लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयोग ने की तय लिमिट व बनाएं नियम

गजेंद्र सिंह चंद्रावत। ....                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
भोपाल।लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। इस बार  भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन 2019 में अभ्यर्थियों के लिये व्यय सीमा रूपये 70 लाख निर्धारित की है।2014  में यह सीमा 40  लाख रुपये थी।इसके साथ ही वाहनों के इस्तेमाल पर अभ्यर्थी को अनुमति लेनी होगी। खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी को अलग से खाता खुलवाना अनिवार्य होगा, और व्यय का भुगतान चेक के माध्यम से ही होगा।  इसके अलावा प्रत्याशियों द्वारा कानून के अन्तर्गत सीमा में किए गये सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, जनसभा, टेंट और ऐसे सभी व्यय जिनका रिकॉर्ड संधारित किया जाता है, इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। निर्वाचन घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा तक राजनीतिक दलों का पार्टी व्यय पर उडनदस्ता नजर रखेगा। 
                                                                                                                                                               बैंक में खाता खुलवाना और व्यय का चैक से करना होगा भुगतान
लोक सभा निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा कानून के अन्तर्गत सीमा में किये गये सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, जन-सभा, टेंट और ऐसे सभी व्यय जिनका रिकार्ड संधारित किया जाता है, इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। सभी अभ्यर्थियों को व्यय के लिये बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा और व्यय का भुगतान चैक द्वारा किया जायेगा। प्रत्याशियों को व्यय का अलग रजिस्टर बनाना होगा। जिसमें रोजाना का खर्चा प्रत्याशियों को रजिस्टर में लिखना होगा। व्यय पर्यवेक्षक कभी भी इन रजिस्टर का निरीक्षण कर सकते है। हर 15 दिन में प्रशासन की लेखा टीम और प्रत्याशियों द्वारा जोड़े गए हिसाब का मिलान किया जाएगा।
                                                                                                                                                                     वाहनों के लिए लेनी पडेगी अनुमति
प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी वाहनों की अनुमति जिला रिटर्निंग अधिकारी से लेनी पड़ेगी। अनुमति के बाद ही वाहन प्रचार में लगा पाएंगे। यदि बिना परमिशन के वाहन चलाए गए तो जब्ती की कार्रवाई प्रशासन करेगा।
                                                                                                                                                                   अभ्यर्थी को 48 घंटे में देना होगा जवाब
जिन मामलों में अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन एजेन्ट द्वारा नोटिस मिलने के 48 घण्टों की समय सीमा में उत्तर प्रस्तुत नही किया जाता है तो यह माना जायेगा कि नोटिस में उल्लेखित छुपाई गई धनराशि की बात स्वीकार कर ली है और ऐसे अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय  में राशि को जोड़ा जायेगा। जिन भी मामलों में अभ्यर्थी या उसके एजेंट को प्रशासन द्वारा नोटिस दिया जाएगा उसके 48 घंटों के अंदर नोटिस का जवाब देना होगा। जवाब नहीं देने पर प्रत्याशी के खिलाफ रिटर्रिंग अधिकारी कार्रवाई करेंगे। नोटिस दिये जाने के बावजूद यह विफलता बनी रहती है तो ऐसे नोटिस के तामील किये जाने के 48 घंटो के बाद भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज की जायेगीं, और निर्वाचन अभियान के लिए अभ्यर्थी द्वारा वाहनों के इस्तेमाल के लिए अनुमति वापस ले ली जायेगी
                                                                                                                                                                     आयोग द्वारा रखी जाएगी पैनी नजर
निर्वाचन की घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम घोषणा की तारीख तक राजनैतिक दलों के पार्टी व्यय पर उड़नदस्ता के जरिये जिला प्राधिकारियों द्वारा नजर रखी जायेगी। यह व्यय अभ्यर्थी के व्यय में नही जोड़ा जायेगा फिर भी साक्ष्य के साथ अभिलेखवद्ध प्रेक्षकों की रिपोर्ट निर्वाचन परिणामों की घोषणा के 45 दिनों में विनिर्दिष्ट प्रोफार्मा में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दी जानी चाहिये।निर्वाचन व्यय मॉनीटरिंग के लिये केन्द्रीय व्यय प्रेक्षक, सहायक प्रेक्षक, नोडल अधिकारी, वीडियो निगरानी, वीडियो अवलोकन, लेखा टीम, उडनदस्ता दल(एफ.एस.टी), स्थैतिक निगरानी दल (एस.एस.टी) एवं कंट्रोल रूम के जरिये व्यय निगरानी रखी जावेगी।

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