उज्जैन आदिम जाति कल्याण विभाग की गलतियों का खामियाजा भुगत रहा है।इनका पूरा परिवार



उज्जैन संवाददाता सुनील परमार -आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदर्श कन्या आश्रम विक्रम यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित, मैं श्रीमती लीला बाई डाबी पति स्वर्गीय श्री पीरुलाल डाबी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं।वर्ष 2007 जुलाई माह से उनके निर्धारित वेतन से अधिक भुगतान हुआ है। और अब जाकर वर्ष 2021 में आदिम जाति कल्याण विभाग को अपनी गलतियों का पता चला है। आदिम जाति कल्याण विभाग ने अपनी गलती छुपाने के लिए मनमाने ढंग से लीलाबाई डाबी के वेतन से कटौती शुरू कर दी है।
    श्रीमती लीला बाई डाबी का कहना है कि यह गलती मेरे द्वारा नहीं की गई है। ना ही मैंने आदिम जाति कल्याण विभाग से कहा कि मुझे निर्धारित वेतन से ज्यादा भुगतान करें। अब विभाग ने फरवरी माह 2021 से मेरे वेतन में से कभी 14000 तो कभी 13000 लगभग कटौती की जा रही हैं। मेरा मूल वेतन 33003 रुपए हैं जिसमें से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मैंने लोन ले रखा है जिसकी किस्त लगभग 13000 हर माह कटती है।
              श्रीमती लीला बाई का कहना है कि मैं जब बैंक अपनी सैलरी निकालने पहुंची तो मुझे इस बात का पता चला कि विभाग द्वारा मेरे खाते से हर महा तेरा ₹14000 काटे जा रहे हैं जब मैंने विभाग से संपर्क किया तो विभाग ने बताया कि आपको 2007 से त्रुटिपूर्ण निर्धारित भुगतान से ज्यादा भुगतान किया गया है जब मैंने अधिकारी से कहा कि आपने जिस तरह से हर महा मुझे वेतन से अतिरिक्त भुगतान किया है वैसे ही आप हर महा थोड़े-थोड़े करके मेरे खाते से कटौती कर लीजिए। तब विभाग के लोगों ने कहा कि नियमानुसार आपको 2007 से अभी तक लगभग ₹52000 रुपए ज्यादा भुगतान किया गया है जिसका ब्याज अभी तक का ₹60000 बनता है। आपसे लगभग 114000 की वसूली होना है।
   इस पर श्रीमती लीला बाई का कहना है कि विभाग ने जो मेरे खाते में वेतन से अतिरिक्त भुगतान दिया है मैं वह भुगतान वापस करने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं ब्याज किस बात का दु।
यह मेरी गलती नहीं है यह विभाग की गलती है तो विभाग की गलती का खामियाजा में क्यों भुक्तू।
     अभी पूरे प्रदेश में lockdown है। ऐसे में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मेरे खाते से ₹14000 की कटौती कर ली गई है एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ₹13000 की किस्त की कटौती कर ली है ऐसे में मेरे पास सिर्फ ₹5000 बचते हैं।
                 ऐसी मुश्किल घड़ी में मैं अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करूं मैं किराए के घर में रहती हूं जिसका किराया मुझे ₹6000 हर महा देना पड़ता है एवं मेरे साथ मेरी दो बेटियां रहती हैं और मेरा नवासा भी मेरे साथ ही रहता है इन सब की जिम्मेदारी मुझ पर ही ऐसे में मैं अपना परिवार का भरण पोषण कैसे करूं। संपूर्ण मामले को लेकर उज्जैन कलेक्टर से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया