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भोपाल. कमलनाथ सरकार ने वंदेमातरम को पुलिस बैंड की धुन पर गायन कराने का फैसला किया है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय गीत तो और आकर्षक बनाने के लिए आम लोगों की सहभागिता के साथ वंदे मातरम् का गायन होगा। हर महीने के प्रथम कार्य दिवस पर सुबह 10:45 बजे पुलिस बैंड राष्ट्र भावना जागृत करने वाले धुन बजाते हुए शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करेंगे।
सरकार के फैसले में कहा गया है कि पुलिस बैंड के वल्लभ भवन परिसर में पहुंचने पर राष्ट्र गान ‘जन गण मन’ और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’गाया जाएगा। इस कार्यक्रम को आकर्षक बनाकर आम लोगों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को कहा था कि वंदेमातरम अब बड़े पैमाने पर होगा। इस आयोजन में कर्मचारियों के साथ जनता की भी भागीदारी होगी। शाह के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने वंदेमातरम का अर्थ समझाते हुए कहा था- ‘आजादी की लड़ाई के दौरान वंदेमातरम गीत का अर्थ था, भारत मां को ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से मुक्त कराना।’
एक जनवरी को गायन नहीं होने पर मचा था घमासान : कमलनाथ सरकार आने के बाद एक जनवरी को वंदेमातरम का गायन नहीं हुआ था। सरकार के इस फैसले पर घमासान मच गया है। इसकी लपटें दिल्ली तक पहुंच गईं। रोक के 24 घंटे बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे कांग्रेस का शर्मनाक कदम बताते हुए कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है।
इससे पहले भोपाल में बुधवार की सुबह भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्रनाथ सिंह के नेतृत्व में विधायक विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा समेत तमाम नेता मंत्रालय में वंदे मातरम के लिए पहुंचे और गायन किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले दिन 7 जनवरी को सभी विधायक सुबह 10 बजे पहले मंत्रालय के सामने मैदान में वंदेमातरम गायन करें

गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट। .... भोपाल  मतगणना से पहले आए एक्जिट पोल के नतीजों ने मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस में जहां जीत का जश्न मनाया जा रहा है तो भाजपा में तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी हार का डर सताने लगा है और वे अभी से इसका जिम्मेदार प्रदेश के मुखिया शिवराज को ठहराने लगे है।हाल ही में बाबूलाल गौर ने कहा था कि अगर भाजपा हारती है तो इसके जिम्मेदार प्रदेश के मुखिया होंगे।इसी क्रम में अब वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने भी मुख्यमंत्री शिवराज पर निशाना साधा है। शर्मा का कहना है कि भाजपा जीतती है तो श्रेय मुख्यमंत्री को ही मिलेगा और अगर भाजपा हारती है तो इसका श्रेय भी शिवराज को ही लेना चाहिए।
दरअसल, एक्जिट पोल के नतीजों के बाद भाजपा नेताओं के बयान भी बदलने लगे है।मतगणना से पहले ही भाजपा नेता हार का ठीकरा मुख्यमंत्री शिवराज पर फोड़ने में लगे हुए है। हाल ही में बाबूलाल गौर ने बयान दिया था कि भाजपा हारती है तो इसके जिम्मेदार मुखिया होंगें। अब वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने इस बात को दोहराया है। शर्मा का कहना है कि भाजपा इस चुनाव  में बहुमत प्राप्त करती है तो इसका श्रेय अथक  परिश्रम करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाएगा लेकिन अगर हारती है तो इसकी जिम्मेदारी भी श्रेय लेने वाले को ही लेनी चाहिए।शर्मा ने आगे कहा कि सत्ता में रहते हुए 'माई के लाल' जैसे दंभ भरे बयान देने से बचना चाहिए। यदि इस तरह के बयान नहीं दिए गए होते तो 5 से 10 दिन में भाजपा की बढ सकती थी और असमंजस की स्थिति ना रहती। ऐसे में अनुशासन के उस पाठ पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है जो शनिवार को प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह द्वारा सभी पार्टी नेताओं को पढ़ाया गया था औऱ कार्रवाई की बात कही गई थी। अब सवाल खड़ा होता है क्या प्रदेशाध्यक्ष या पार्टी वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा पर कोई कार्रवाई करेगी या फिर नही।
अनुशासन के पाठ पर फिर पानी
बता दे कि मतगणना से पहले शनिवार को भाजपा कार्यालय मे हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सभी पार्टी नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी का कोई भी नेता हो अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को भी टारगेट कर कहा था कि वह भी इस दायरे में आते हैं।चुनाव से पहले और बाद में लगातार वह पार्टी लाइन से हट कर बयान देते आ रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में उज्जैन सांसद चिंतामणि मालवीय पर भी आरोप है कि उन्होंंने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया था। सिंह ने ऐसे सभी नेताओं को नसीहत देने का काम किया था। लेकिन नसीहत दिए अभी चौबीस घंटे भी पूरे नही हुए कि शर्मा ने ये बयान देकर भाजपा में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है।बता दे कि इससे पहले भी समय समय पर शर्मा पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोलते रहे हैं।

गजेंद्र सिंह। ... भोपाल।चौथी बार सत्ता बनाने का दावा कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को धनतेरस के दिन अपन नामांकन दाखिल कर दिया है। शिवराज सिंह चौहान ने उनके विधानसभा क्षेत्र बुदनी से नामांकन भरा। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान और दोनो बेटे भी मौजूद थे।इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज ने नाम निर्देशन पत्र(नामांकन का शपथ पत्र) में अपनी संपत्ति का भी खुलासा किया है। पत्र के अनुसार, पांच सालों में सीएम और उनके परिवार की आय सवा करोड़ बढ़ी है। ब्यौरा के अनुसार, उनके पास 10 करोड़ 45 लाख 82 हजार 140 रुपए है।  इसके साथ ही नामांकन पत्र के शपथ पत्र अनुसार साधना सिंह की संपत्ति शिवराज सिंह से दोगुनी है। पांच साल में उनकी संपत्ति में सवा चार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। 2013 में उनके पास छ: करोड़ 27 लाख 54 हजार 114 रुपए की संपत्ति थी।
संपत्ति का ब्यौरा
नगद राशि
शिवराज सिंह चौहान : 45 हजार
साधना सिंह : 40 हजार
बैंक एकाउंट का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान
एसबीआई बैंक विदिशा- आठ लाख 36 हजार 819
एसबीआई बैंक भोपाल- पांच लाख 79 हजार 423
जिला सहकारी बैंक भोपाल- छ: लाख 10 हजार 532
साधना सिंह
एसबीआई विदिशा- नौ लाख 47 हजार 374
पीएनबी भोपाल- एक लाख 72 हजार 392
वाहन
शिवराज सिंह चौहान के पास वाहन नहीं है।
साधना सिंह के नाम से डेढ़ लाख की एक एंबेसडर है।
अन्य
शिवराज सिंह चौहान
एक रिवाल्वर- 5500 रुपए
घरेलू सामान- दो लाख 50 हजार
जमीन का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान : 77 लाख रुपए
उनके पास जैत में 20 एकड़, बैस में साढ़े तीन लाख और डोलखेड़ी में ढाई एकड़ भूमि है।
साधना सिंह : तीन करोड़ 32 लाख रुपए
साधना सिंह के नाम से विदिशा में 32 एकड़ जमीन है।
आवासीय
शिवराज सिंह चौहान : एक करोड़ 95 लाख 50 हजार रुपए
उनके पास विदिशा में मकान है।
साधना सिंह : तीन करोड़ 20 लाख रुपए
उनके पास अरोरा कॉलोनी में फ्लैट है।
कुल संपत्ति का ब्यौरा
शिवराज सिंह चौहान : तीन करोड़ 15 लाख 70 हजार 274 रुपए।
साधना सिंह : सात करोड़ 30 लाख 11 हजार 866 रुपए।
अब तक का शिवराज का राजनैतिक सफर
पांच मार्च 1959 को जन्मे चौहान ने अपना पहला चुनाव वर्ष 1990 में बुधनी से ही जीता था और विधायक बने थे। इसके बाद वर्ष 2006 के उपचुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते इस सीट पर जीते थे और फिर वर्ष 2008 एवं वर्ष 2013 के चुनाव में जीत हासिल कर इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। वह वर्ष 2005 से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और लगातार 13 साल तक मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का उन्होंने इतिहास रचा है।
इसके अलावा, चौहान मध्यप्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पांच बार लगातार सांसद भी चुने गये। वह वर्ष 1991 में हुए उपचुनाव में पहली बार विदिशा सीट से सांसद बने थे। तब यह सीट वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा खाली की गई थी, क्योंकि वाजपेयी वर्ष 1991 के आम चुनाव में विदिशा एवं लखनऊ की दो सीटों से लोकसभा चुनाव जीते थे। इसक बाद चौहान वर्ष 1996, 1998, 1999 एवं 2004 में विदिशा से सांसद बने।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में चौहान प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस) के खिलाफ गुना जिले की राघौगढ़ सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इन चुनावों में भाजपा को प्रदेश में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी वह (चौहान) हार गये थे।    हालांकि, बाद में उमा भारती एवं बाबूलाल गौर सहित अन्य पार्टी नेताओं में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में अंदरूनी कलह हो गयी, जिसका फायदा चौहान को मिला और पार्टी ने बाबूलाल गौर को हटाकर उन्हें 29 नवंबर 2005 में मध्यप्रदेश का मुख्य…  


गजेंद्र सिंह। ....... भोपाल-विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शहर में पुलिस द्वारा की जा रही वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने 15 लाख 70 हजार रुपए नकद जब्त किए।इस कार्रवाई में हमीदिया रोड पर मशहूर शायर राहत इंदौरी के पास एक लाख रुपए मिले।उनकी पुलिस से नोंक-झोंक भी हुई।रुपयों के बारे में तस्दीक होने के बाद पुलिस ने उन्हें रुपए वापस कर जाने दिया।

हनुमानगंज थाना प्रभारी सीएस रघुवंशी ने बताया कि हमीदिया रोड पर शाम करीब 4:30 बजे तलाशी के दौरान कार में सवार व्यापारी संजय बाधवानी के पास 5 लाख रुपए, पोल्ट्री फार्म मालिक सलीम खान की जीप से ढाई लाख रुपए नकद बरामद किए।इस दौरान एक सेंट्रो कार में सवार शायर राहत इंदौरी के पास एक लाख रुपए नकद मिले।रुपयों के बारे में पूछताछ करने पर वे नाराज होने लगे।उनका आरोप था कि इस तरह की चेकिंग से आम आदमी परेशान हो रहे हैं।उन्होंने बताया कि वे एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देकर आ रहे हैं,यह रुपए संस्था ने ही उन्हें दिए हैं। इस बात की तस्दीक के लिए उन्होंने फोन पर एडीजी पवन जैन से बात भी करवाई।इसके बाद उन्हें बरामद रुपए देकर जाने दिया गया।उधर हबीबगंज में 1 लाख 74 हजार, चूनाभट्टी में 1 लाख 76 हजार,टीटी नगर में 3लाख 20 हजार और बैरसिया में डेढ़ लाख रुपए बरामद किए गए।

भोपाल| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार से नाराज होकर राज्यमंत्री का राज्यमंत्री का दर्जा ठुकराने वाले कंप्यूटर बाबा अब ठीक चुनाव से पहले सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाले हैं| कंप्यूटर बाबा प्रदेश के संतों का समागम कर संतों की मन की बात शुरू करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत 23 अक्टूबर को इंदौर से की जाएगी। ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खंडवा में 4 नवंबर, रीवा में 11 नवंबर और जबलपुर में 23 नंवबर को संतों का महासम्मेलन किया जाएगा। नर्मदा यात्रा के भ्रष्टाचार को लेकर यात्रा निकलने से पहले सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा देकर उपकृत किया, लेकिन अब चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और संत विरोधी बताते हुए सीधे हमले करने शुरू कर दिए हैं| चुनावी समर में संतों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती है, जिसके चलते अब बाबा को मानाने की भी कोशिश जोरो पर चल रही है| सरकार ने जूनापीठ के स्वामी अवधेशानंद गिरी को मध्यस्थता का जिम्मा सौंपा है। 

भोपाल। 71 सीटों पर सिंगल नामों पर मुहर लगने के बाद 39 अन्य सीटों पर भी सिंगल नाम सामने आए हैं। हालांकि बुधवार को हुई सीईसी की बैठक में इन पर विचार नहीं किया जा सका। मौजूदा विधायक चितरंगी से सरस्वती सिंह का नाम पक्का है। जबकि डबरा से विधायक इमरती देवी को भांडेर से टिकट मिल सकता है।
जतारा से विधायक दिनेश अहिरवार का टिकट कटना तय है। वहीं सिरोंज से विधायक गोवर्धन उपाध्याय ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। करैरा से विधायक शकुंतला खटीक के नाम पर विचार चल रहा है।
ये हैं 39 सिंगल नाम
सांवेर से तुलसी सिलावट, सांची से प्रभुराम चौधरी, पोहरी से हरिवल्लभ शुक्ल, मुलताई से सुखदेव पांसे, आष्टा से गोपाल सिंह इंजीनियर, ब्यावरा से पुरुषोत्तम दांगी, धरमपुरी से पांचीलाल मेढ़ा, पृथ्वीपुर से ब्रजेंद्र सिंह राठौर, सुमावली से ऐंदल सिंह कंसाना, खुरई से अरुणोदय चौबे, नरयावली से सुरेंद्र चौधरी, टीकमगढ़ से यादवेंद्र सिंह, महाराजपुर से शंकर प्रताप सिंह, सिलवानी से देवेंद्र पटेल, शहपुरा से नन्हें सिंह धुर्वे, खिलचीपुर से प्रियव्रत सिंह, देवास से जय सिंह ठाकुर, बागली से कमल बास्केल, पंधाना से रूपाली बारे, बड़नगर से मोहन सिंह पवार, खरगोन से तारकेश्वर यादव, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, जोबट से सुलोचना रावत, पेटलावद से कलावती भूरिया, बदनावर से राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, नागदा से दिलीप सिंह गुर्जर, महिदपुर से सरदार सिंह चौहान, घट्टिया से रामलाल मालवीय, रतलाम सिटी से पारस सकलेचा, सैलाना से हर्ष गेहलोत, रतलाम ग्रामीण लक्ष्मीदेवी खराड़ी, मनासा से बिजेंद्र सिंह मालहेड़ा, पानसेमल से धूर सिंह खेड़कर, भैंसदेही से राहुल चौहान।

गजेंद्र  सिंह की रिपोर्ट। ...  भोपाल| मध्य प्रदेश के सियासी रण में इस बार कई राजनीतिक पार्टियां अपना भाग्य आजमाने मैदान में उतर रही हैं| प्रदेश में पहली बार शिवसेना सभी 230 विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने जा रही है| शिवसेना ने विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की प्रथम सूची घोषित कर दी है| इस सूची में 21 प्रत्याशियों के नाम हैं| शिव सेना के प्रदेश प्रमुख ठाड़ेश्वर महावर और प्रदेश संगठक गुलाब चंद दुबे ने इन नामों की घोषणा की है| प्रत्याशियों की अगली सूची 25 अक्टूबर के बाद आएगी| वहीं शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे भी जल्द भोपाल आएंगे|

गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट । ... भोपाल।अमित शाह के मध्यप्रदेश दौरे से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक शेखर चौधरी ने पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। वहीं बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देने वाले किसान आंदोलन से सुर्ख़ियों में आये युवा नेता अर्जुन आर्य भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट बुधनी से समाजवादी पार्टी (सपा) ने अर्जुन आर्य को टिकट दिया था जिसे उन्होंने लौटा दिया था।  अब अर्जुन कांग्रेस में शामिल हो गए हैं, संभावना है कांग्रेस उन्हें शिवराज के सामने चुनाव लड़ाये। अर्जुन आर्य ने आज कांग्रेस की सदस्यता ले ली। उनके साथ करीब पांच सौ समर्थकों ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे।
इनके साथ ही गोटेगांव से बीजेपी के पूर्व विधायक शेखर चौधरी ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली। चौधरी ने बीजेपी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।  वे 2008 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे औऱ अब एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए है।  चौधरी 1998 से 2003 तक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे।साथ ही उन्होंने 2008 में बीजेपी के टिकट पर गोटेगांव से चुनाव लड़ा था। वही अर्जुन को हाल ही में समाजवादी पार्टी ने बुधनी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दी थी, लेकिन उन्होंने यह कहकर ठुकरा दी कि कांग्रेस में ही बीजेपी को उखाड़ फेंकने का दम है। उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करने के पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ने का दावा किया था।
बता दे कि अर्जुन आर्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में छिड़े किसान आंदोलन में के दौरान जेल गए थे। कुछ दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। मप्र की बुदनी सीट सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है, क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ते हैं और वे लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी की तरफ टिकट मिलने पर अर्जुन ने अगले 24 घंटे में ही टिकट लौटा दिया था औऱ चुनाव लड़ने से इंकाकर कर दिया था।  अर्जुन राय दिल्ली विश्वविधालय से अपनी पढ़ाई पूरी कर वह बुधनी लौटे है। आदिवासियों में उनकी काफी अच्छी छवि है और वह अब विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियाता बढ़ा रहे हैं। वह किसानों, लोगों से मिलकर शिवराज के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उन्हों यहां से टिकट भी दे सकती है। इस क्षेत्र मुख्यमंत्री का दबदबा रहा है। ये उनकी पारंपरिक सीट है। इस बात में कोई दौराय नहीं है कि यहां से शिवराज को जनता का प्यार मिलता रहा है। लेकिन इस बार समीकरण कुछ और हैं। इस बार का मुकाबला काफी रोचक होगा।

उज्जैन से आशीष जैन। ... पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह टिकटों पर चर्चा के लिए आज दोपहर अचानक विधायक जीतू पटवारी के भोपाल स्थित बंगले पर पहुंचे।
विधायक पटवारी और दिग्विजय सिंह के रिश्ते बरसो पुराने हैं दिग्विजय सिंह के साथ उनके पुत्र विधायक जयवर्धन सिंह भी पटवारी के बंगले पर मौजूद है। चुनावी सरगर्मियां के माहौल में इस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का पटवारी के बंगले पर पहुंचना कई नई चर्चाओं को हवा देने के लिए काफी है  बीते कई दिनों से यह चर्चा चल रही थी कि मालवा निमाड़ की 66 सीटों की बड़ी जिम्मेदारी विधायक पटवारी को मिलने वाली है और आज सिंह का पटवारी के बंगले पर पहुंचना इस बात का अंदेशा भी बता रहा है । विधायक पटवारी के साथ शहर के कांग्रेस नेता शेख अलीम युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी और प्रदेश प्रवक्ता जय हार्डिया भी मौजूद है

गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट --भोपाल। .... अब होगी पत्रकारों को धमकाने पर कार्रवाई
पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे  में भेजा जाएगा जेल
पत्रकार के साथ बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल  की जेल
पत्रकार का अभद्रता करने  वाले पर लगेगा 50000 का जुर्माना

गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट ------- भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया। बीएसपी के इस ऐलान के बाद कांग्रेस को अब प्रदेश की 30 विधानसभा सीटों पर खतरा हो सकता है। ये वह सीट है जहां बीएसपी का वर्चस्व है। भले इन सीटों पर बीएसपी जीत हासिल नहीं कर पाई है लेकिन उसको वोट प्रतिशत यहां से ज्यादा है। सीधे शब्दों में कहें तो इन सीटों पर बीएसपी कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। अगर गठबंधन होता तो इन सीटों पर कांग्रेस के जीतने की संभावनाएं बढ़ती।
पिछले चुनाव में बीएसपी ने 30 सीटों पर कांग्रेस के वोट काट दिए थे। इस बार फिर कांग्रेस को इस बात डर सता रहा है कि बीएसपी इन सीटों पर सेंध लगा सकती है। बुंदेलखंड, ग्वालियर, चंबल और विंध्य क्षेत्र में बीएसपी का काफी अच्छा होल्ड है। पिछले चुनाव में उसे यहां से 5 सीटों पर जीत मिली थी। बाकी सीटों पर उसे अच्छे वोट मिले थे कही तो बीएसपी बीजेपी को पछाड़ दूसरे नंबर पर रही थी। पिछले चुनाव की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि बीएसपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था।
रानजनीति के जानकारों का मानना है कि वोट प्रतिशत के मामले में बीएसपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालांकि इस बार उससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस बार बीएसपी कांग्रेस के साथ गठबंधन में नहीं है तो उसका प्रदर्शन पहले से बेहतर हो सकता है।
इन सीटों पर है बीएसपी का वर्चस्व
श्योपुर, सबलगढ़, जोरा, सुमावली, मुरैना, भिंड, मेहगांव, ग्वालियर ग्रामीण, सेवड़ा, भांडेर, दतिया, पोहरी, बंडा, महाराजपुर, छतरपुर, बिजावर, मलाहेड़ा, गुन्नौर, सतना, सिरमौर, सिमरिया, देवतालाब, सीधी, सिंगरौली, वारासिवनी, कटंगी।

गजेंद्र सिंह ------ भोपाल।मध्यप्रदेश के चुनावों में अब कुछ ही वक्त बचा है। तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनैतिक दलों की धड़कने भी तेज हो गई है। हर कोई सत्ता में आने पूरा दम लगा रहा है। एक तरफ सालों से सत्ता का सुख भोग रही है भाजपा है तो दूसरी तरफ वनवास काट रही कांग्रेस।इसके अलावा अन्य विपक्षी पार्टियां अलग। इधर मुकाबला कड़ा होने के कारण भाजपा की कमान खुद मुख्यमंत्री शिवराज ने संभाल रखी है, कांग्रेस के हाथ को आगे बढ़ाने का जिम्मा प्रदेश के दो बड़े नेताओं चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सिंधिया और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने संभाल रखा है। दोनों ही नेता सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार का घेराव करने में लगे हुए है। इसी कड़ी में एक बार फिर सिंधिया ने सरकार को ट्वीटर के माध्यम से घेरा है और एक के बाद एक कई सवाल पूछकर उनका जवाब मांगा है।
ओपिनियन पोल को लेकर यह कहा
वही उन्होंने ओपिनियन पोल के सर्वे में कांग्रेस की जीत को आने वाले सालों में होने वाला बदलाव बताया है।
दरअसल, सिंधिया ने शिवराज सरकार पर ट्वीटर के माध्यम से तीखे वार किए है। सिंधिया ने किसान आत्महत्या , महिलाओं अत्याचार, कुपोषण, शिशु मृत्युदर , बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अवैध उत्खनन जैसे मामलों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज से सवाल पूछे है और उनका जवाब मांगा है। इसके अलावा सिंधिया ने अपने ट्वीटर पर एक फोटो भी शेयर की है, जिसपर कई सवाल लिखे हुए है। सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा है कि मुख्यमंत्री जी जवाब दो - किसान आत्महत्या के मामले में, महिलाओं पर अत्याचार और अपराधों के मामले में, कुपोषण और शिशु मृत्युदर के मामले में, युवा बेरोजगारी के मामले में, भ्रष्टाचार और अवैध उत्खनन के मामलों में - मध्य प्रदेश नंबर एक क्यों ?

टोंकखुर्द( विजेन्द्रसिंह ठाकुर 9302222022) वर्षो पुराने देवस्थान वाले गांव का मामला, स्वच्छता अभियान के अंतर्गत इस गांव में नही हो पाई साफ सफाई उल्टी अभियान की किल्ली उड़ती नजर आयी। ग्राम पंचायत मुंडलादेव में रहवासियों के घर के सामने रोड पर बेसुमार कीचड़, गंदगी के साथ गंदा नाली का पानी जमा होने से स्थानिय रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । स्थानीय गांव के मनोहरसिंह पिता मांगीलाल सैंधव ने इसकी शिकायत 181 पर भी की लेकिन कोई हल नही निकला उल्टा अधिकारीयो ने दबाव बनाया और कहा कि निजी भूमि है सियायत वापिस लेलो। रास्ता गांव का होने के साथ ही समशान घाट जाने का भी मुख्यमार्ग है और इसी रास्ते के पास सेकड़ो वर्ष पूर्व से देवस्थान भी स्थापित है। लेकिन किसी अधिकारी को इस रास्ते की सफाई ओर दुरुस्त करने की सुधनही रही। एक ओर  स्वच्छता अभियान पर करोड़ो खर्च कर गांव गांव पंचायत के माध्यम से गली गली में साफ सफाई अभियान चलाया जारहा है। वही दूसरी ओर ऐसी की सेकड़ो पंचायतों में यह कार्य कागजी कार्यवाही बनकर रह गया।

भोपाल के जम्बूरी मैदान में आज कार्यकर्ता महाकुंभ के दौरान मोदी जी , अमित शाह के जुमले युक्त भाषण के दौरान सुस्ताती जनता.....
ख़ाली पड़ी कुर्सियाँ...
दावा लाखों का , ख़ाली पड़ी रही कुर्सियाँ...
दावा कार्यकर्ताओं के उत्साह का , सुस्ताते हुए लोग...
———————भोपाल में कुर्सियों को सुनाया मोदी ने भाषण, 8000 बस, 9000 गाडी, 7 ट्रैन के बाद भी नहीं आयी जनता———घोषणावीर, जुमलावीर को नकारा जनता ने

भोपाल। बिना लाइसेंस के रेल टिकट बेचने के मामले में आरपीएफ भोपाल ने एक व्यक्ति को पकड़ा है। आशंका जताई जा रही है कि भोपाल में इस तरह का काम करने वाला गिरोह सक्रिय है। पकड़े गए व्यक्ति के पास से 10 कन्फर्म समेत 15 टिकट मिले हैं। बता दें कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट पर बनाई गई आईडी से कोई भी व्यक्ति अपने लिए टिकट बुक कर सकता है। लेकिन टिकट बेचने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। पकड़ा गया व्यक्ति रोज ही कई टिकट बुक कर रहा था, इसलिए वह संदेह के घेरे में आ गया। भोपाल आरपीएफ थाना प्रभारी खजान सिंह ने बताया कि नजीमउद्दीन सैफी (45) निवासी बैरसिया यात्रियों को टिकट बेचता था। उसके पास से 15 टिकट मिले हैं। इनमें से 5 टिकट पर यात्री यात्रा कर चुके हैं। बाकी के टिकटों पर इसी महीने यात्रा की जानी थी। सभी को रद्द करवा दिया है। उसके खिलाफ रेल अधिनियम 147 के तहत कार्रवाई की गई है।

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