसरीयानाथ प्रभू की आकर्षक अंग रचना कर की ज्ञान की पुजन

पेटलावद से राजेश राठौड़........पेटलावद = झकनावदा दिपावली के पाॅचवें दिन मनाये जाने वाले ज्ञान पंचमी का अपने जीवन में बड़ा ही महत्व है। प्रचिन काल में देव मुनियों ने कहाॅ था कि यदि मानव भव में काई भी इंसान यदि ज्ञान की पुस्तिकाओं की पुजन करता है, तो उसकी जीवन भर याददास्त मजबुत हो जाती है व इसके साथ ही ज्ञान की पुजन करने से अपने जीवन से रोग कोषो दुर हो जाते है। हम निरोगी होते है। मुनि भगवन्तो के इस कथन के साथ ही ज्ञान पंचमी के सुअवसर पर झाबुआ जिले के सुप्रसिद्ध अति चमत्कारीक श्री केसरीयानाथ (आदिनाथ) जैन मंदिर पर सुबह से ही भक्तो का दर्षन पुजन हेतु जमावड़ा दिखाई दिया। सुबह से ही समाजजन विधी विधान से केसर पुजन, पुष्प पुजन,धुप-दीप पुजन करते नजर आये।
प्रभू की आकर्षक अंगरचना की
अखील भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् शाखा झकनावदा के परिषद् अध्यक्ष एवं जैन श्वेताम्बर सोष्यल गु्रप्स फेडरेषन के जिला प्रभारी मनीष कुमट द्वारा प्रभू श्री केसरीयानाथ भगवान की चमक (बादला) से आकर्षक अंगरचना की गई। जिसकी उपस्थित समाजजनो ने खुब सराहना की। जिसके बाद जिनालय व्यवस्थापक कनकमल माण्डोत,मनीष कुमट,विक्की सेठीया,नयन माण्डोत, एवं अखील भारतीय श्री राजेन्द्र जैन महिला परिषद् की श्रीमति रितीका माण्डोत,श्रीमति सोनल माण्डोत,कुमारी नेहा सेठीया,कुमारी भव्या जैन ने उपस्थित होकर ज्ञान की पुजन की। एवं इसके साथ ही सभी ने ज्ञान पंचमी की एक दुसरे को बधाईयाॅ दी।

ज्ञान पंचमी का अपने जीवन में बड़ा ही महत्व है।