ट्रेन हादसे का शिकार प्रवासी मजदूरों के परिजनों को एक करोड का मुआवजा दे सरकार - आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा




भोपाल संवाददाता सुनील परमार - जब मध्यप्रदेश आने के लिए प्रवासी मजदूरों को ट्रेन की आवश्यकता थी तब ट्रेन उनके उपर से गुजर गई, अब विडबना है कि ट्रेन से ही उनके शवों को मध्यप्रदेश में लाया जा रहा हैं। 

सरकार ने हर एक नागरिक की कीमत लगा दी है मध्यप्रदेश के 16 मजदुरों की औरंगाबाद के निकट रेल दुघर्टना में हुई निर्मम मृत्यु पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने अक्रोश व संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिवार एक-एक करोड की आर्थिक सहायता देने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चैहान के उस दावे की पौल खोल दी है जिसमें कहा कि मजदुरों को ससम्मान मध्यप्रदेश में लाया जा रहा है। 
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने औरंगाबाद में सरकार की बदइंतजामी के चलते असमय ही काल के गाल में समा गए 16 से अधिक श्रमिकों को मालगाडी द्वारा रोंद दिए जाने की इस ह्दयविदारक घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में लाने की नीति पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत डेढ माह से मध्यप्रदेश के हजारों प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे हुए थे लेकिन उनकी सुध प्रदेश सरकार ने नहीं ली। 

जब प्रवासी मजदूरों के पास न तो खाने को बचा था और ना ही उनके पास आने-जाने के पैसे थे ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों की और पटरी किनारे चल दिए, जिन्हें मालगाडी ने दर्दनाक तरीके से रौंद दिया।
 50 दिनों में भी मजदूरों की व्यथा नहीं समझ पाई सरकार 

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि ट्रेन के ड्रायवर को क्या कहा जाऐ उसे तो चंद सेकण्ड ही मिले होंगे मजदूरों को देखने के लिए लेकिन केन्द्र सरकार और रेल विभाग को क्या कहें जिनके पास 50 दिन थे उनकी व्यथा समझते हुए उनको लाने की कार्य योजना बनाने के लिए। 
एक हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर प्रदेश की बार्डर पर पहुॅंच रहे मजदूर 
मिर्ची बाबा ने कहा कि बाहर से आने वाले मजदुरों के लिए शासन द्वारा ऐसा कोई तंत्र स्थापित नहीं किया गया जिससे की वहां योजना का लाभ उठाकर अपने घर सकुशल पहुंच सके हमारे क्षेत्र में पूर्व में जो मजदुर आये वो 1100-1200 किलोमीटर पैदल चलकर मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुंचे थे तथा वहां से बस में बैठाकर लाया गया था l 
मध्यप्रदेश सरकार ने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रदेशों में अन्य राज्यों मे पीडित मजदुरों से संबंधित राज्य सरकारों से न तो सम्वाद स्थापित किया और न ही मजदुरों से सम्पर्क किया जिसके के कारण पुरे देश में मध्यप्रदेश के मजदुरो की दुरदशा हो रही है ओर गंभीर दुर्घटना भी हो रही है प्रदेश सरकार आसानी से आने वाले मजदुरों को लाकर क्षेय लेने की राजनीति कर रही है लेकिन मजदुरों को लाने के लिए शुरू से ही गंभीर नहीं है यहां तक कि अपने स्वयं के वाहनों से आने के लिए भी पास नहीं बन रहे है न ही प्रदेश में एक स्थान से दुसरे स्थान आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था हो पा रही है। 
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीडित मजदुरों की सरकारों से सम्पर्क करके मजदुर जहां पर फंसे है उसी स्थान से लाने की कार्य योजना बनाई जाये अन्यथा गंभीर परिणाम होगें।