आशीष जैन। .....
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जनसभा को संबोधित किया है. लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में हो रही राहुल गांधी की महारैली में आरजेडी के तेजस्वी यादव समेत बिहार महागठबंधन के सभी विपक्षी नेता शामिल हुए हैं.

पटना के गांधी मैदान से पीएम मोदी पर बरसे राहुल गांधी


पटना. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली का संबोधन किया है. बताया जा रहा है कि राहुल की इस रैली में करीब डेढ़ से दो लाख लोग शामिल हुए हैं. बिहार में बन रहे महागठबंधन के नेता आरजेडी चीफ तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी, शरद यादव समेत कई दिग्गज नेता रैली में शामिल हुए और जनता का संबोधन किया. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी रैली में शामिल हुए और जनता को संबोधित किया. 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रैली में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी-जेडीयू के कामकाजों पर निशाना साधा. इसके साथ ही राहुल गांधी ने राफेल का मुद्दा एक फिर उठाया और कहा कि पीएम मोदी ने कारोबारी अनिल अंबानी को गलत तरीके से राफेल का कॉन्ट्रेक्ट दिलाया है. वहीं राहुल गांधी ने पटनावासियों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगर देश में कांग्रेस सरकार आई तो पटना विश्वविद्यालय को  सेंट्रल यूनिवर्सिटी  बनाने का काम किया जाएगा. 

राहुल गांधी की रैली में बिहार के पूरा विपक्ष नजर आया लेकिन उपेंद्र कुशवाहा नहीं पहुंच सके. रिपोर्ट्स की मानें तो शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा की जन आक्रोश रैली के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें उपेंद्र कुशवाहा को चोट आई है. इसी वजह से वे रैली में नहीं पहुंच सके हैं.

नरेन्द्र श्रीवास्तव         

 - नरसिंहपुर के आदिवासी किसानों के सर पर मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं और वह भयभीत है कि अपनी पुस्तैनी जमीन से बेदखल होकर पलायन को मजबूर है दर सल इन आदिवासी किसानों की जमीन पर दबंगो ने कब्जा कर उनकी खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया ....और अब रोजीरोटी के संकट से जूझ रहे आदिवासी किसान दर दर की ठोकर खाने मजबूर है .....



 - जंगली जीबन को छोड़ आदिवासी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके और उनका सामाजिक उत्थान हो सके इसके लिए केंद सरकार द्वारा 84 में आदिवासियों परिवारों को पट्टे पर 2 -2 बीघा जमीन दी गई जिससे वह अपने परिवार का भरणपोषण कर सके और वर्षो से इसी जमीन पर काबिज होकर खेतिवाड़ी कर गुजर बसर करते आ रहे है मगर अब इन आदिवासी किसानों को दो वक्त की रोटी भी नसीब होना बमुश्किल हो रहा है दरसल आदिवासियों की जमीन पर अब रासुकदारो की नजर टेडी हो गई है और कूटरचित तरीके से वे उन्हें हथियाने में जुटे हुए है जिसके लिए वह खोफ का माहौल भी बनाने लगे है ऐसा ही खमरिया गांव के आदिवासी परिवारों के साथ हो रहा है जहां के संभ्रांत परिवारों के दबंगो ने आदिवासी किसानों की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया औऱ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया 


 - अपनी जमीन छीन जाने और खड़ी फसल के बर्बाद होने से ये आदिवासी किसान भयभीत और डरे सहमे है ऊपर से दबंगो द्वारा उन्हें डराया धमकाया जा रहा है जिससे यह पलायन को मजबूर हो रहे है ऐसे हाल में इन आदिवासियों पर रोजीरोटी का भी संकट आ गया है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने क्लेक्टर्ड की चौखट पर आने को मजबूर होना पड़ रहा है 


- आदिवासी नेता भी किसानों के साथ अत्याचार को लेकर चिंतित है और इसके लिए वह सरकारी सिस्टम को दोष दे रहे है और इन गरीब आदिवासी अन्नदाताओं के साथ हो रहे जुल्म को लेकर आंदोलन का मन बना रहे है ताकि सोए हुए सरकारी तंत्र को जगाया जा सके 





- तमाशबीन बना जिला प्रशासन तक जब पीड़ितों ने अपनी गुहार पहुंचाई तो उन्हें अब आदिवासियो के दर्द का अहसास हो रहा है और पूरे मामले को संज्ञान में लेकर विधिसंगत कार्यवाही का भरोसा दिलाया जा रहा है 




 आदिवासियों की अनदेखी का खामियाजा कई प्रदेशों की सरकार अब तक भुगतती आ रही है और ऐसे हाल में है नक्सलवाद जैसी सामाजिक कुरीतियों का जन्म होता है जरूरत है ऐसे संवेदनशील मामलो में समय रहते संवेदना दिखाते हुए पीड़ितों को न्याय मिले जिससे वह स्वाभिमान पूर्वक जीवन यापन कर सके । ......

रतलाम संवाददाता मौ.हुसैन खान   

रतलाम जिले के अन्तर्गत हो रही अवैध शराब के व्यापार को रोकने हेतु पुलिस अधीक्षक महोदय श्री गौरव तिवारी व अति पुलिस अधीक्षक महोदय प्रदीप शर्मा द्वारा श्रीमान एस.डी.ओ.पी. महोदय, जावरा जिला रतलाम को निर्देशित किया गया जिनके निर्देशन पर थाना प्रभारी औद्योगिक क्षेत्र जावरा जिला रतलाम के नेतृत्व में की टीम गठित कर आरोपियों की धरपकड़ हेतु क्षेत्र में लगाया गया था । दिनांक 30.01.2019 को उक्त टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना पर आरोपी गण  राजेश पिता चंपालाल  निवासी  इस्लाम नगर नया पुरा व भेरुलाल पिता मांगूलाल निवासी खेड़ा खेड़ी के कब्जे से 310 क्वार्टर अवैध देसी शराब  एक टाटा के बोरे में भरा हुआ जप्त किया किया कीमती करीब 16,000/- रुपये का जप्त किया गया । टीम - निरीक्षक बी.एल. सोलंकी, उनि विजय सनस, उप निरीक्षक राकेश मेहरा, सउनि मोहम्मद युनुस खान, सउनि के. एस. चौहान, आर. 914 राहुल उपाध्याय, 719 मयंक जोशी, आरक्षक 915 मनोहर वाघेला ,आर चालक 482 महेन्द्र सिंह, आर 225 चैनराम पाटीदार,

गजेंद्र सिंह चंद्रावत। ....                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
भोपाल।लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। इस बार  भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन 2019 में अभ्यर्थियों के लिये व्यय सीमा रूपये 70 लाख निर्धारित की है।2014  में यह सीमा 40  लाख रुपये थी।इसके साथ ही वाहनों के इस्तेमाल पर अभ्यर्थी को अनुमति लेनी होगी। खास बात ये है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशी को अलग से खाता खुलवाना अनिवार्य होगा, और व्यय का भुगतान चेक के माध्यम से ही होगा।  इसके अलावा प्रत्याशियों द्वारा कानून के अन्तर्गत सीमा में किए गये सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, जनसभा, टेंट और ऐसे सभी व्यय जिनका रिकॉर्ड संधारित किया जाता है, इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। निर्वाचन घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा तक राजनीतिक दलों का पार्टी व्यय पर उडनदस्ता नजर रखेगा। 
                                                                                                                                                               बैंक में खाता खुलवाना और व्यय का चैक से करना होगा भुगतान
लोक सभा निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा कानून के अन्तर्गत सीमा में किये गये सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, जन-सभा, टेंट और ऐसे सभी व्यय जिनका रिकार्ड संधारित किया जाता है, इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। सभी अभ्यर्थियों को व्यय के लिये बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा और व्यय का भुगतान चैक द्वारा किया जायेगा। प्रत्याशियों को व्यय का अलग रजिस्टर बनाना होगा। जिसमें रोजाना का खर्चा प्रत्याशियों को रजिस्टर में लिखना होगा। व्यय पर्यवेक्षक कभी भी इन रजिस्टर का निरीक्षण कर सकते है। हर 15 दिन में प्रशासन की लेखा टीम और प्रत्याशियों द्वारा जोड़े गए हिसाब का मिलान किया जाएगा।
                                                                                                                                                                     वाहनों के लिए लेनी पडेगी अनुमति
प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी वाहनों की अनुमति जिला रिटर्निंग अधिकारी से लेनी पड़ेगी। अनुमति के बाद ही वाहन प्रचार में लगा पाएंगे। यदि बिना परमिशन के वाहन चलाए गए तो जब्ती की कार्रवाई प्रशासन करेगा।
                                                                                                                                                                   अभ्यर्थी को 48 घंटे में देना होगा जवाब
जिन मामलों में अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन एजेन्ट द्वारा नोटिस मिलने के 48 घण्टों की समय सीमा में उत्तर प्रस्तुत नही किया जाता है तो यह माना जायेगा कि नोटिस में उल्लेखित छुपाई गई धनराशि की बात स्वीकार कर ली है और ऐसे अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय  में राशि को जोड़ा जायेगा। जिन भी मामलों में अभ्यर्थी या उसके एजेंट को प्रशासन द्वारा नोटिस दिया जाएगा उसके 48 घंटों के अंदर नोटिस का जवाब देना होगा। जवाब नहीं देने पर प्रत्याशी के खिलाफ रिटर्रिंग अधिकारी कार्रवाई करेंगे। नोटिस दिये जाने के बावजूद यह विफलता बनी रहती है तो ऐसे नोटिस के तामील किये जाने के 48 घंटो के बाद भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज की जायेगीं, और निर्वाचन अभियान के लिए अभ्यर्थी द्वारा वाहनों के इस्तेमाल के लिए अनुमति वापस ले ली जायेगी
                                                                                                                                                                     आयोग द्वारा रखी जाएगी पैनी नजर
निर्वाचन की घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम घोषणा की तारीख तक राजनैतिक दलों के पार्टी व्यय पर उड़नदस्ता के जरिये जिला प्राधिकारियों द्वारा नजर रखी जायेगी। यह व्यय अभ्यर्थी के व्यय में नही जोड़ा जायेगा फिर भी साक्ष्य के साथ अभिलेखवद्ध प्रेक्षकों की रिपोर्ट निर्वाचन परिणामों की घोषणा के 45 दिनों में विनिर्दिष्ट प्रोफार्मा में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दी जानी चाहिये।निर्वाचन व्यय मॉनीटरिंग के लिये केन्द्रीय व्यय प्रेक्षक, सहायक प्रेक्षक, नोडल अधिकारी, वीडियो निगरानी, वीडियो अवलोकन, लेखा टीम, उडनदस्ता दल(एफ.एस.टी), स्थैतिक निगरानी दल (एस.एस.टी) एवं कंट्रोल रूम के जरिये व्यय निगरानी रखी जावेगी।

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