तारकोल प्लांट चालू होते ही ग्रामीणों को हर समय मुंह पर कपड़ा बांधकर रहना पड़ता है
जिला ब्यूरो रिपोर्ट इमरान खान नरसिंगपुर। नरसिंहपुर के लिंगा पंचायत के अंतर्गत बैहर गांव के बाशिंदे क्षेत्र में सात आठ साल पहले सड़क निर्माण के लिए बना तारकोल प्लांट चालू होते ही ग्रामीणों को हर समय मुंह पर कपड़ा बांधकर रहना पड़ता है शायद उन्हें विकास की कीमत चुकानी पड़ रही है और उनके हिस्से में सिर्फ गंभीर बीमारियां आ रही है डामल प्लांट से उड़ने वाली केमीकल की जर्द गांव के रहवासियों के लिए यह मुसीबत का सबब बना हुआ है घरों तक पहुंच रही केमिकल युक्त काली जर्द उनके लिए दमा घुटन श्वास लेने में परेशानी और आंखों में जलन खुजलाहट बच्चों का शारीरिक विकास ना हो पाना जैसी गंभीर बीमारियो का कारण बनता जा रहा है प्रदूषण नियामक की गाइडलाइन को दरकिनार कर रहवासी क्षेत्र के पास नेशनल हाईवे 26 पर तारकोल निर्माण ग्रामीणों के लिए नासूर बना हुआ है यहां तक की प्लांट में काम करने वाले मजदूरों के साथ भी जमकर खिलवाड़ हो रहा है फैक्ट्री प्रबंधन ने आज तक मजदूरों के लिए मास्क और दस्ताने भी उपलब्ध नहीं कराए बाबजूद प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है बेबस ग्रामीण पूरे गांव को इस त्रासदी से बचाने के लिए अब आंदोलन की राह पकड़ने मजबूर है