टोंकखुर्द थाना प्रभारी की नही खुली आँख

राष्ट्रीय पर्व व ईद के मद्देनजर नही रखी शांति समिति की बैठक                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                        
टोंकखुर्द। आगामी रक्षाबंधन, राष्ट्रीय त्योहार 15 अगस्त व ईद सहित व अन्य त्योहार कल से प्रारंभ हो रहे लेकिन टोंकखुर्द तहसील मुख्यालय पर इन त्योहारों को लेकर स्थानीय जिम्मेदार ने शांति समिति की बैठक तक करना उचित नही समझा ,जबकि एक साथ कई त्योहार एक के बाद एक आरहे है इन त्योहारों को लेकर टोंकखुर्द नगर में दुकानों पर भीड़ बढ़ रही है व रोड पर जाम की स्थिति बन रही जिसके कारण आये दिन विवाद  की स्थिति निर्मित होती है। हमेशा होता यह आया है कि जब भी राष्ट्रीय पर्व,ईद,राखी, होली,दिवाली,मोहर्रम आदि त्योहारों के पूर्व पुलिस थाना परिसर में पुलिस द्वारा शांति समिति की बैठक आयोजित की जाती थी और इसके लिए बाकायदा शांति समिति के सदस्यों को 4-5 दिन पहले शांति समिति की बैठक  के आयोजन की सूचना दी जाती थी और सूचना रजिस्टर पर उन सदस्यों के हस्ताक्षर कराए जाते थे।लेकिन वर्तमान थाना प्रभारी ने राष्ट्रीय व धार्मिक पर्व पर शांति समिति की बैठक आहूत करना उचित नही समझा।जबकि वर्तमान समय में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से  अनुच्छेद 370 हटाने के बाद निर्मित माहौल को देखते हुए आगामी त्योहार शांति पूर्ण व भाईचारे से मने इडके लिए शांति समिति की बैठक आयोजित करना बेहद जरूरी था lजबकि पूरे जिले में शांति समिति की बैठक आयोजित हो चुकी है।।थाना प्रभारी क्षेत्र में लोगो को अपने आपको लोकनिर्माण मंत्री के भांजे बताते है।और जब भी लोकनिर्माण मंत्री क्षेत्र में आते है तो उनके आगे-पीछे मामा-मामा करते फिरते है ताकि लोगो के बीच यह दिखा सके कि वे सज्जन वर्मा के बहुत करीबी है।और इसी रिश्ते की आड़ में उनके संवरक्षण में अवैध मदिरा व सट्टे  का व्यापार खुले आम चल रहा है। लोगो का कहना है कि टोंक पुलिस अभी दारू व सट्टे के लिए काम कर रही है उन्हें नगर की कोई फ्रिक नही।वर्तमान समय मे टोंकखुर्द थाना क्षेत्र में तमाम अवैध धंधे धड़ल्ले से संचालित हो रहे है।बाद में शांति समिति की बैठक की खबर जब पोर्टल पर चली तो थाना प्रभारी ने आनन-फानन में शांति समिति के सदस्यों को फोन कर 6 बजे शांति समिति की बैठक में आने के लिए फोन कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।लेकिन 6 बजकर 25 मिनिट पर पुरी कुर्सियां खाली थी और शांति समिति की बैठक पूरी तरह फ्लॉप रही।इस संबंध में थाना प्रभारी का पक्ष जानने के लिए फोन लगाया लेकिन उनसे संपर्क नही हो पाया।          

4-5 दिन पहले शांति समिति की बैठक के आयोजन की सूचना दी जाती थी