प्रदेश में विपक्ष के नेताओ से नही छूट रहे बंगले, कमलनाथ के मंत्री रेस्ट हाउस में

गजेंद्र सिंह चंद्रावत। .......                                                                                                                                                                                                                                                                                         सरकार बनी, सीएम बने, मंत्री बने. विधानसभा में शपथ भी हो गई और एक सत्र भी गुजर गया, लेकिन बेचारे कमलनाथ सरकार के स्पेशल-28 को बंगलों में रहने का आनंद अभी तक नहीं मिल पाया है. आलम ये है कि कमलनाथ के स्पेशल-28 के कई सदस्य रेस्ट हाउस में रह रहे हैं और बीजेपी के नेता बंगलों में मजे कर रहे हैं. बंगले खाली न होने के चलते मंत्रियों की भोपाल में रहने के लिए ठिकाने की तलाश अभी तक अधूरी है।
शिवराज सरकार में जनसंपर्क मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा का बंगला नं डी-13 कमलनाथ सरकार में खेल मंत्री जीतू पटवारी को आवंटित हुआ था लेकिन नरोत्तम मिश्रा ने फिलहाल बंगला खाली नहीं किया है.

74 बंगले का बंगला नं बी-8 वित्त मंत्री तरुण भनोट को आवंटित हुआ था, इस बंगले में फिलहाल पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रह रहे हैं. शिवराज सिंह प्रोफेसर कॉलोनी स्थित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बंगले में शिफ्ट होने से पहले तक इस बंगले में ही रहेंगे.

खाद्य मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर को 74 बंगले का बंगला नं बी-31 आवंटित हुआ था, इस बंगले में अभी तक प्रभात झा रह रहे थे. प्रभात झा का इरादा फिलहाल बंगला खाली करने का नहीं है, लिहाजा मंत्री जी रेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हैं. कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4 इमली स्थित पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का बंगला पसंद आया था, लेकिन भूपेंद्र सिंह का भी फिलहाल बंगला खाली करने का इरादा नहीं है, ऐसे में सिंधिया अभी तक बंगले के लिए भटक ही रहे हैं.

पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान का बंगला मंत्री उमंग सिंघार को आवंटित हुआ था लेकिन ये बंगला भी खाली नहीं हुआ. बीजेपी नेताओं की ओर से बंगले खाली न होने पर अब इस पर सियासत भी शुरु हो गई है । कांग्रेस की मानें तो बीजेपी नेताओं का गुरुर तो जनता ने मिटा दिया लेकिन फितूर जाने का नाम नहीं ले रहा है.

एक तरफ मंत्रियों का बंगलों के लिए इंतजार और दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं का बंगलों से प्यार. इससे इतना तो साफ है कि अगर बंगले खाली न हुए तो मंत्रियों को रेस्ट हाउस में ही और दिन गुजारने पड़ सकते हैं।

कमलनाथ के मंत्री रेस्ट हाउस में