दुधाखेडी माताजी(भानपुरा) सुनील माली के साथ सहयोगी
पंडित.ब्रजेश शर्मा की रिपोर्ट✍🏻
माँ की भक्ति एवं आराधना का महापर्व अश्विन शारदीय नवरात्र महोत्सव बुधवार से घट स्थापना से प्रारंभ हो जाएगा समूचे अंचल मे इस पर्व को मनाने हेतु कई दिन पूर्व से तैयारियां प्रारम्भ हो जाती है।
क्षेत्र के प्रसिद्ध आरोग्य धाम लाखो भक्तो की आस्था के केंद्र श्री दुधाखेडी माताजी मंदिर पर भी इस पर्व को प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भक्तो के सहयोग से धूमधाम से परंपरा के अनुसार मनाया जावेगा। 10 अक्टूम्बर बुधवार से आस्था का महाकुम्भ माँ के दरबार मे प्रारम्भ हो जाएगा जो 18 अक्टूम्बर गुरुवार महानवमी हवन भक्तो की उपस्थिति मे सम्पन्न होकर समाप्त होगा।
नवरात्री महोत्सव की सम्पूर्ण व्यापक तैयारियों की अधिक जानकारी देते हुए मंदिर कर्मचारी पंडित.ब्रजेश शर्मा ने बताया कि.......
मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले मै भानपुरा गरोठ तहसील के मध्य स्थित चमत्कारी स्थल श्री दुधाखेडी माताजी का अपना एक इतिहास है पांडव काल से इस मंदिर का अस्तितव बताया गया है इतिहासकार बताते है कि कृष्ण युग से माँ यहाँ एक प्राचीन मूर्त के रूप मे विराजित है जो करीब 5000 वर्ष पुरानी है। पूर्व मे यहाँ पशु बलि की मान्यता थी जो अब पूर्णतः बंद हो चुकी है। वर्तमान मे कुछ मुर्गे भक्त अपनी मन्नत पूर्ण होने पर मंदिर परिसर मे विचरण हेतु छोड़ देते है जिनकी संख्या मे प्रशाशन की समझाइश के बाद कमी आई है वर्षो पूर्व रानी अहिल्या बाई होलकर स्टेट ने भी इस मंदिर मे धर्मशाला का निर्माण करवाया था जो नवीन मंदिर निर्माण कार्य मै टूट चुकी है वर्तमान मे 30 करोड़ से अधिक का नवीन मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है। अन्य विकास कार्य भी आगामी दिनों मे पूर्ण होंगे।वर्तमान परिदृश्य मे माताजी टिन शेड मे विराजित है और यही पर
मंदिर मे पूजा अर्चना,भक्तो को दर्शन व्यवस्था का प्रबंध है पूजा अर्चना का कार्य नाथ संप्रदाय करता है अभी कुल 6 पुजारी और उनके परिवार बारी बारी से एक सप्ताह पूजा अर्चना आरती का कार्य प्रातः से देर रात करते है। इस आश्विन नवरात्री मे ग्राम के स्थानीय निवासी श्री बाबूनाथ जी योगी परम्परा से पिछले कई वर्षों से अमावस्या से महानवमी तक दस दिन बिना भोजन प्रसादी ,फलाहारी केवल एक समय प्रातः उष्ण जल का सेवन कर माताजी की भक्ति करते है।नवरात्रि मे रात्रि के समय माताजी का मनमोहक,आकर्षक चोला मंदिर पुजारी श्री घनश्याम नाथ द्वारा चढ़ाया जाता है एवं प्रतिदिन प्रातः आरती के बाद बालभोग नैवद्य इन्ही के द्वारा माँ को अर्पित कर वितरित किया जाता है।
व्यवस्था एवं मंदिर देखरेख विकास कार्यो का सम्पूर्ण जिम्मा उज्जैन संभाग आयुक्त द्वारा गठित मंदिर प्रबंधन समिति के हाथो मे है जिसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर है जो समय समय पर समिति मे सम्मलित अधिकारियों, जनप्रतिनिधयों के साथ बैठक कर भक्तो की सम्पूर्ण मूलभूत व्यवस्थाओ पर कार्य करते है।
माताजी को भक्तो द्वारा अर्पित किए जाने वाले दान की अगर बात की जाए तो 15 लाख रुपये से अधिक एक माह का चढ़ावा माताजी को प्राप्त होता है जिसकी राजस्व विभाग भानपुरा द्वारा समय समय पर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार गणना की जाती है। मंदिर सेवा कार्य हेतु दिन रात के कुल 17 कर्मचारी अलग अलग शाखा मे भक्तो की व्यवस्थाओ पर समिति के दिशा निर्देश पर कार्य करते है।इस मंदिर की विशेषता की बात …