मां, समूची धरती पर बस यही एक रिश्ता है जिसमें कोई छल कपट नहीं होता। कोई स्वार्थ, कोई प्रदूषण नहीं होता। इस एक रिश्ते में निहित है अनंत गहराई लिए छलछलाता ममता का सागर। शीतल, मीठी और सुगंधित बयार का कोमल अहसास। इस रिश्‍ते की गुदगुदाती गोद में ऐसी अनुभूति छुपी है मानों नर्म-नाजुक हरी ठंडी दूब की भावभीनी बगिया में सोए हों। 
 
मां, इस एक शब्द को सुनने के लिए नारी अपने समस्त अस्तित्व को दांव पर लगाने को तैयार हो जाती है। नारी अपनी संतान को एक बार जन्म देती है। लेकिन गर्भ की कच्ची आहट से लेकर उसके जन्म लेने तक वह कितने ही रूपों में जन्म लेती है। यानी एक शिशु के जन्म के साथ ही स्त्री के अनेक खूबसूरत रूपों का भी जन्म होता है। 
 
पल-पल उसके ह्रदय समुद्र में ममता की उद्दाम लहरें आलोडि़त होती है। अपने हर 'ज्वार'  के साथ उसका रोम-रोम अपनी संतान पर न्योछावर होने को बेकल हो उठता है। नारी अपने कोरे कुंवारे रूप में जितनी सलोनी होती है उतनी ही सुहानी वह विवाहिता होकर लगती है लेकिन उसके नारीत्व में संपूर्णता आती है मां बन कर। संपूर्णता के इस पवित्र भाव को जीते हुए वह एक अलौकिक प्रकाश से भर उठती है। उसका चेहरा अपार कष्ट के बावजूद हर्ष से चमकने लगता है। उसकी आंखों में खुशियों के सैकड़ों दीप झिलमिलाने लगते हैं।

मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक दिवस नहीं एक सदी भी कम है। किसी ने कहा है ना कि सारे सागर की स्याही बना ली जाए और सारी धरती को कागज मान कर लिखा जाए तब भी मां की महिमा नहीं लिखी जा सकती।



ग्वालियर जिले के सेतरी गांव निवासी दिनेश शर्मा ने बताया कि मेरी बहन मंजू का विवाह 6 वर्ष पूर्व जितेन शर्मा निवासी पारसन गांव थाना बिजौली जिला ग्वालियर से हुआ था। मेरी बहन को उसके ससुराल पक्ष के लोग शुरू से ही दहेज के लिए मारते पीटते थे लगातार पैसों की मांग करते हैं हमारे द्वारा ₹200000 रुपए दिए जाने के बाद भी दिनांक 15:12 2019 को उसे जलाकर मार डाला।
          मृतका के भाई  दिनेश शर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी बहन के मरने के 6 दिन बाद एफ आई आर दर्ज की गई। जिसमें अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है और मेरी बहन का ताया ससुर अशोक शर्मा,जेठ गिरिराज शर्मा, देवर धर्मेंद्र शर्मा आए दिन राजीनामा करने का दबाव डालते हुए धमकाते हैं कि जैसे तेरी बहन को जलाकर मार दिया वैसे ही तेरे पूरे परिवार को जलाकर मार देंगे हमारा पुलिस भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती हम बहुत पावरफुल लोग हैं एसपी कलेक्टर हमारी जेब में रहते हैं इसीलिए अभी तक हम खुलेआम बाहर घूम रहे हैं।
      दिनेश ने बताया कि पूरे मामले मैं उसके द्वारा कई बार थाने पर आरोपियों के खिलाफ आवेदन भी दिए गए लेकिन पुलिस द्वारा अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। और यदि हमें जल्द ही न्याय नहीं मिला तो मेरा पूरा परिवार गवालियर एसपी कलेक्टर के सामने आत्महत्या कर लेंगे।




मृतका मंजू



आरोपी अशोक शर्मा




आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने महाराणा प्रताप की जयंती पर देश व प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएं दी है।

उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि महाराणा प्रताप का जीवन राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक हैं उनके जैसा स्वाभिमान का उदाहरण इतिहास में मिलना मुश्किल है। राष्ट्रभक्ति और देशप्रेम के महानायक महाराणा प्रताप का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है। हम सबको उनके जीवन दर्शन पर चलने का न केवल संकल्प लेना चाहिए बल्कि उनके जीवन आदर्शों को आत्मसात भी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की जयंती पर हम सब लोग लाॅक डाउन व सामाजिक दूरी का पालन करने का संकल्प लें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।




भोपाल संवाददाता सुनील परमार - जब मध्यप्रदेश आने के लिए प्रवासी मजदूरों को ट्रेन की आवश्यकता थी तब ट्रेन उनके उपर से गुजर गई, अब विडबना है कि ट्रेन से ही उनके शवों को मध्यप्रदेश में लाया जा रहा हैं। 

सरकार ने हर एक नागरिक की कीमत लगा दी है मध्यप्रदेश के 16 मजदुरों की औरंगाबाद के निकट रेल दुघर्टना में हुई निर्मम मृत्यु पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने अक्रोश व संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिवार एक-एक करोड की आर्थिक सहायता देने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चैहान के उस दावे की पौल खोल दी है जिसमें कहा कि मजदुरों को ससम्मान मध्यप्रदेश में लाया जा रहा है। 
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने औरंगाबाद में सरकार की बदइंतजामी के चलते असमय ही काल के गाल में समा गए 16 से अधिक श्रमिकों को मालगाडी द्वारा रोंद दिए जाने की इस ह्दयविदारक घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में लाने की नीति पर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत डेढ माह से मध्यप्रदेश के हजारों प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे हुए थे लेकिन उनकी सुध प्रदेश सरकार ने नहीं ली। 

जब प्रवासी मजदूरों के पास न तो खाने को बचा था और ना ही उनके पास आने-जाने के पैसे थे ऐसे में मजदूर पैदल ही अपने घरों की और पटरी किनारे चल दिए, जिन्हें मालगाडी ने दर्दनाक तरीके से रौंद दिया।
 50 दिनों में भी मजदूरों की व्यथा नहीं समझ पाई सरकार 

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि ट्रेन के ड्रायवर को क्या कहा जाऐ उसे तो चंद सेकण्ड ही मिले होंगे मजदूरों को देखने के लिए लेकिन केन्द्र सरकार और रेल विभाग को क्या कहें जिनके पास 50 दिन थे उनकी व्यथा समझते हुए उनको लाने की कार्य योजना बनाने के लिए। 
एक हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा कर प्रदेश की बार्डर पर पहुॅंच रहे मजदूर 
मिर्ची बाबा ने कहा कि बाहर से आने वाले मजदुरों के लिए शासन द्वारा ऐसा कोई तंत्र स्थापित नहीं किया गया जिससे की वहां योजना का लाभ उठाकर अपने घर सकुशल पहुंच सके हमारे क्षेत्र में पूर्व में जो मजदुर आये वो 1100-1200 किलोमीटर पैदल चलकर मध्यप्रदेश की सीमा पर पहुंचे थे तथा वहां से बस में बैठाकर लाया गया था l 
मध्यप्रदेश सरकार ने गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रदेशों में अन्य राज्यों मे पीडित मजदुरों से संबंधित राज्य सरकारों से न तो सम्वाद स्थापित किया और न ही मजदुरों से सम्पर्क किया जिसके के कारण पुरे देश में मध्यप्रदेश के मजदुरो की दुरदशा हो रही है ओर गंभीर दुर्घटना भी हो रही है प्रदेश सरकार आसानी से आने वाले मजदुरों को लाकर क्षेय लेने की राजनीति कर रही है लेकिन मजदुरों को लाने के लिए शुरू से ही गंभीर नहीं है यहां तक कि अपने स्वयं के वाहनों से आने के लिए भी पास नहीं बन रहे है न ही प्रदेश में एक स्थान से दुसरे स्थान आने-जाने के लिए पास की व्यवस्था हो पा रही है। 
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पीडित मजदुरों की सरकारों से सम्पर्क करके मजदुर जहां पर फंसे है उसी स्थान से लाने की कार्य योजना बनाई जाये अन्यथा गंभीर परिणाम होगें।

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