मध्यप्रदेश/ इस बार देर से आएंगे चुनाव परिणाम, दोपहर के बाद मिलेंगे सभी सीटों के रुझान, नतीजे रात तक
इसके बाद शुरू होगी अगले राउंड की गिनती
भोपाल। इस बार चुनाव परिणाम के लिए लंबा इंतजार करना होगा। वजह, चुनाव आयोग ने कांग्रेस की वो मांग मान ली है जिसमें उसने हर राउंड के बाद परिणाम की जानकारी लिखित में देने की बात की थी। इतना ही नहीं ये प्रक्रिया सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में भी अपनाई जाएगी। शनिवार को इस संबंध में दिल्ली से चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
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हर राउंड के परिणाम की घोषणा के बाद ही दूसरे दौर के लिए इवीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम से निकाली जाएंगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 14 टेबल लगाकर गणना की जाएगी और अलग अलग विधानसभा क्षेत्र में 16 से लेकर 20 राउंड में गणना होगी। हर राउंड की गणना और फिर उसके परिणाम की घोषणा में आधा से पौन घंटा लग सकता है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पूरी गणना में दस घंटे से ज्यादा का समय लगेगा। साफ है कि इस वजह से वास्तविक परिणाम काफी देर से आएगा।
9 बजे के बाद टूटेगी इवीएम की सील: 11 दिसम्बर को सुबह आठ बजे सबसे पहले डाक मत पत्र और सेवा मतों की गणना की जाएगी। विधानसभावार इसके लिए टेबल लगाए जाएंगे। एक टेबल में 5 सौ मतों की गिनती होगी। इसके परिणाम आने के बाद करीब नौ बजे इवीएम की गणना शुरू होगी। गणना में आधा घंटा का वक्त लग सकता है। अब इस गणना के एआरओ और फिर आरओ से मिलान होने के बाद टेबुलेशन के लिए भेजा जाएगा। टेबुलेशन हो जाने के आरओ फिर इसका मिलान करेंगे। इसके बाद ऑब्जर्वर मिलान करेंगे। इस सब में 15 से 20 मिनट लग सकता है। इसके बाद परिणाम की घोषणा होगी।
खाली बैठेंगे गणना कर्मचारी: गणना के बाद टेबुलेशन, मिलान और घोषणा के दौरान के समय में मतगणना दल और अभिकर्ताओं को खाली बैठना होगा। घोषणा के बाद दूसरे दौर के लिए इवीएम लाई जाएंगी। इस तरह हर राउंड के बीच 15 से 20 मिनट का खाली समय जाएगा और पूरी प्रक्रिया में लंबा वक्त लगेगा। हर राउंड की घोषणा को मतगणना कक्ष के डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा और इसकी माइक से घोषणा भी की जाएगी। राउंड वार यह रिजल्ट शीट राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी दी जाएगी। राउंड वार यह जानकारी रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा आयोग के काउंटिंग साॅफ्टवेयर पर भी लोड की जाएगी।
सख्त निर्देश: आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि अगले राउंड की गिनती तब-तक प्रारंभ नहीं होगी, जब तक पहले राउंड की मतगणना की गिनती समाप्त होकर उसका परिणाम डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित न कर दिया जाए। कांग्रेस पार्टी ने हर राउंड के बाद उम्मीदवार को सर्टिफिकेट दिए जाने की मांग केंद्रीय निर्वाचन आयोग से की थी। इसके बाद आयोग ने मतगणना के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया स्पष्ट की है। मध्यप्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संदीप यादव का कहना है कि टेबुलेशन शीट पहले भी दी जाती थी।
इसलिए बनी विवाद की स्थिति : अभी तक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को मांगने पर ही रिटर्निंग आफिसर द्वारा राउंड वार टेबुलेशन शीट दी जाती थी। अधिकांशत: रिटर्निंग आफिसर राउंड वार उम्मीदवार को मिले वोटों की गिनती की माइक से घोषणा तो कर देते थे, लेकिन प्रत्याशी को उनके हस्ताक्षर की टेबुलेशन शीट नहीं देते थे। इससे उम्मीदवार मतगणना में गड़बड़ी होने के दौरान कोई शिकायत दर्ज कराता था तो उसके पास लिखित में कोई प्रमाण नहीं रहता था। इसी को लेकर राजनीतिक दल और चुनाव आयोग के बीच रस्साकसी चली आ रही थी, जिसे आयोग ने स्पष्ट किया है।