शहर के निजी नर्सिंग होम एवं डॉक्टर्स पर बड़ी जिम्मेदारी सभी को मिलकर संकट के समय अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए- संभागायुक्त




  शासकीय एवं प्राइवेट एजेंसियां इस समय अलग नहीं एक यूनिट  बनकर काम  करें तभी कोरोना से लड़ाई जीत सकेंगे- कलेक्टर

 उज्जैन 11 मई ।संभागायुक्त श्री आनंद कुमार शर्मा  एवं कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने आज मेला कार्यालय में संयुक्त रूप से शहर के निजी नर्सिंग होम  संचालकों  एवम निजी  चिकित्सा विशेषज्ञ   डॉक्टर्स की बैठक लेकर उनसे  कोरोनावायरस से लड़ाई में एकजुट होकर सहयोग करने का आह्वान किया.
     संभागायुक्त  श्री  आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि सभी चिकित्सालय चाहे वह शासकीय हो या निजी मिलकर काम करें। उन्होंने निजी चिकित्सकों एवं नर्सिंग होम संचालकों का आह्वान किया कि यह उनका अपना शहर है। यहां के डॉक्टर न केवल उज्जैन शहर बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को भी देखते रहे हैं ।इस कठिन दौर में उन पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है ।सभी को मिलकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा ।  उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज का उपचार करने से नर्सिंग होम में मना नहीं किया जाए ।कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को स्टेबल होने तक संबंधित निजी नर्सिंग होम में उपचार किया जाए तथा अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही उन्हें रेड हॉस्पिटल माधव नगर अथवा  आरडी गार्डी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाए । शिफ्ट करने की अनुशंसा के  लिए जिला प्रशासन द्वारा निजी डाक्टरों की  टीम गठित की गई  है । संभागायुक्त ने कहा है कि निजी नर्सिंग होम में भर्ती कोविड-19 के संदिग्ध पेशेंट की देखभाल गंभीरता से हो यह सुनिश्चित किया जाए तथा रात्रि में भी उनके स्वास्थ्य का परीक्षण  हो  यह  सुनिश्चिर करने के लिए विशेषज्ञों  राउंड लेना  चाहिए ।     
           संभागायुक्त ने कहा है कि आपातकाल में डॉक्टर्स अपना धर्म निभाते हुए  सबसे  पहले   मरीज का उपचार करें ।उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर कार्य करें और शहर को संक्रमण से बचाएं ।संभागायुक्त ने आश्वस्त किया कि निजी नर्सिंग होम में भर्ती गर्भवती माताओं के सैंपल प्राथमिकता के आधार पर परीक्षण किए जाएंगे ।

        बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा निजी चिकित्सकों में से ही एक टीम बनाई है जो  रेफरल  संबंधित  सभी समस्याओं का हल करते हुए संभावित  कोविड 19 पेशेंट्स को रेफर करने  की  अनुशंसा करेगी । कलेक्टर ने कहा कि इस संकट के समय में  सरकारी और निजी चिकित्सक अलग-अलग नहीं है ।सभी एक मशीन के पुर्जे की तरह कार्य करेंगे ।  उन्होंने बताया कि पहले से अब कोरोनावायरस की रिपोर्ट आने में कम समय लग रहा है । 24 से 36 घंटे में ही   रिपोर्ट आ  रही है इससे कोविड 19  मरीजों  की  पहचान आसान हो गई है । कलेक्टर ने सभी नर्सिंग होम संचालकों से कहा कि वे अपने यहां तीन से चार बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार करें जहां पर संदिग्ध कोरोना मरीजों का उपचार किया जाए । इन मरीजो को  स्टेबल करने के बाद ही रेफरल टीम के सदस्य   की  अनुमति प्राप्त होने के बाद रेड हॉस्पिटल माधव नगर अथवा  आरडी  गार्डी   मेडिकल  कॉलेज में शिफ्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि रेफरल करने के पहले प्रत्येक मरीज की हिस्ट्री तैयार की जाए जिससे  संबंधित रेड  हॉस्पिटल में उनका इलाज करने में आसानी होगी ।कलेक्टर ने कहा कि यथासंभव रात में किसी भी मरीज को  रेड हॉस्पिटल में  शिफ्ट नहीं किया जाए जब तक की बहुत ज्यादा इमरजेंसी ना हो ।साथ ही उन्होंने कहा कि रेड  हॉस्पिटल में पेशेंट को भेजने के पहले  रेड हॉस्पिटल के प्रभारी से आवश्यक चर्चा कर ली जाए जिससे कि मरीज को भर्ती करने  में  विलंब  न  हो ।


       बैठक में अपर कलेक्टर एवं   नोडल अधिकारी क्षितिज सिंघल ने सभी निजी चिकित्सालयो एवम नर्सिंग होम के  विशेषज्ञों को बताया कि प्रत्येक ग्रीन हॉस्पिटल में बेसिक स्क्रीनिंग की जाना आवश्यक है। ऐसे मरीजों के बुखार, ऑक्सीजन लेवल आदि की जांच कर उन्हें पृथक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाना है ।प्रत्येक ग्रीन हॉस्पिटल को एक अलग से तीन से चार बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार करना होगा। जिसमें स्टाफ आदि को पर्याप्त पीपीई  किट  एवं सुरक्षा सामग्री प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में  जिले  में  3 लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ  एम्बुलेंस  उपलब्ध  है ।उन्होंने कहा कि मरीज को स्टेबल करने के बाद ही रेड हॉस्पिटल में भेजने का प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया है इसका अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। यह प्रोटोकॉल इसलिए तैयार किया गया है  ताकि  गंभीर मरीजों को शिफ्ट करने के दौरान कोई हानि ना हो।
      बैठक में डॉक्टर विजय गर्ग डॉ  विमल गर्ग , डॉ  घनश्याम शर्मा, डॉ कात्यायन मिश्रा ,डॉ तपन शर्मा, डॉक्टर नीलेश शर्मा, डॉक्टर श्रीपाल देशमुख, डॉक्टर  ब्रजेन्द्र कुमार ,डॉ राहुल तेजनकर डॉक्टर राजेंद्र बंसल, डॉ पीएम कुमावत, डॉ एसएस गुप्ता, डॉक्टर एम अख्तर, डॉ हर्ष मंगल , डॉ  रविन्द्र  श्रीवास्तव,डॉक्टर चिराग देसाई ,डॉक्टर सीवी अब्राहिम, डॉक्टर रवि जैन ,डॉ अमित भार्गव ,  फादर  एंथोनी  ,  फादर  कुरियन ,सहित आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज ,संजीवनी हॉस्पिटल, तेजनकर हॉस्पिटल ,गुरु नानक हॉस्पिटल, ईएसआई हॉस्पिटल ,जेके नर्सिंग होम ,सहर्ष हास्पिटल ,उज्जैन  हार्ट  हॉस्पिटल के संचालक गण मौजूद थे ।