भोपाल से गजेंद्र सिंह  चंद्रावत की रिपोर्ट। .....                                   
                                                                                                                                                                             भोपाल।मध्यप्रदेश में झाबुआ विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी विधायक जीएस डामोर के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है। प्रदेश के प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस इस पर दोबारा जीत के लिए पूरी ताकत झौंक रहे हैं। कांग्रेस का इस सीट पर लंबे समय से कब्जा रहा है। एक बार फिर इस सीट को जीतने के लिए अब कांग्रेस सरकार पूरा प्रयास कर रही है। यही कारण है मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर साहूकारों द्वारा लिए गए कर्ज को माफ करने का ऐलान भी किया है। 
कांग्रेस के लिए इस सीट को जीतना बहुत जरूरी हो गया है। पार्टी की स्थिरता को लेकर लगातार सवाल हो रहे हैं अगर पार्टी यह सीट जीत जाती है तो कांग्रेस बहुमत से सिर्फ एक सीट दूर रहेगी। वहीं, उसको बाकी विधायकों का बाहर से समर्थन मिला हुआ है। राजनीति के पंडितों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के यह फैसला उप चुनाव में बड़ा बदलाव ला सकता है। कांग्रेस ने अपने खाते में बड़ी संख्या में वोटर इस फैसले से जोड़ने का प्रयास किया है। जिसका नतीजा बीजेपी के लिए काफी चौंकाने वाला आ सकता है। झाबुआ में बड़ी संख्या में आदिवासी हैं जो साहूकारों के कर्ज में डूबे हुए हैं। ऋण माफ करने के अलावा, आदिवासियों को डेबिट कार्ड दिए जाएंगे, जिसमें 10,000 रुपये की निकासी सीमा होगी। सरकार आदिवासियों के मुफ्त में जमीन और माल प्राप्त करने में भी मदद करेगी। नाथ की घोषणाओं ने आदिवासियों को खुश कर दिया है। यह कहा गया था कि झाबुआ उपचुनावों के दौरान कांग्रेस के पास कठिन समय होगा क्योंकि पहले से ही गुटबाजी हावी हो रही है। लेकिन इस घोषणा बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश आ गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को झाबुआ से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार, भूरिया, उनके बेटे और पूर्व विधायक ज़ेवियर मेडा दावेदार हैं।
टिकट वितरण के बाद कांग्रेस नेताओं को डर है कि भूरिया और मेदा दावेदार हैं। नाथ की घोषणाओं ने कांग्रेस के पक्ष में परिदृश्य बना दिया है। भाजपा के लिए उपचुनाव जीतना आसान नहीं होगा क्योंकि उसके पास मजबूत उम्मीदवार की कमी है। नाथ के इस कदम ने भाजपा की संभावनाओं पर पानी फेर दिया है।

अमरोहा से ब्यूरो चीफ नरेन्द्र सिहं मुबारिजपुर की रिर्पोट                 
                                                                                                                                                                                           मुबारिजपुर | गंगेश्वरी क्षेत्र के गॉव गुरैठा खादर मे बनी निर्माणधीन गौशाला मे पिछले कई महिनो से गायों की मृत्यु का सिलसिला थमने को नही कह रहा है आए दिन एक न एक गाय की मौत हो जाती है बताते चले की रविवार को गौशाला मे दो गाय घायल हैं हालात नाजुक है गौशाला मे न तो कोई सफाई कर्मचारी है न ही कोई देखरेख के लिए कोई व्यक्ति पहुँचते है गौशाला की स्थिति दण्डनीय है गौशाला मे एक वर्ष पूर्व गायों की संख्या 40-45 थी लेकिन अब गौशाला मे गायों की संख्या 10-15 है ऐसे मे गौशाला अध्यक्ष मैघसिहं प्रधान व प्रशासन का गौशाला की तरफ विलकुल ध्यान नही है !
पशु चिकित्सक भी समयनुसार नही पहँचता है अन्त मे जो पशु अपनी जान जोखिम मे डालकर अपने प्राण देकर ही छुटकारा पाते है गुस्साए गाँव गुरैठा खादर के ग्रामीणो का आरोप है की या तो यहाँ की गौशाला बन्द की जाए या फिर गौशाला मे सफाई कर्मचारियो हरे चारे तथा उपचार जैसी आदि समस्याएँ गाँव गुरैठा खादर की गौशाला मे शीघ्र से शीघ्र की जाए जो गाय अपना जीवन ठीक से व्यतीत कर सके इस दौरान परमसिहं जयचन्द भगवानदास शमसुद्दीन धर्मसिहं बबलू धनसिहं विषणु तेजपाल सुखपाल हरकिशन आदि लोग मौजूद रहे !

टोंकखुर्द। सोमवार को वार्ड 09 में मंदिर से घर जाते समय रात्रि 10 बजे एक बिजली के पोल में करंट फेल होने दिनेश रंगलाल पिता बद्रीलाल धाकड़ व परिवार के सभी सदस्य बाल बाल बचे घटना के समय रहवासी अंधेरी गली से होकर निकल रहे थे तभी खम्बे से टच हो गए तो अचानक करंट का सभी को एका एक झटका लगा  स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि मेहरबानसिंह धाकड़ को घटना की जैसे ही जानकारी लगी तो उन्होंने बिजली बंद करवा कर बिजली विभाग को अवगत कराया जब बिजली विभाग के कर्मचारी मोके पर पहुँचा तो बताया कि हमारे पास सीडी नही है आप व्यवस्था करो तभी मेहरवान धाकड़ ने अपनी परिषद के कर्मचारी को सीडी के लिए फोन लगाया तो नगर पंचायत के कर्मचारी ने सीडी लाने से इंकरकर दिया ओर कहा कि फलाफ़ जगह रखी है में सोरहा हूं फिर पार्षद प्रतिनिधि ने खुद सीडी लेकर आये और समस्या हल हुई।  लेकिन टोनखुर्द में बिजली के पोल से बीते वर्ष एक छोटी छात्रा की मौत होचुकी थी व एक 3 साल का बालक भी घायल होचुका है लेकिन बिजली विभाग कुमकर्णीय नीद से नजाने कब जागेगा जबकि पीछली 29 जुलाई को टोंकखुर्द में  लोकनिर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा सायकल वितरणकार्यक्रम में आये थे तब उन्होंने  बिजली के खम्बे में मृत बालिका के पिता को चार लाख की सहायता राशि का चेक सोपा था जंहा वर्मा ने बिजली विभाग को इस ओर ध्यान देकर भविष्य में इसप्रकार की घटना ना हो और विभाग को हिदायत दी थी लेकिन बिजली विभाग के आला अधिकारियों के कानों पर जु तक नही रेंगी नाजाने यह विभाग किसी ओर बड़ी घटना का इंतज़ार कर रहा है। जबकि मीडिया ने कई बार इस समस्या को प्राथमिकता से छापा लेकिन किसी भी जिम्मेदारों के कानों पर जु नही रेंगी                                                                                           
               

भोपाल से गजेंद्र सिंह चंद्रावत की रिपोर्ट। ....                       
                                                                                                                                                                                   भोपाल।अभी तक जनता ही अपने मोहल्ले का पार्षद,शहर का महापौर,नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष चुनती आई है, लेकिन अब यह हक उनसे छिनने जा रहा है। अब जनता केवल पार्षद चुन सकेगी,  महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पार्षद चुनेंगें।इसके लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार निकाय चुनावों के अधिनियमों में बड़े बदलाव करने जा रही है।इस बदलाव के बाद बीजेपी को बड़ा झटका लग सकता है।बीजेपी द्वारा इस पर आपत्ति भी जताई जा सकती है, हालांकि अभी तक बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है।
दरअसल, मध्यप्रदेश में कुछ ही महिनों बाद नगरीय निकाय चुनाव होने है। वर्तमान में 16 नगर निगम के महापौर समेत अधिकांश नगर पालिका और नगर परिषद पर भाजपा का कब्जा हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस की मंशा ज्यादा से ज्यादा सीटे हथियाने की है।लोकसभा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस कोई रिस्क नही लेना चाहती है, जिसके चलते सरकार चुनाव से पहले बड़े बदलाव की तैयारी में है।
खबर है कि चुनाव में सबसे बड़ा बदलाव महापौर और नगर पालिका-नगर परिषद के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर होगा। अधिनियम में संशोधन के लिए सीएम कमलनाथ ने मंत्रीमंडल की उप समिति का गठन किया है। कमलनाथ मंत्रिमंडल की उप समिति ने नगर पालिक निगम और नगर पालिका अधिनियम में कुछ संशोधन सुझाए हैं।   अब तक जनता इन्हें सीधे चुन रही थी, लेकिन समिति ने सुझाव दिया है कि महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया जाए।वही तर्क दिया गया है कि पार्टी सिंबल के बजाय चुनाव जिला पंचायत की तर्ज पर कराए जाएं।समिति ने अपनी मंशा मुख्यमंत्री कमलनाथ को बता दी है, अब आखिरी फैसला मुख्यमंत्री करेंगे।अब समिति से मिले प्रस्तावों को कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा। इसके बाद अध्यादेश भी लाया जाएगा।

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