भोपाल संवाददाता सुनील परमार - आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बैरागी नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि साधु संतों का कार्य केवल धर्म का प्रचार करना या धर्म कार्य करना ही नहीं है,बल्कि देश हित,समाज कल्याण,समाज सेवा से जुड़े सारे कार्य करना भी साधु-संतों के लिए प्रमुख हैं।
     कोरोना की महा भयंकर आशंका को देखते हुए और पहली बार इतने लंबे लॉकडाउन के मद्देनजर मिर्ची बाबा पूरे समय भोपाल, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया आदि जगह गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को प्रतिदिन भोजन करवा रहे हैं। वे नित्य सुबह शाम गरीब बस्तियों में खुद जाकर अपने हाथों से गरीबों को उनके जरूरतों का सामान एवं भोजन प्रदान कर रहे हैं।
          इतिहास साक्षी है जब-जब राष्ट्र के मान सम्मान पर आंच आई, संकटों के बादल छाए,तब तब देश की संत शक्ति ने अग्रणी भूमिका निभाई है इनके द्वारा संचालित मठ मंदिरों मैं प्राप्त दान को उन्होंने पीड़ित समाज के हित में ज्यों का त्यों दान कर दिया है उस दान से चिकित्सालय और आश्रम स्थल बनवा कर समाज की सेवा की है। हमारे देश कि यह आध्यात्मिक शक्ति स्वयं के कृत्य से पूरे समाज को हमेशा से ही मार्ग दिखाती आई है। इस बार भी आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने इस वैश्विक महामारी और आसन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए भामाशाह की भूमिका निभाने के लिए समाज को प्रवृत्त किया है।
          आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु द्वारा रोजाना हजारों लोगों को भोजन कराया जा रहा है। वे अपने शिष्यों के द्वारा एवं सहयोगी यों के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में जनसेवा का कार्य कर रहे हैं।



उज्जैन संवाददाता सुनील परमार -आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आदर्श कन्या आश्रम विक्रम यूनिवर्सिटी कैंपस स्थित, मैं श्रीमती लीला बाई डाबी पति स्वर्गीय श्री पीरुलाल डाबी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं।वर्ष 2007 जुलाई माह से उनके निर्धारित वेतन से अधिक भुगतान हुआ है। और अब जाकर वर्ष 2021 में आदिम जाति कल्याण विभाग को अपनी गलतियों का पता चला है। आदिम जाति कल्याण विभाग ने अपनी गलती छुपाने के लिए मनमाने ढंग से लीलाबाई डाबी के वेतन से कटौती शुरू कर दी है।
    श्रीमती लीला बाई डाबी का कहना है कि यह गलती मेरे द्वारा नहीं की गई है। ना ही मैंने आदिम जाति कल्याण विभाग से कहा कि मुझे निर्धारित वेतन से ज्यादा भुगतान करें। अब विभाग ने फरवरी माह 2021 से मेरे वेतन में से कभी 14000 तो कभी 13000 लगभग कटौती की जा रही हैं। मेरा मूल वेतन 33003 रुपए हैं जिसमें से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मैंने लोन ले रखा है जिसकी किस्त लगभग 13000 हर माह कटती है।
              श्रीमती लीला बाई का कहना है कि मैं जब बैंक अपनी सैलरी निकालने पहुंची तो मुझे इस बात का पता चला कि विभाग द्वारा मेरे खाते से हर महा तेरा ₹14000 काटे जा रहे हैं जब मैंने विभाग से संपर्क किया तो विभाग ने बताया कि आपको 2007 से त्रुटिपूर्ण निर्धारित भुगतान से ज्यादा भुगतान किया गया है जब मैंने अधिकारी से कहा कि आपने जिस तरह से हर महा मुझे वेतन से अतिरिक्त भुगतान किया है वैसे ही आप हर महा थोड़े-थोड़े करके मेरे खाते से कटौती कर लीजिए। तब विभाग के लोगों ने कहा कि नियमानुसार आपको 2007 से अभी तक लगभग ₹52000 रुपए ज्यादा भुगतान किया गया है जिसका ब्याज अभी तक का ₹60000 बनता है। आपसे लगभग 114000 की वसूली होना है।
   इस पर श्रीमती लीला बाई का कहना है कि विभाग ने जो मेरे खाते में वेतन से अतिरिक्त भुगतान दिया है मैं वह भुगतान वापस करने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं ब्याज किस बात का दु।
यह मेरी गलती नहीं है यह विभाग की गलती है तो विभाग की गलती का खामियाजा में क्यों भुक्तू।
     अभी पूरे प्रदेश में lockdown है। ऐसे में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मेरे खाते से ₹14000 की कटौती कर ली गई है एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ₹13000 की किस्त की कटौती कर ली है ऐसे में मेरे पास सिर्फ ₹5000 बचते हैं।
                 ऐसी मुश्किल घड़ी में मैं अपना एवं अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करूं मैं किराए के घर में रहती हूं जिसका किराया मुझे ₹6000 हर महा देना पड़ता है एवं मेरे साथ मेरी दो बेटियां रहती हैं और मेरा नवासा भी मेरे साथ ही रहता है इन सब की जिम्मेदारी मुझ पर ही ऐसे में मैं अपना परिवार का भरण पोषण कैसे करूं। संपूर्ण मामले को लेकर उज्जैन कलेक्टर से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया




ग्वालियर संवाददाता अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में लॉक डाउन के चलते, डॉ भीमराव अंबेडकर जी को माल्यार्पण करने के पश्चात आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस साल हम बाबा साहेब की 129 वी जयंती मना रहे बाबा साहेब के विचार हमेशा इंसान को समाज के प्रति प्रेरित करते हैं। बचपन से ही आर्थिक और सामाजिक भेदभाव देखने वाले अंबेडकर जी ने विषम परिस्थितियों में पढ़ाई शुरू की थी इतना ही नहीं बाबा साहेब को स्कूल में काफी भेदभाव झेलना पड़ा था दलित समाज के उत्थान और उन्हें जागरूक करने में बाबा साहब का योगदान अतुल्य है।बाबा साहेब के विचार हमेशा इंसान को समाज के प्रति प्रेरित करते हैं।
धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने संपूर्ण भारत वासियों के नाम संदेश दिया है कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती घरों में रहकर ही मनाएं। उन्होंने कहा है कि इस समय देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री जी द्वारा लगाए गए लॉक डाउन का पालन करें सामाजिक दूरी बनाए रखें।
                साथ ही महाराज जी ने ग्वालियर एस.पी.पर तंज कसते हुए कहा कि धर्म गुरुओं को रोकना अनुकूल नहीं है। क्योंकि समाज के भीतर दया करुणा और सेवा का भाव पैदा करने में साधु-संतों की सबसे प्रमुख भूमिका रही है समाज पर जब भी कोई विपदा आती है तो संत समाज तन मन धन से सदैव तत्पर रहता है। इतिहास साक्षी है जब जब राष्ट्र के मान सम्मान पर आंच आई, संकटों के बादल छाए तब तब देश की संत शक्ति ने अग्रणी भूमिका निभाई है।
                क्या ऐसे धर्म गुरुओं को ग्वालियर एसपी द्वारा रोकना  उचित है।इस कोरोना महामारी के चलते हुए मिर्ची बाबा द्वारा प्रतिदिन गरीबों एवं जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। जब शासन प्रशासन द्वारा ऐसे धर्मगुरु व समाजसेवियों को किसी उत्तम कार्य के लिए अनुमति नहीं देंगे तो  ऐसी मुश्किल घड़ी में गरीब एवं मजदूर वर्ग के लोगों का क्या होगा। मेरा सम्माननीय प्रदेश के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन है कि वे प्रत्येक जिले के कलेक्टर एवं एसपी महोदय को शक्ति से नियमों का पालन कराने का आदेश तो दे,लेकिन धर्मगुरु एवं समाजसेवियों को ऐसे रोकना भी उचित नहीं है।



भोपाल संवाददाता महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा है की जो स्थिति आती है उसका जाना भी निश्चित है देशवासी धैर्य रखे यह स्थिति अनंत काल तक नहीं रहेगी इसका अंत निश्चित है हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि शरीर माघ खलू धर्मसाध्णम धर्म रूपी साथियों को पाने का मानव रूपी शरीर ही सबसे बड़ा साधन है इस उक्ति से मानव शरीर की दुर्लभता का पता चलता है हमारे आयुर्वेद शास्त्र शरीर के निरोग रहने के असंख्य उपाय बताते हैं। और यदि औषधि का अभाव हो तो विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ ही औषध है इसी तरह गंगाजल और गोमूत्र आदि को भी परम औषधि माना गया है मानव शरीर ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है इसलिए कोई धार्मिक व्यक्ति इस को क्षति पहुंचाने का कार्य नहीं करता यह सामान्य नियम है मानवता के दुश्मन कभी ईश्वर के प्रिय नहीं हो सकते हैं। आज यह वैश्विक महामारी हमारे देश में भी मंडला ही है जो कि औषधि रूपी हथियार के अभाव में और पराजय जब कोई उपाय ना हो तो धैर्य ही काम आता है भारत वासियों ने इस व्याधि को अपने धैर्य और अनुशासन से असर हीन किया है जिसको आज संपूर्ण विश्व में आदर की दृष्टि से देखा जा रहा है हमारे यहां रोक आगंतुक है विकार हैं जबकि स्वास्थ्य हमारी आत्मा ही और आत्म प्रदीप की वायु से रक्षा करना साधक का तप है
                  मिर्ची बाबा ने कहा कि इस आपात काल में समस्त देशवासियों से निवेदन है कि आप कमर कस कर इस महा रूप से उत्पन्न विपत्ति का सामना करते हुए अगर सामर्थ हो तो पीड़ित लोगों की सहायता करें इस विपत्ति के पूर्णम से नियंत्रण होने में अभी ना जाने कितना समय लगे और समस्या के निवारण के बाद भी देश को पटरी पर आने में कितना समय लगे इस 
नव आगंतुक समस्या को मानसिक रूप से एकजुट होकर एवं शारीरिक रूप से दूरी बनाकर दूर भगाना है। शासन प्रशासन के नियमों का पालन करें।

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