जालोर।
जालोर जिले के के बासडा धनजी गांव के राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी को पुरा किया जाने व राजस्थान प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के राजनीतिक द्वेषतापूर्वक किए जा रहे स्थानांतरण को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए स्कुली बच्चो व अभिभावको ने शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाजी व हडताल कर स्कूल के आगे धरने पर बैठ गये।
सरकार की कार्यप्रणाली किसी पार्टी विशेष के लिए समर्पित नहीं होकर जनता के हित के लिए होनी चाहिए। जनता भी किसी संगठन विशेष से बंधी नहीं होती है। जनता के मानस के अनुसार सरकारें बदलती रहती है। इसलिए सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह जनता के हित में कार्य करे।
हमें पता है कि स्थानांतरण शासन-प्रशासन की सतत् कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है। लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को परेशान करने के उद्देश्य से उनका स्थानांतरण करवा दिया गया है।
बासड़ा धनजी स्कुल में प्रधानाचार्य अजीत कुमार के रहते हुए शिक्षा मे बहुत शानदार सुधार देखने को मिला और स्कुल में साफ सफाई स्टाफ समय पर आना इत्यादि सुधार देखने को मिला लेकिन अचानक स्थानान्तर को लेकर बासड़ा धनजी स्कुल विधार्थीयो व ग्रामीणो ने आंदोलन करते हुए प्रधानाचार्य अजित कुमार को वापस लगाने की मांग कर रहे हैं।
वही जो स्टाफ की स्कुल में कमी है वो भी वापस स्कुल में जरूरी स्टाफ लगाये जाने की मांग किया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी टिकमाराम देवासी ने पांच दिन मे विद्यालय मे स्टाफ की कमी को पुरा करने के साथ आंदोलन समाप्त करने का कहा गया लेकिन छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के आने के बाद ही आंदोलन खत्म करने का कहा गया इस मौके पर कानुन व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद था।
ग्रामवासी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हमारे शिक्षा विभाग अधिकारियों व सभी राजनीतिज्ञ सभी पदाधिकारियों को याद दिलाना चाहते कि जनता ने सरकार को राजस्थान की सेवा के लिए चुना है। उनका दायित्व बनता है कि सेवा करने का यह सौभाग्य न गंवाएं इस बात पर तुरंत संज्ञान ले व विद्यालय के चार सौ छात्र छात्राओ को अध्ययन मे हो रही परेशानी से निजाद दिलवाने के लिए विद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग की है इस रख विद्यालय में एक दर्जन पद रिक्त है और विद्यालय मात्र 6 शिक्षक ही है विद्यालय में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई में बाधा व परेशानी हो रही है वही बच्चों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है।
जालोर जिले के के बासडा धनजी गांव के राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी को पुरा किया जाने व राजस्थान प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों के राजनीतिक द्वेषतापूर्वक किए जा रहे स्थानांतरण को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए स्कुली बच्चो व अभिभावको ने शिक्षा विभाग व राजस्थान सरकार के खिलाफ नारेबाजी व हडताल कर स्कूल के आगे धरने पर बैठ गये।
सरकार की कार्यप्रणाली किसी पार्टी विशेष के लिए समर्पित नहीं होकर जनता के हित के लिए होनी चाहिए। जनता भी किसी संगठन विशेष से बंधी नहीं होती है। जनता के मानस के अनुसार सरकारें बदलती रहती है। इसलिए सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह जनता के हित में कार्य करे।
हमें पता है कि स्थानांतरण शासन-प्रशासन की सतत् कार्यप्रणाली का एक हिस्सा है। लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को परेशान करने के उद्देश्य से उनका स्थानांतरण करवा दिया गया है।
बासड़ा धनजी स्कुल में प्रधानाचार्य अजीत कुमार के रहते हुए शिक्षा मे बहुत शानदार सुधार देखने को मिला और स्कुल में साफ सफाई स्टाफ समय पर आना इत्यादि सुधार देखने को मिला लेकिन अचानक स्थानान्तर को लेकर बासड़ा धनजी स्कुल विधार्थीयो व ग्रामीणो ने आंदोलन करते हुए प्रधानाचार्य अजित कुमार को वापस लगाने की मांग कर रहे हैं।
वही जो स्टाफ की स्कुल में कमी है वो भी वापस स्कुल में जरूरी स्टाफ लगाये जाने की मांग किया है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी टिकमाराम देवासी ने पांच दिन मे विद्यालय मे स्टाफ की कमी को पुरा करने के साथ आंदोलन समाप्त करने का कहा गया लेकिन छात्र-छात्राओं व अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के आने के बाद ही आंदोलन खत्म करने का कहा गया इस मौके पर कानुन व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद था।
ग्रामवासी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हमारे शिक्षा विभाग अधिकारियों व सभी राजनीतिज्ञ सभी पदाधिकारियों को याद दिलाना चाहते कि जनता ने सरकार को राजस्थान की सेवा के लिए चुना है। उनका दायित्व बनता है कि सेवा करने का यह सौभाग्य न गंवाएं इस बात पर तुरंत संज्ञान ले व विद्यालय के चार सौ छात्र छात्राओ को अध्ययन मे हो रही परेशानी से निजाद दिलवाने के लिए विद्यालय में स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग की है इस रख विद्यालय में एक दर्जन पद रिक्त है और विद्यालय मात्र 6 शिक्षक ही है विद्यालय में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई में बाधा व परेशानी हो रही है वही बच्चों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है।
गौरतलब तो यह है कि इस विद्यालय में 400 छात्र छात्राओं के बीच अब मात्र 6 अध्यापक जिसमें से 3 अध्यापक बीएलओ लगे हुए हैं जिस कारण विद्यालय की पढ़ाई नहीं हो पा रही है 400 छात्राओ का भविष्य अंधेरे में है।
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