
सरकार के फैसले में कहा गया है कि पुलिस बैंड के वल्लभ भवन परिसर में पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’गाया जाएगा। इस कार्यक्रम को आकर्षक बनाकर आम लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को कहा था कि वंदेमातरम अब बड़े पैमाने पर होगा। इस आयोजन में कर्मचारियों के साथ जनता की भी भागीदारी होगी। शाह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने वंदेमातरम का अर्थ समझाते हुए कहा था- ‘आजादी की लड़ाई के दौरान वंदेमातरम गीत का अर्थ था, भारत मां को ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से मुक्त कराना।’
एक जनवरी को गायन नहीं होने पर मचा था घमासान : कमलनाथ सरकार आने के बाद एक जनवरी को वंदेमातरम का गायन नहीं हुआ था। सरकार के इस फैसले पर घमासान मच गया है। इसकी लपटें दिल्ली तक पहुंच गईं। रोक के 24 घंटे बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे कांग्रेस का शर्मनाक कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है।
इससे पहले भोपाल में बुधवार की सुबह भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्रनाथ सिंह के नेतृत्व में विधायक विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा समेत तमाम नेता मंत्रालय में वंदे मातरम के लिए पहुंचे और गायन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी को सभी विधायक सुबह 10 बजे पहले मंत्रालय के सामने मैदान में वंदेमातरम गायन करें
एक टिप्पणी भेजें