गरोठ अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष श्रीमती प्रीति गौतम  मंदसौर के नेतृत्व में कार्यकारणी का गठन किया जिसमें सभी तहसीलों में पदाधिकारी नियुक्त किए। समाज मे श्रेस्ट कार्य एवं अहम  योगदान को देखते हुए। तहसील गरोठ क्षेत्र से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में  श्रीमती पवन गजेन्द्रसिंह चन्द्रावत को तहसील उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त कर उत्तरदायित्व पद प्रदान किया गया। संग़ठन को नई उचाइयो पर स्थापित करने एवं क्षत्रिय समाज की उन्नति के लिए सामाजिक कार्य करने के लिए पद की जिम्मेदारी दी गई। जिला संघठन में  श्रीमती कमलेश सिसोदिया जिला उपाध्यक्ष, श्रीमती प्रतिभा तौमर जिला उपाध्यक्ष , श्रीमती मंजुला चौहान गरोठ तहसिल अध्यक्ष सहित श्रीमती पूजा चन्द्रावत, सोना कंवर, मंजू चन्द्रावत, मिथलेश चन्द्रावत, शिवा चन्द्रावत,अन्य पदाधिकारी द्वारा शाल श्रीफल पुष्प माला सहित नियुक्ति पत्र देकर  सभी ने सम्मानित कर

गजेन्द्र  सिंह चन्द्रावत                                                                                                                                                                                                                   

                                                                                                                                                                                    
मालवा की गौरवशाली शस्य श्यामल धरापरस्थित नीमच जिले के पुण्यांचल कोसुशोभितकरता रेतम नदी के पावन तट पर भक्तिएवंशक्ति का अनुपम स्थल मां दुर्गा का विशाल ऐतिहासिक प्रसिद्ध मंदिर जहांप्रतिदिनसैंकड़ों भक्त चमत्कारी मां भवानी के दर्शन कर अपने आपको धन्य मानते हैं।
मालवांचल में यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नीमचजिला मुख्यालय से 58 किमी दूर मनासातहसील के दक्षिण में स्थितहै। यह चमत्कारिकभव्य मंदिर प्रकृति की सुरम्य गोद में स्थित होकरवर्तमान में गांधीसागर डूब क्षेत्र में होने से प्रायःनदी का पानी मंदिर को चारों ओर से घेरे रहताहै। प्राकृतिक जल सौदर्य से मंदिर की शोभाद्विगुणित होकरमनमोहक हो जाती है जिसकेकारण दर्शनार्थी बरबस ही खींचे चले आते हैं।दर्शन लाभ के साथ उन्हें नौका विहारका आनंदभी प्राप्त होता है।
मां भवानी के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर कानिर्माण नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ केअभिलेख के अनुसारविक्रम संवत् 1327 मेंतत्कालीन रामपुरा स्टेट के राव सेवाजी खीमाजीद्वारा करवाया गया था, जो विक्रम संवत्में बनकरपूर्ण हुआ था। इस मंदिर की लागत 7333 रूपयेबताई जाती है। यह प्राचीन मंदिर मालव माटीकेप्रसिद्ध लेखक, कवि एवं कहानीकार डॉ. पूरणसहगल द्वारा लिखी पुस्तक ’चारण की बेटी’ केअनुसार 700 वर्षपुराना है। जगत जननीजगन्नियन्ता जगदम्बा दक्षिण दिशा से नदी केहनुमान घाट से मंदिर में आकरविराजमान हुई हैं।आज भी हनुमान घाट के पत्थर पर मां के वाहनका पदचिन्ह अंकित है, जहां पूजा अर्चनाकीजाती है तथा दूसरा पदचिन्ह मंदिर पर अंकितहै। स्वयं प्रतिष्ठित माता जो मंदिर के गर्भगृह मेंविराजित है।भैंसावरी माता के नाम से जानीजाती है तथा पास में विराजित (दाईं ओर) शेरकी सवारी पर मां दुर्गा (कालिका) की दिव्यप्र्रतिमा है।
मां भवानी दिन में तीन स्वरूप करती हैं। प्रातःबाल अवस्था, दोपहर में युवा अवस्था तथासायंकाल में शील शांतअवस्था, ऐसे तीन रूपों मेंमां भक्तों को दर्शन देती है और मनोकामना पूर्णकरती है। चैत्र नवरात्रि एवं आश्विननवरात्रि मेंजगदम्बा के दर्शन का विशेष महत्व है। आश्विनशुक्ल प्रतिपदा को घटस्थापना के साथ यहांमंदिर मेंअखण्ड़ ज्योति स्थापित की जाती है।अनेक भक्तों द्वारा भी अलग-अलग अखण्ड़ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है।यह दृश्य दर्शनीयहोकर पुण्यदायी होता है।
प्रतिपदा से नवमी पर्यन्त यहां पंड़ितों द्वारा दुर्गासप्तशती के पाठ किये जाते हैं। नवमी तिथि कोयहां यज्ञ हवनहोता है जिसे देखने आसपास केगांवों के अलावा दूरदराज से भी कई भक्तगणयहां दर्शनार्थ आते हैं और यज्ञ हवनके दर्शन केसाथ मां के दर्शनों का पुण्यलाभ भी प्राप्त करतेहैं। इस जगत जननी जगदम्बा के मंदिर मेंभक्तगणअपनी मनोकामना पूर्ण होने पर हंसते-हंसते अपनी जिह्ना काटकर मां को भेंट कर देतेहैं। जगदम्बा की असीमकृपा से नौ दिनों में जिह्नापुनः आ जाती है। भक्त मां की जय-जयकारकरने लगता है। परिवार के लोग उसेबैंड़-बाजे,ढ़ोल-ढ़माकों के साथ बंधाकर अपने घर ले जातेहैं। इस चमत्कार को देखने कई भक्तगण आतेरहते हैं।दिव्य चमत्कार का प्रत्यक्ष दर्शन करकृत-कृत हो जाते हैं।
कहा जाता है कि रामपुरा के राव दिवान घोड़े परबैठकर प्रतिदिन सायं अपनी आराध्य मां के दर्शनहेतु आंतरीआते थे और पुनः रामपुरा चले जाते थेइसीलिये यह मां चंद्रावत चुड़ामणी के नाम से भीजानी जाती है। ऐसा भीकहा जाता है किचित्तौड़गढ़ दुर्ग के राणा भवानीसिंह के सुपुत्रचंद्रसिंह ने मां की अनन्य भक्ति की औरशुद्धअंतःकरण की प्रार्थना से प्रसन्न होकर उनकेसाथ मां कालिका (दुर्गा) आंतरी गांव को पधारीं।इस प्रकार चंद्रसिंहचित्तौड़ से मां कालिका कोआंतरी लाये और प्रतिष्ठा की।
हिन्दुस्तान के कोने-कोने में माता के अनेक तीर्थस्थान हैं जिनका अलग-अलग महत्व है। नीमच-मंदसौर जिलेमें भी मां के अनेक स्थान हैं जिनमेंअरावली व विंध्याचल की पर्वत श्रृंखला के मध्यजोगणिया माता, भादवामाता, दूधाखेड़ी माता,चैनामाता, कुशलामाता, नालछा माता, देवडुंगरिया माता, सांगा खेड़ा माता, आंवरीमाता(चीताखेड़ाके पास), चामुण्डामाता औरआंतरीमाता आदि परन्तु हमारे जिले मेंभादवामाता व आंतरीमाता दोप्रमुखआद्यशक्तियों के शक्तिपीठ विशेष महत्वरखते हैं। आस्था एवं श्रृद्धा के केन्द्र आंतरीमाताके प्रसिद्ध मंदिर का नामसंभाग के तीर्थ स्थलों मेंभी श्रृद्धापूर्वक लिया जाता है। मनासा तहसीलके गौरव जोगमाता के इस प्रसिद्ध मंदिर केप्रांगणमें प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के पावन पर्व परजनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत के संयुक्ततत्वावधान मेंविशाल मेले का आयोजन कियाजाता है। यह मेला 12 जनवरी से 20 जनवरी केबीच आयोजित किया जाता है।भक्तगण मेले मेंआकर इच्छित वस्तुओं को खरीदते हैं और मेलेका आनंद भी लेते हैं। इसके साथ ही मां के दर्शनों का पुण्यलाभ प्राप्त कर एक पंथ दो काजकरते हैं।

गजेंद्र सिंह चंद्रावत की रिपोर्ट....

मंदसौर 12 सितंबर 21/ जिले में डेंगू के विरुद्ध किए गए विशेष प्रयास से डेंगू के मरीजों में ऐतिहासिक रूप से कमी आने लगी है। वही आज डेंगू के मरीज मात्र 11 मिले हैं। जबकि 6 सितंबर को 19, 7 सितंबर को 59, 8 सितंबर को 35, 9 सितंबर को 46, 10 सितंबर को 36 एवं 11 सितंबर को मात्र 11 पॉजिटिव मरीज मिले। वहीं 14 मरीज डिस्चार्ज भी हुए। युद्ध स्तर पर किए गए प्रयास का ही परिणाम है कि अब डेंगू के मरीजों में कमी आने लगी है। वर्तमान में जिले में मात्र 233 मरीज डेंगू पॉजिटिव है। साथ ही दूसरी तरफ अब डेंगू मरीजों के मिलने की संख्या अब लगातार कम होने लगी हैं। बहुत जल्द डेंगू के विरुद्ध पूरी तरह सफलता प्राप्त हो जाएगी।

जिला अस्पताल में अब 23 बेड अभी भी डेंगू मरीजों के लिए खाली पड़े हुए हैं। वही 33 बैठ डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं। अब डेंगू के मरीजों के लिए बेड पर्याप्त मात्रा में खाली हैं।



गढ़वा : जिले के कांडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत घटहुआँ कला पंचायत में काफी अनियमितता बरती गई है, जिससे सरकार को भारी चुना लग रहा है। आवास की सूची के अनुसार अयोग्य व समर्थ लोगों को ही आवास मिल रहा है। कई ऐसे लोग हैं, जिनके पास पहले से पक्का का आवास है। इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिल रहा है। वहीं उक्त पंचायत में गरीबों को आवास नसीब नहीं हो रहा है, जबकि आवास की सूची में नाम भी अंकित है। जिन्हें आवास की जरूरत है उनमें घटहुआँ कला गांव निवासी- जयगोविंद राम, सागर राम, मुन्ना राम, भोला राम, कर्मदेव राम, ब्रह्मदेव राम, सत्येंद्र बैठा, रामजन्म राम, दिनेश राम, सेतो गांव निवासी- बीरेंद्र बैठा, भोला बैठा व लमारी खुर्द निवासी- ब्रजेश बैठा, विनोद बैठा सहित अन्य का नाम शामिल है। वहीं अयोग्य या जिनके पास पहले से पक्का का आवास है उनमें लमारी खुर्द निवासी- शम्भू साह, जित्येन्द्र साह, कंचन देवी, विभा कुमारी, जनकराज देवी, कविता देवी, अर्चना देवी, राजेन्द्र प्रसाद साह, जित्येन्द्र प्रसाद गुप्ता, रामनाथ साहू, सुमित्रा देवी, रामाशीष साव, ओलमा निवासी- राजेश्वर चौधरी, घटहुआँ कला निवासी- सुमित्रा देवी, राजा घटहुआँ निवासी- अरुण राम व अभिराज देवी दोनों के पुत्र सिपाही हैं। जबकि घटहुआँ कला निवासी- रविन्द्र चौबे का कई कमरों के भवन का दीवार खड़ा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले आवास की राशि से 10 वर्ष पुराने दीवार पर छत की ढलाई होगी, तैयारी जोरों पर है। एक किश्त निकल जाने की भी खबर है। साथ ही डीलर- कृष्णा प्रसाद साह के पुत्र- जयप्रकाश गुप्ता, निर्मला देवी, गीता देवी, अनिता देवी, विनोद बैठा को भी आवास मिला। आवास बन भी गया। जबकी पहले से ही उक्त लोगों के पास आलीशान बंगला व विशाल इमारत है। इस प्रकार कई अयोग्य व्यक्ति हैं, जिनका सूची में नाम शामिल है। इससे स्पष्ट होता है कि उक्त पंचायत में बिना जांच के आवास धड़ल्ले से दिया जा रहा है। पदाधिकारियों की भी लापरवाही दिख रही है कि आवास मिलने से पहले या आवास बनने के बाद भी जांच नहीं कि जाती है। इस संबंध में पूछने के लिए पंचायत के उपमुखिया- अजीज अंसारी से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयत्न किया गया, किन्तु उनका मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर होने के कारण बात नहीं हो सकी। वहीं इस संबंध में कांडी प्रखंड विकास पदाधिकारी- मनोज तिवारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरे आने से पहले ही ग्रामसभा हुई है, जिसमें आवास के अयोग्य व्यक्तियों को छांट देना था। इसके बावजूद भी यदि अयोग्य लाभुकों का नाम शामिल है तो इसे देख लिया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी किसी बैठक में शामिल थे।



संवाददाता- विवेक चौबे

 

गढ़वा : जिले के कांडी पुलिस लगातार दोषियों व अपराधियों पर नकेल कसने में अपनी भूमिका निभा रही है। इसीलिए कांडी थाना प्रभारी- नीतीश कुमार ईमानदारी व कुशल कार्य को लेकर चर्चे में हैं। उन्होंने अब तक कई गंभीर समस्याओं को चुटकी में सुलझा दिया है। क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल है। चुकी अपराधियों को पता है कि अपराध करने वाले को नीतीश कुमार किसी भी किम्मत पर बख्शते नहीं हैं।
शायद उन्होंने लिया है यह संकल्प…..

ऐसा प्रतीत होता है जैसे उन्होंने क्षेत्र में असामाजिक तत्वों, दोषियों व अपराधियों का खात्मा करने का संकल्प ले लिया हो।

खबर विस्तातार से…..

बता दें कि कांडी पुलिस ने विभिन्न मामलों के पांच प्राथमिकी अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। साथ ही एक नाबालिग को मोबाईल चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर संप्रेक्षण गृह मेदिनीनगर भेजा गया। इस सम्बंध में थाना प्रभारी- नीतीश कुमार ने बताया कि थाना कांड संख्या- 108/21 के अभियुक्त खरौंधा गांव निवासी- राहुल कुमार व सुबोध मेहता को गन्ना का रस निकालने वाले लोहे की मशीन की चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उक्त दोनों अपराधियों ने अपने स्वीकारोक्ति ब्यान में पुलिस को बताया कि भुड़वा गांव निवासी- राजू पासवान के साथ मिलकर हम तीनों ने खरौंधा गांव के संजय मेहता की मशीन की चोरी कर मझिआंव में एक कबाड़ी की दुकान में बिक्री किया हूं। इसी निशानदेही पर मझिआंव कबाड़ी के दुकान से उक्त मशीन की बरामदगी भी की गई है। उधर एक दूसरे मामले में थाना कांड संख्या 76/21 दिनांक 13 जून 2021 के प्राथमिकी अभियुक्त डेमा गांव के सतबहिनी टोला निवासी- विनोद पाल, इंद्रनाथ पाल व वीरेन्द्र पाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। खुटहेरिया गांव के बदरुद्दीन अंसारी ने उक्त तीनों के खिलाफ थाना में मामला दर्ज कराया था। साथ ही क़म्हारडीह सोनभद्र उत्तरप्रदेश के रहने वाले रवि कुमार के द्वारा थाना में दायर कांड संख्या 60/21के तहत मोबाईल चोरी के आरोप में एक नाबालिग को मोबाईल के साथ पकड़ा गया, जिसे रिमांड होम मेदिनीनगर भेजा गया। उसके पास से रेडमी नोट 9 प्रो मोबाईल जब्त किया गया है।
उन्होंने लोगों से की यह अपील…..

थाना प्रभारी- नीतीश कुमार ने एक बार फिर लोगों से अपील करते हुए कहा है कि जहां भी अप्रिय घटना घटने की आशंका हो, अवश्य सूचित करें। सूचना देने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून का हाथ अत्यधिक लंबा होता है। चाह कर भी दोषी गिरफ्त से बाहर नहीं जा सकते। भलाई इसी में है कि अपराधी अपराध करना छोड़ दें। ईमानदारी के पथ पर लोग चलें। यदि दोषी नहीं सुधरेंगे तो उनका स्थान अंत में न्यायिक हिरासत में ही होगा।






भोपाल :आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानन्द गिरी महाराज मिर्ची-बाबा के नेतृत्व में कल ग्वालियर में हुए कार्यकर्ता महासम्मेलन में 3300 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की कांग्रेस के महा सदस्यता अभियान मैं आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बागी पूर्व विधायकों पर हमला, बोलते हुए कहा कि ये लोग पैसों के लिए बीके और ग्वालियर चंबल अंचल के मतदाताओं को धोखा दिया है। अब जनता ऐसा विधायक चाहती है जो बिकाऊ नहीं टिकाऊ हो।
सिंधिया के भ्रष्टाचार के आरोपों पर मिर्ची बाबा ने कहा कि जिनके लोगों ने 35 , 35 करोड़ रुपए लिए हो वह कैसे आरोप लगा सकते हैं। कोरोना काल में भी सदस्यता अभियान के आयोजन पर उन्होंने कहा कि कोरोना की गाइडलाइन है। हम इसका पालन कर रहे हैं।परंतु आम जनता और कांग्रेसियों पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, परंतु भाजपा को कार्यक्रमों की अनुमति दी जा रही है।अब उपचुनाव में जनता इस जबरन के मुख्यमंत्री को कुर्सी से उखाड़ फेंकेगी पूरे प्रदेश में इस जबरन के मुख्यमंत्री और खरीद-फरोख्त कर बनाई गई सरकार ने कोरोनावायरस को अवैध रूप में फैला रखा है।अगर शिवराज दुर्योधन है, तो सिंधिया तुम यह मत भूलना कि तुमने भी दुशासन बनकर प्रदेश की जनता के जनमत का चीर हरण किया इस महाभारत रूपी उपचुनाव के जनमत युद्ध में पूरी तरह ग्वालियर चंबल संभाग की जनता तुम्हारे पाप और अहंकार का अंत जरूर करेगी
आज किसान के पास बीज नहीं है खाद नहीं है,मजदूरों के पास काम नहीं है,शिक्षकों के पास विद्यालय नहीं है,अतिथि शिक्षकों की बात करने वाले अपने महल के उषा विलास पैलेस में फाइव स्टार भोजन कर रहे हैं ,युवाओ के पास रोजगार नही है देश का भविष्य आज आत्महत्या कर रहा है,जब प्रदेश कोरोनावायरस जूझ रहा था,जब मजदूरों के पास रोटी नहीं थी,जब किसानों के बीच में हाहाकार मचा हुआ था तब यह 22 गद्दार विधायक शिवराज के साथ मिलकर जनमत का चीर हरण करने में लगे थे।
इस महासम्मेलन मे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी प्रजापति, पूर्व PWD मंत्री सज्जन सिंह वर्मा , पूर्व जनसंपर्क मंत्री पी.सी शर्मा, पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह व पूर्व केबिनेट मंत्री डॉ गोविंद सिंह शामिल हुए।


उज्जैन आशीष जैन - सीएम बोले- हिंदू धर्म से खिलवाड़ का नतीजा, शाह पॉजिटिव, कैबिनेट मंत्री की मौत, मोदीजी अशुभ मुहुर्त में शिलान्यास मत करिए
दिग्विजय सिंह ने कहा मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं?
भोपाल. राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का शिलानयास करेंगे। लेकिन शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं? योगी जी आप ही मोदी जी को समझाइए।


क्या कहा दिग्विजय ने?
दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक साथ कई ट्वीट किए। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के मुहूर्त पर सवाल उठाते हुए कहा- 5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सचेत किया था। मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया। यानि मोदी जी हिंदू धर्म की हजारों वर्षों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं। क्या यही हिंदुत्व है?
सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नज़र अंदाज करने का नतीजा 
1. राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पॉजिटिव






भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - मध्य प्रदेश में किसानों के खिलाफ क्रूरता थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले गुना में किसानों के साथ पुलिस की टीम ने मारपीट की तब किसान दंपत्ति ने जहर खा लिया था। और अब देवास जिले के सतवास में भी अतिक्रमण हटाने पहुंचे पटवारी और पुलिस के सामने एक किसान महिला ने खेत में खुद को आग लगा ली जिसके बाद महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
       इस पूरी घटना की खबर जब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा को लगी तो उन्होंने शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की कड़ी निंदा की है। और कहा कि इस कोरोना जैसी महामारी में जहां लोगों से रोजगार छिन गए हैं। गरीब मजदूरों के खाने के लाले पड़े हुए हैं। किसान लगाकर आत्महत्या कर रहा है। ऐसे में प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही बहुत ही शर्मनाक है। यदि किसान परिवार ने सरकारी जमीन पर फसल उगाई थी, तो इस कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए। उन्हें फसल काटने तक की मोहलत भी की जा सकती थी। खड़ी फसल पर जेसीपी चलवाने का निर्णय गलत है। क्या शिवराज सिंह चौहान का जमीर मर चुका है। या फिर वह सत्ता के लालच में इतने अंधे हो चुके हैं। कि उन्हें गरीब लाचार किसानों के आंसू भी दिखाई नहीं दे रहे हैं?
प्रदेश में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मिर्ची बाबा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जंगलराज फिर लौट आया है।कमलनाथ सरकार के समय जो अपराधी ,बदमाश भूमिगत हो गए थे।वे शिवराज सरकार की शरण में पुनः सक्रिय हो गए हैं।किसानों ,दलितों ,मजदूरों, आदिवासियों का उत्पीड़न पुनः शुरू हो गया है।इसके साथ ही उन्होंने झुलसी हुई किसान महिला के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने कि मांग कि है।





भोपाल सुनील परमार - पाकिस्तान के साथ हुई जंग के बाद भारत को कारगिल मैं, मिली जीत की आज यानी 26 जुलाई को 21 वीं वर्षगांठ है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर के भारत माता की रक्षा की थी।और पाकिस्तान को पीछे खदेड़ दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी आज कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश ने शहीद जवानों को याद कर उन्हें नमन किया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि आज ऑपरेशन विजय की 21 वीं वर्षगांठ है इस अवसर पर भारतीय सेना के शौर्य को सादर नमन करता हूं जिसके साहस और वीरता ने कारगिल युद्ध मैं राष्ट्र के लिए विजय कीर्ति अर्जित की कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया राष्ट्र उनके शौर्य और उनके परिजनों के धैर्य के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा। आज का दिन हमारे सैनिकों की वीरता और पराक्रम की कहानियों से भावी पीढ़ियों को देश के लिए जीने मरने के लिए प्रेरित करता रहेगा। कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कारगिल की लड़ाई मैं अपनी शहादत देने वाले भारत मां के लाल सचमुच बेहद भाग्यशाली थे राष्ट्रवाद और देश प्रेम पर किसी ने क्या खूब कहा है कि "ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में सिमटकर मरे हैं सैकड़ों लोग, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता। "




भोपाल नाग पंचमी के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ एवं नाग देवता सभी के जीवन में सुख समृद्धि और सफलता बरसाए। बाबा महाकालेश्वर की कृपा से कोरोना महामारी से जल्द से जल्द पूरे विश्व को मुक्ति मिले  ऐसी प्रार्थना करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद जी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से अन्न धन के भंडार भरे रहते हैं। और परिवार में किसी को भी नागदंश  का भय नहीं रहता है। नाग पंचमी का त्यौहार नागो और सर्पों की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्म ग्रंथों मे नाग को देवता माना गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शैया पर सोते हैं। भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी यही नहीं समुद्र मंथन के समय देवताओं की मदद भी बासुकी नाग ने ही की थी। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। एक अन्य कारण यह भी है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वह बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नाग पंचमी के दिन नाग देवता के पूजन की परंपरा शुरू हुई।
           आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन प्रात नित्यक्रम से निवृत्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर और काजल से नाग देवता बनाए जाते हैं। मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन ,अक्षत ,पुष्प आदि चढ़ाएं इसके बाद नाग देवता की कथा पढ़कर आरती करें। फिर मिठाई का भोग बनाकर भोग लगाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराने से नाग देवता से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है।


     
उज्जैन 23 जुलाई। आशीष जैन उज्जैन शहर में कल 24 जुलाई से मास्क पहनकर नहीं निकलने वाले एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें अस्थाई जेल में  बंद  किया  जाएगा। कड़ी कार्रवाई के बाद भी यदि आमजन मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को नहीं अपनाते हैं तो भविष्य में लॉकडाउन पर भी विचार किया जा सकता है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आशीष सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल लॉकडाउन के संबंध में किसी भी तरह का कोई निर्णय जिला प्रशासन द्वारा नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया में   प्रसारित हो रही जानकारी भ्रामक एवं असत्य है।




ग्वालियर महाराजपुरा गिरगांव महादेव मंदिर पहुंचे मिर्ची बाबा, वहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर 40 करोड़ मैं विधायकों, को खरीदने का लगाया आरोप आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि गिरगांव के महादेव का मंदिर अपने आप में खास है। यह महादेव जज महादेव कहलाते हैं। बड़े से बड़े अपराधी महादेव के सामने झूठ बोलने से कांपते हैं गिरगांव के महादेव को लोग इसी रूप में जानते हैं। महादेव के प्रति लोगों की आस्था इतनी है कि अपराधी किस्म के लोग मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने से भी डरते हैं। अब तक यहां एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है। की यहां आज तक कोई भी झूठी सौगंध नहीं खा पाया है। इसलिए जो बिके हुए विधायक कह रहे हैं। कि हम जनता की सेवा के लिए भाजपा में गए हैं। हमने कोई 40 करोड़ रुपए नहीं लिए मेरा उनसे कहना है। कि यहां महादेव के मंदिर मैं आकर सिर्फ एक सीढ़ी चढ़कर ही दिखाएं। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा महादेव यही फैसला कर देंगे।
 
 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के गृहमंत्री निरोत्तम मिश्रा को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। उन्होंने कहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त में निरोत्तम मिश्रा एवं शिवराज सिंह चौहान का हाथ है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की जनता कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही थी जब यह सत्ता के भूखे लोग लोकतंत्र की हत्या करने में लगे हुए थे। संविधान का पालन करने वाले ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या करने वालों को अब जनता ही जवाब देगी। क्योंकि यह लोग विधायक तो खरीद सकते हैं लेकिन जनता का वोट नहीं खरीद सकते हैं।




भोपाल संवाददाता आशीष जैन - मध्यप्रदेश की 25 सीटों पर उपचुनाव होने वाले है. चुनावों को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सक्रिय दिखाई देने लगे है. वही बीजेपी भी लगातार उन क्षेत्रों का दौरोन करने में जुट गई है, जहां चुनाव होना है. उपचुनाव में ज्यादा से ज्याद सीटे जितने के लिए कांग्रेस पूरा दमखम लगा रही है. इतना ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलानाथ ने तो ग्वालियर में एक मुख्यालय बना लिया है, ताकि चंबल की सीटों पर उनकी लगातार नजरे बनी रहे है. वही उपचुनाव के लिए दावेदारों की होड़ शुरू हो चुकी है, दावेदार अपनी दावेदारी पेश करने लगे है.

सूत्रों से जानकारी मिली है की कांग्रेस ने 24 सीटों पर कुछ उम्मीदवारों के नामों का चयन किया है. हालांकी यह नाम अभी तय नहीं किए गए है. लेकिन हर विधानसभा से पैनल में उम्मीदवरों के नामों को जोड़ा गया है और विधानसभाओं में सर्वे किया जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट के बाद ही उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा. हमारे पास सूत्रों से एक संभावित सूची मिली है, जिनमें 24 सीटों पर कुछ उम्मीदवारों के नाम तय किए गए है.

इन उम्मीदवारों को कांग्रेस दे सकती है टिकट

सुवासरा - राकेश पाटीदार, ओम सिंह भाटी, मनोज मुजावदिया, पीरूलाल डक्करा
बदनावर - मनोज गौतम, कुलदीप बुंदेला, आशीष धाकड़, ध्रुवनारायण सिंह
सांवेर - प्रेमचंद गुड्डू, राजेंद्र मालवीय
हाट पिपल्या - राजवीर सिंह बघेल, अशोक कप्तान
आगर मालवा - विपिन बानखेड़े, राजकुमार गोहरे
मेहगांव - हेमंत कटारे, चाैधरी राकेश सिंह
सांची - किरण अहिरवार, प्रीति ठाकुर, संदीप मालवीय, मदन चैधरी, प्रभात चावड़ा, बलवंत शाक्या
सुरखी - अरूणोदय चाैबे, भूपेंद्र सिंह मोहासा, कमलेश साहू, जीवन पटेल
मुंगावली - प्रद्यम्न सिंह दांगी, विजय प्रताप सिंह उर्फ मनुराजा
अशोकनगर - आशा दोहरे, त्रिलोक अहिरवार, रमेश इटोरिया
गोहद - मेवाराम जाटव, अनिता चैधरी, संजू जाटव, रामनारायण हिंडोलिया
जौरा - मानवेंद्र गांधी, पंकज उपाध्याय, सुनील शर्मा
मुरैना - रामनिवास रावत, बलवीर दंडोतिया, राकेश मावई, प्रबल प्रताप, दिनेश गुर्जर
सुमावली - अजब सिंह कुशवाह, रामलखन दंडोतिया, वृंदावन सिकरवार
दिमनी - रवींद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह तोमर
भांडेर - फूल सिंह बरैया, महेंद्र बौद्ध, अनु भारती
बामोरी - केएल अग्रवाल, सुमेर सिंह गढ़ा
करैरा - शकुंतला खटीक, प्रागीलाल जाटव
डबरा - सत्यप्रकाशी परसोडिया, वृंदावन कोरी
ग्वालियर पूर्व - अशोक सिंह, बालेंदु शुक्ला, रश्मि पवार, देवेंद्र शर्मा
ग्वालियर - संत कृपाल सिंह, सुनील शर्मा, अशोक शर्मा
अम्बाह - सत्यप्रकाश सखवार, सौरभ सोलंकी
पोहरी - हरिवल्लभ शुक्ला, रामनिवास रावत, प्रद्युम्न वर्मा
अनूपपुर- ममता सिंह, उमाशंकर उइके, विश्वनाथ सिंह, बिसाहूलाल कुल्हाड़ा, रेवा सिंह के संभावित नाम तय किए गए है. हालांकी हमारी संस्था इन नामों की पुष्टि नहीं करती है.



भोपाल : मध्य प्रदेश के गुना में दलित किसान परिवार पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर सियासत गर्म होती जा रही है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी आनंद गिरि महाराज ने शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिव ,राज नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है। लगातार गरीब दलित किसानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। लगातार किसानों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। महाराज जी ने कहा कि यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है। तो उसे कानूनन हल किया जा सकता है। लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की परिजनों की वाह मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए हो रहा है।कि वह एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है।
       आनंद गिरि महाराज ने शिवराज सिंह को तानाशाह बताते हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। और दोषी पुलिसकर्मियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

 *यह है पूरा मामला*
गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे, मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया। राजकुमार ने विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया। सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस दंपति को पीट रही है। अपनी आंखों के सामने फसल खराब होते देख दंपति ने जहर खा लिया।


राजकुमार का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है। दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उसके पास पट्टा नहीं है। जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया। उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है। अब फसल अंकुरित हो आई है। इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया। मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आत्महत्या नहीं करुंगा तो क्या करूंगा। 

थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया।

गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था उस वक्त जो बटाईदार हैं। उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।




भोपाल : मध्य प्रदेश के गुना में दलित किसान परिवार पर पुलिस की कार्यवाही को लेकर सियासत गर्म होती जा रही है। 
       आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिव ,राज नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आई है। लगातार गरीब दलित किसानों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। लगातार किसानों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। महाराज जी ने कहा कि यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है। तो उसे कानूनन हल किया जा सकता है। लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की परिजनों की वाह मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए हो रहा है।कि वह एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है।
       मिर्ची बाबा ने शिवराज सिंह को तानाशाह बताते हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की है। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। और दोषी पुलिसकर्मियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

 यह है पूरा मामला

गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे, मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया। राजकुमार ने विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया। सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस दंपति को पीट रही है। अपनी आंखों के सामने फसल खराब होते देख दंपति ने जहर खा लिया।


राजकुमार का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है। दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उसके पास पट्टा नहीं है। जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया। उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है। अब फसल अंकुरित हो आई है। इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया। मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आत्महत्या नहीं करुंगा तो क्या करूंगा। 

थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया।

गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था उस वक्त जो बटाईदार हैं। उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।




उज्जैन संवादाता- आशीष जैन 

पैसे भी पहुंचाता था, भागने में भी कुछ लोगों ने की मदद
उज्जैन में एक शराब कारोबारी ने कथित सरेंडर में की मदद
कानपुर विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था।
कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी और दुर्दांत क्रिमिनल विकास दुबे को एनकाउंटर में ढेर करने के बाद अब यूपी पुलिस उसके मददगारों और अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। विकास के गुर्गों को शरण देने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस अब उन लोगों को दबोचने में जुट गई है, जिन्होंने एनकाउंटर से पहले कानपुर के बिकरू गांव से विकास के भागने और पनाह देने में मदद की थी।
कई पुलिसवालों को दे रखे थे प्लॉट
एनकाउंटर से पहले उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए थे। एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि विकास दुबे ने अपनी आवासीय योजना में कई पुलिसवालों को सस्ते दामों में प्लॉट दे रखे थे। उसने यह भी बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को हर महीने रकम भी पहुंचवाता था। एसटीएफ इन पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
विकास की पत्नी ने कहा- जरूरत पड़ी तो बंदूक भी उठाऊंगी

शराब कारोबारी ने की 'सरेंडर' में मदद
सूत्रों के मुताबिक उज्जैन के एक शराब कारोबारी की मदद से विकास ने वहां (उज्जैन) कथित सरेंडर किया था। इस शराब कारोबारी के मध्य प्रदेश में काफी करीबी राजनीतिक संपर्क हैं। शराब कारोबारी का यह संपर्क विकास से भी जुड़ा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन में एक बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई थी। हालांकि अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
फरारी के दौरान तीन बार नोएडा गया था
पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि वह तीन बार नोएडा गया था। विकास दुबे फरारी काटने के दौरान तीन बार नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद गया लेकिन यूपी पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी। जबकि दावे हर नाके, चौराहे और बॉर्डर एरिया में सघन चेकिंग के हो रहे थे। उज्जैन से कानपुर लाने के दौरान विकास से हुई पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह तीन बार नोएडा गया था।

विकास दुबे को नहीं था कोरोना, हॉस्पिटल से रिपोर्ट
हाई अलर्ट...फिर कहां चूकी पुलिस?
दो जुलाई की घटना के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट कर दिया गया था। खासतौर से दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में   सतर्कता बरतने को कहा गया था। बावजूद इसके विकास दुबे तीन बार नोएडा गया और पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई। विकास ने रास्ते में हुई पूछताछ के दौरान बताया कि दो जुलाई के बाद वह दो दिन तक कानपुर देहात के शिवली में अपने करीबी के घर रुका था। फिर वहां से फरीदाबाद जाना तय किया। उसने एक निजी गाड़ी का इंतजाम किया और नोएडा के रास्ते फरीदाबाद गया।
अदालत में सरेंडर का प्लान
इस दौरान उसकी कार की कहीं चेकिंग नहीं की गई। 7 जुलाई को उसकी फरीदाबाद से जुड़े वीडियो फुटेज वायरल होने के बाद उसे लगा कि पकड़ा जा सकता है तो वह वहां नोएडा गया और एक वकील से मुलाकात की। वकील ने उससे अदालत में सरेंडर की एप्लिकेशन लगाने के लिए 50 हजार रुपये मांगे। उसके पास कैश नहीं था इसलिए उसने परिचित के जरिए ऑनलाइन फीस का भुगतान करवाने की बात कही। बाद में वह फिर नोएडा से फरीदाबाद आ गया था। बाद में उसका नोएडा का भी एक वीडियो फुटेज वायरल हुआ था। लेकिन तमाम नाकेबंदी के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी।

विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
विकास के एनकाउंटर के बाद खत्म नहीं हुआ अभियान
पुलिसकर्मियों को मारने की घटना को अंजाम देने के बाद से ही लुकाछिपी का खेल खेल रहे विकास दुबे को उज्जैन से लाते वक्त कानपुर हाइवे पर मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। हालांकि अभी भी पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रहे कुछ बदमाश फरार हैं।
 
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
21 नामजद सहित 60-70 पर FIR
थाने में लिखी गई पहली एफआईआर में 21 नामजद समेत 60-70 अज्ञात को दर्ज किया गया था। अब तक की कार्रवाई में 6 लोग मुठभेड़ में मारे गए, जबकि दो पुलिसकर्मी विनय तिवारी और के के शर्मा सहित 14 लोग जेल भेजे गए हैं। पुलिस को करीब 60 लोगों की तलाश है, जिनमें 12 इनामी बदमाश हैं।
 
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
2 पर 1-1 लाख, 10 पर 50 हजार इनाम
अपर पुलिस महािदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि विकास दुबे गैंग के जिन 12 बदमाशों की तलाश है। उनमें से दो के ऊपर एक-एक लाख का इनाम है जबकि बाकी 10 अपराधियों पर 50-50 हजार का इनाम है।
 
फरार हैं सभी 12 अपराधी
फरार हैं सभी 12 अपराधी
इनमें गोपाल सैनी और हीरू दुबे पर एक-एक लाख का इनाम है। जबकि छोटू शुक्ला, शशिकांत पंडित, शिव तिवारी, राम सिंह, रामू बाजपेयी, शिवम दुबे, बाल गोविंद, बउवन शुक्ला, विष्णु पाल यादव और मोनू पर 50-50 हजार रुपये का इनाम है।
 
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
विकास के बाद STF का फोकस 12 इनामियों पर
अभी तक पुलिस और एसटीएफ का मुख्य टारगेट विकास दुबे था। शुक्रवार को उसके मारे जाने के बाद पुलिस और यूपी एसटीएफ का पूरा फोकस इन 12 इनामियों को गिरफ्तार करने पर होगा।
 
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अब तक विकास सहित 6 हो चुके हैं ढेर
अभी तक यूपी पुलिस और एसटीएफ विकास दूबे के अलावा उसके करीबी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और बउवन दुबे को मुठभेड़ में मार चुकी है। जबकि दयाशंकर अग्निहोत्री, जहान सिंह यादव और 50 हजार के इनामी श्यामू बाजपेई को मुठभेड़ में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने अमर दुबे के पिता समेत चार अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी की है।
 
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
​लूटी गई AK-47 और इंसास रायफल की बरामदगी भी बाकी
विकास दुबे समेत गैंग के छह लोगों को मारने और तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस और एसटीएफ अभी तक लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल बरामद नहीं कर पाए हैं। ये हथियार दो जुलाई की रात पुलिस पर हमले के बाद लूटे गए थे। इसके अलावा 9 एमएम की तीन पिस्टल भी लूटी गई थीं, जिन्हें पुलिस अतुल दुबे, प्रेम प्रकाश पांडेय और प्रभात मिश्रा के पास से बरामद कर चुकी है।
 
पुलिस की दलील
इधर, यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस विकास को उज्जैन से ट्रांजिंट रिमांड पर नहीं, बल्कि सुपुर्दगी में लेकर आए थे। उज्जैन पुलिस ने विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई थी। इसलिए उसे कोर्ट में नहीं पेश किया गया। उज्जैन पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि विकास जब महाकाल मंदिर के बाहर से हिरासत में लिया गया तो उससे पूछताछ की गई।
इसके साथ ही यूपी पुलिस को उसके पकड़े जाने की सूचना दे दी गई। जब यूपी पुलिस की टीम वहां पहुंची तो विकास को उनके सुपुर्द कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक बड़े स्तर पर हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ था कि उज्जैन पुलिस द्वारा विकास की गिरफ्तारी नहीं दिखाई जाएगी। हालांकि इससे पहले एमपी के सीएम और गृह मंत्री ने अपने बयान में विकास की गिरफ्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई दी थी।विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं।
कानपुर का मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे एनकाउंटर में मारा गया, उज्जैन में गिरफ्तारी देने के बाद यूपी पुलिस की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी, इसी क्रम में पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया, विकास मौके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, जिसमें पुलिस फायरिंग में मारा गया। कई सालों से कानपुर में अपराध की दुनिया में राज करने वाले गैंगस्टर विकास का परिवार भी काफी बड़ा है, उसकी पत्नी राजनीति में सक्रिय है, विकास के परिवार में उनके बूढे माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे भी हैं।


 अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है विकास के बच्चे,,,
पत्नी और बच्चे
विकास दुबे के परिवार में उसकी पत्नी और 2 बेटे हैं, उसकी शादी करीब 25 साल पहले 1995 में ऋचा से हुई थी, ऋचा दुबे स्थानीय राजनीति में अपनी पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं, वो पंचायत चुनाव भी लड़ चुकी है, विकास और ऋचा के 2 बेटे हैं, जिनका नाम आकाश और शानू है, बड़ा बेटा आकाश अमेरिका में पढाई कर रहा है, जबकि छोटा बेटा शानू फिलहाल बारहवीं में पढ रहा है, वो लखनऊ में अपनी मां के साथ रहता था।

मां-बाप
विकास के माता-पिता बुजुर्ग हो चुके हैं, पिता तो उसी मकान में विकास के साथ ही रहते थे, जिससे विकरु में फायरिंग की गई थी, जबकि उनकी मां अपने छोटे बेटे-बहू के साथ रहती है,                  
विकास के छोटे भाई की पत्नी भी राजनीति में सक्रिय है, वो नगर पंचायत सदस्य है।

भाई-बहन
विकास दूबे का एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम दीप प्रकाश दूबे है, दीप अपनी पत्नी अंजलि दूबे और मां के साथ अलग मकान में रहता है, विकास की 2 बहनें रेखा और किरण की मौत हो चुकी है, जबकि एक छोटी बहन चंद्रकांता दुबे शिवली में रहती है।





भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - सावन के पहले सोमवार पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने सभी देशवासियों एवं श्रद्धालुओं को श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं दी है। और बाबा महाकाल से प्रार्थना की है,कि हम सभी पर उनके कृपा सदा-सर्वदा बनी रहे, भगवान भोलेनाथ बाबा महाकाल की कृपा से कोरोना का नाश हो, मानवता का उत्थान हो।
         आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि
इस बार सोमवार का अद्भुत संयोग बन रहा है। छह जुलाई से हो रही सावन की शुरुआत के पहले दिन ही सोमवार है, वहीं इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ेंगे। यह माह 06 जुलाई से शुरू होकर 03 अगस्त तक चलेग, वहीं सावन माह के आखिरी दिन यानि 03 अगस्त को भी सोमवार का दिन रहेगा। यानि इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से होकर इसका समापन भी सोमवार को ही होगा। भगवान शिव की आराधना और भक्ति के लिए इस माह को विशेष महत्व दिया गया है। साथ ही सनातन धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान शिव की आराधना और उनकी भक्ति के लिए इस माह को विशेष महत्व दिया गया है।श्रावण माह का एक-एक पल पुण्य एवं ‘अवश्यमेव भोक्तव्यम कृते कर्म शुभाशुभं।’ अर्थात् मनुष्य को अपने द्वारा किए हुए पाप-पुण्य जनित कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है। जीव पाप करके भी तभी तक सुखी रह पाता है, जब तक कि उसके द्वारा संचित पुण्य कर्मों का कोष खाली नहीं हो जाता। कोष खाली होते पाप कर्मों का फल मिलने लगता है, फिर जीव इतना परेशान हो जाता है कि उसे बचने का कोई भी मार्ग दिखाई नहीं देता। श्रावण का माह इसी पुण्य की पुनः वृद्धि करने का वरदान है।
            इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं एवं भक्तों से कोरोना महामारी के चलते अपील की है,कि इस बार हालात अलग हैं। जितना हो सके घरों में रहकर ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना एवं पूजा पाठ करें।




भोपाल-आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। एवं गुरु शिष्य का महत्व बताते हुए कहा  कि भारतवर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है प्राचीन काल से ही शिष्य जब गुरु के आश्रम में निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे तो इसी दिन पूर्ण श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा का आयोजन किया करते थे। उन्होंने श्लोक के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा का महत्व बताते हुए कहा
कि 
गुरू गृह पढन गए रघुराई 
अल्प काल विधा सब आई 
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः
      स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज मिर्ची बाबा ने इस श्लोक अर्थ समझाते हुए कहा कि प्रथम गुरु माता पिता है, द्वितीय गुरु आपके शिक्षा गुरु हैं, तृतीय दीक्षा गुरु है उन्होंने कहा कि गुरु का स्त्रोत कभी खत्म नहीं होता है। गुरु अनादि से और रहेंगे जीवन में जिसने तुम्हें ज्ञान दिया हो साहस दिया हो मनोबल दिया हो जीने का तरीका सिखाया हो हर परिस्थिति में आप अपना जीवन जी सकें ऐसा उपदेश दिया हो वह जीवन के गुरु होते हैं। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुदेव के दर्शन अवश्य करें। यदि कोरोना महामारी के चलते अपने गुरु तक नहीं पहुंच सकते वह तो सोशल मीडिया के माध्यम से अपने गुरुदेव के दर्शन अवश्य करें।
        महाराज जी ने बताया कि रामकृष्ण जी ने अपने प्रसंग में कहां है कि आगे आगे चेला, अपना हाथ संसार के हाथों में देने से अच्छा है। अपने गुरुदेव के हाथ में दे दे क्योंकि गुरुदेव पार लगाने वाली नाव है। गुरु के नाम में जो बैठ गया वह तो भवसागर के भी पार हो जाता है। जीवन मरण बेबी पार हो जाता है। हमेशा अपने गुरुदेव के दिए हुए मंत्रों का जाप करें दुनिया में गुरु के आलोचना और निंदा आप अपने कानों से कभी ना सुने, बस मैं गुरुदेव का हूं और गुरुदेव मेरे हैं
ऐसा मानकर अपार श्रद्धा अपने गुरुदेव के प्रति रखें। गुरुदेव ज्ञान की खदान है। और खदान में से पत्थर और हीरा दोनों निकलते हैं। गुरुदेव के ज्ञान व प्रकाश से आप समाज में हीरा बन कर ख्याति और ऐश्वर्या प्राप्त करें। यही गुरु का प्रताप है।
          महाराज जी ने कहा कि मेरे लिए सर्वत्र गुरु हैं। और गुरु ही मेरे जीवन का मार्ग चुनते हैं। जय गुरुदेव, अनंत गुरुदेव, विराट गुरुदेव, ज्ञान गुरुदेव, साहस गुरुदेव, यह सब गुरुदेव की पूंजी है। हम सब गुरुदेव की बगिया के खिलते हुए फूल हैं। और हमेशा खेलते रहेंगे।
      लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वाले शिष्यों की कभी हार नहीं होती बस गुरुदेव के चरणों में सदैव मेरा मस्तक झुकता रहेगा, स्वाभिमान गिरने नहीं दूंगा, और अहंकार आने नहीं दूंगा।



 
भोपाल। मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब विभाग बंटवारे को लेकर जबर्दस्त खींचतान की खबरें आ रही हैं। मंत्रिमंडल की तरह विभागों का बंटवारा भी दिल्ली से ही होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज रात दिल्ली रवाना हो रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद ऊपर से बेशक भाजपा नेता खुश हों, लेकिन सिंधिया की शर्तों और अपेक्षाओं ने भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है। मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया ने अपनी ताकत का अहसास कराकर दिया अपने कोटे से 11 और तीन अन्य समर्थक पूर्व विधायकों मंत्री बनवा लिया। सिंधिया के भोपाल के दो दिन के प्रवास में मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जिस तरह उनके आगे पीछे घूमे, उससे तय है कि अब मप्र भाजपा में सिंधिया के कद का दूसरा नेता नहीं है।

विभाग बंटवारे पर खींचतान
खबर है कि जिस प्रकार मंत्रियों के चयन का अधिकार मुख्यमंत्री से छीना गया, वैसे ही अब विभागों के वितरण को लेकर भी शिवराज सिंह चौहान स्वतंत्र नहीं हैं। दिल्ली भाजपा हाईकमान ज्योतिरादित्य सिंधिया को भरोसे में लेकर ही विभागों का बंटवारा करेगा। सूत्रों के अनुसार सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्रियों के लिए राजस्व, सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, ऊर्जा, महिला बाल विकास, नगरीय प्रशासन, वाणिज्य कर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन आदि विभाग मांगे हैं। भाजपा शायद यह सभी विभाग सिंधिया समर्थकों न दे। क्योंकि इनमें कुछ विभाग ऐसे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री अपने पास रखना चाहेंगे। बताया जाता है कि खींचतान के कारण सोमवार से पहले विभागों का वितरण होना संभव नहीं है।



भोपाल - आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने कहा कि हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भारतवर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। प्राचीन काल में शिष्य जब गुरु के आश्रम मैं निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते थे, तो इसी दिन पूर्ण श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा का आयोजन किया करते थे। इस दिन केवल गुरु की ही नहीं,अपी तू घर में अपने से जो भी बड़ा है। अर्थात माता- पिता ,भाई- बहन आदि को गुरुतुल्य समझ कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है
         आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने गुरु पूर्णिमा का महत्व को समझाते हुए कहा कि हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्म दिवस भी माना जाता है। वे संस्कृत के महान विद्वान थे। महाभारत जैसा महाकाव्य उन्हीं की देन है। इसी के 18 वे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण गीता का उपदेश देते हैं। सभी अट्ठारह पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी इन्हीं को दिया जाता है। इसी कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास जी को आदि गुरु भी कहा जाता है इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
                आचार्य महामंडलेश्वर आनंद गिरी महाराज ने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए अपील की है। की इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सभी गुरु पूर्णिमा अपने घरों में रहकर ही मनाएं। क्योंकि देश अभी भी कोरोना संक्रमण जैसी आक्रमक महामारी से गुजर रहा है, ऐसे में सभी का जीवन सुरक्षित रहे। कोरोना संक्रमण की सांखला टूट जाए यह प्राथमिकता होना चाहिए, उन्होंने अपने अनुयायियों एवं शिष्यों से स्पष्ट संदेश देते हुए कहा है।कि किसी को आश्रम आने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा इसलिए कहा है। कि प्रतिवर्ष भक्तों एवं शिष्यों की भीड़ जुट जाती है। लाख प्रयास के बाद भी जुटने वाली भीड़ में सामाजिक दूरी का पालन करना एवं कराना संभव नहीं है।इसलिए अपने अपने घरों में रहकर श्रद्धा पूर्वक गुरु पूर्णिमा पर्व मनाते हुए कोरोना जैसी भयानक बीमारी को हराने के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करें

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