संवाददाता-विवेक चौबे

कांडी(गढ़वा): प्रखंड कार्यालय के सभागार में मंगलवार को बिजली विभाग के एसडीओ कामेश्वर ठाकुर व स्टारलिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सोमेन सामंता ने प्रखंड विकास पदाधिकारी गुलाम समदानी, अंचलाधिकारी राकेश सहाय, बीस सूत्री अध्यक्ष रामलाला दुबे, विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह सहित सभी पंचायत मुखिया व प्रतिनिधि के साथ बिजली की समस्या पर बैठक की. बैठक में स्टारलिंग कंपनी के जुनियर इंजिनियर आलोक सिंह व विप्लव मंडल द्वारा बताया गया कि प्रखंड के कुल 93 गांवों में  से 76 गांवों में विद्युतिकरण का कार्य कंपनी को मिला है जिसमें 30 गांव में कार्य पूर्ण हो चुका है.                                                                                                                                               

इधर राणाडीह मुखिया कृष्णा दास, शिवपुर पंचायत मुखिया योगेन्द्र राम व कांडी मुखिया विनोद प्रसाद ने जूनियर इंजिनियर के दावा को झुठा बताया.कहा कि प्रखंड के किसी भी पंचायत के किसी भी गांव में विद्युतिकरण का कार्य पूर्ण नही हुआ है. कहीं पोल नही गड़ा तो कहीं तार एलटी नहीं खींचा गया है.कई गांव में लोगों को बीपीएल या एपीएल का कनेक्शन नही दिया गया है. भंडरिया गांव से सुंडीपुर तक बारह वर्ष पूराने पोल व तार में ग्यारह हजार का करंट दे दिया गया जिससे कभी भी बहुत बड़ी हादसा हो सकता है.स्टारलिंग कंपनी द्वारा एक वर्ष से प्रखंड में विद्युतिकरण का काम चल रहा है. किन्तु अभीतक आधा काम ही किया गया है. बीपीएल कनेक्शनधारियों को मुफ्त में एलईडी बल्ब देना था किन्तु किसी लाभुक को बल्ब नही दिया गया. इस पर दोनो जेई को फटकार लगाते हुए प्रोजेक्ट मैनेजर सोमेन सामंता ने अविलंब सभी लाभुकों को एलईडी बल्ब वितरण का निर्देश दिया. कहा कि प्रखंड में कुल 4,994 लोगों को कनेक्शन दिया जा चुका है. जल्द ही प्रखंड के सभी घरों को विद्युत से जोड़ दिया जाएगा.इधर एसडीओ ने कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए काम में तेजी लाने व प्रत्येक बीपीएलधारियों को अविलंब एलईडी बल्ब वितरण करने का निर्देश दिया. मौके पर सभी पंचायतों के मुखिया, पंचायत स्वयंसेवक सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.

संवाददाता-विवेक चौबे                                                       

गढ़वा : सात ऐसे चिंरजीवी देवता हैं, जो युगों-युगों से इस पृथ्वी पर मौजूद हैं। इन्हीं में से एक भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम भी हैं। सात मई को अक्षय तृतीया के दिन ही इनकी जयंती मनाई जाती है। आइए जानते हैं भगवान परशुराम से जुड़ी वो सात बड़ी बातें शायद आप अब तक नहीं जानते —

न्याय के देवता थे परुशुराम....

परशुराम भगवान विष्णु के आवेशावतार थे। उनका जन्म भगवान श्रीराम के जन्म से पहले हुआ था। मान्यता है कि भगवान परशुराम का जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन-रात्रि के प्रथम प्रहर में हुआ था। परशुराम जी के जन्म समय को सतयुग और त्रेता का संधिकाल माना जाता है। भगवान शिव के परमभक्त परशुराम जी को न्याय का देवता माना जाता है।

गणपति को भी दिया था दंड....

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम के क्रोध से स्वयं गणेश जी भी नहीं बच पाये थे। ब्रह्रावैवर्त पुराण के अनुसार, एक बार जब परशुराम जी भगवान शिव के दर्शन करने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचे तो भगवान गणेश जी उन्हें शिव से मुलाकात करने के लिए रोक दिया। इस बात से क्रोधित होकर उन्होंने अपने फरसे से भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था। जिसके बाद भगवान गणेश एकदंत कहलाने लगे।

हर युग में रहे मौजूद                                                 
रामायण और महाभारत दो युगों की पहचान हैं। रामायण त्रेतायुग में और महाभारत द्वापर में हुआ था। पुराणों के अनुसार एक युग लाखों वर्षों का होता है। ऐसे में देखें तो भगवान परशुराम ने न सिर्फ श्री राम की लीला बल्कि महाभारत का युद्ध भी देखा।

भगवान कृष्ण को दिया था चक्र
रामायण काल में सीता स्वयंवर में धनुष टूटने के पश्चात् परशुराम जी जब क्रोधित हुए और उनका लक्ष्मण से संवाद हुआ तो उसके बाद भगवान श्री राम ने परशुराम जी को अपना सुदर्शन चक्र सौंपा था। वही सुदर्शन चक्र परशुराम जी ने द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण को वापस किया।

कर्ण को दिया था,श्राप....

यह श्राप परशुराम जी ने कर्ण और पितामह भीष्म को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा भी दी थी। कर्ण ने भगवान परशुराम से झूठ बोलकर शिक्षा ग्रहण की थी। जब यह बात परशुराम जी को पता चली तो उन्होंने कर्ण को श्राप दिया कि जिस विद्या को उसने झूठ बोलकर प्राप्त की है, वही विद्या युद्ध के समय वह भूल जाएगा और कोई भी अस्त्र या शस्त्र नहीं चला पाएगा। भगवान परशुराम का यही श्राप अंतत: कर्ण की मृत्यु का कारण भी बना।

21 बार किया क्षत्रियों का नाश...                         

भगवान परशुराम कभी अकारण क्रोध नहीं करते थे। जब सम्राट सहस्त्रार्जुन का अत्याचार व अनाचार अपनी चरम सीमा लांघ गया तब भगवान परशुराम ने उसे दंडित किया। भगवान परशुराम को जब अपनी मां से पता चला कि ऋषि-मुनियों के आश्रमों को नष्ट और अकारण उनका वध करने वाला दुष्ट राजा सहस्त्रार्जुन ने उनके आश्रम में आग लगा दी और कामधेनु छीन कर ले गया। तब उन्होंने पृथ्वी को दुष्ट क्षत्रियों से रहित करने का प्रण किया। इसके पश्चात् उन्होंने सहस्त्रार्जुन की अक्षौहिणी सेना व उसके सौ पुत्रों के साथ ही उसका भी वध कर दिया। भगवान परशुराम ने 21 बार घूम-घूमकर दुष्ट क्षत्रियों का विनाश किया।

भगवान शिव ने दिया था परशु अस्त्र....

भगवान परशुराम जी की माता का नाम रेणुका और पिता का नाम जमदग्नि ॠषि था। वह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। परशुराम जी से बड़े तीन भाई थे। उन्होंने पिता की आज्ञा पर अपनी मां का वध कर दिया था। जिसके कारण उन्हें मातृ हत्या का पाप लगा, जो भगवान शिव की तपस्या करने के बाद दूर हुआ। भगवान शिव ने उन्हें मृत्युलोक के कल्याणार्थ परशु अस्त्र प्रदान किया, जिसके कारण वे परशुराम कहलाए।

होशंगाबाद से अब्दुल अकील खान की रिपोर्ट।                           
                                                                                                                                                                                            होशंगाबाद पवारखेड़ा के बीच रात को 2:30 बजे के करीबन केरला एवं झेलम एक्सप्रेस को रोककर अज्ञात महिला से चेन झपटी और पत्थर बरसाए। 
पत्थरबाजी से एक युवक गंभीर घायल हो गया। बदमाशों के हौसले बुलंद हैं विगत दिनों ऐसी लूट की घटनाएं हो चुकी रेलवे पुलिस सीआरएफ सुरक्षा बल शनिवार रात सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे। अपराधियों के खिलाफ रेलवे संपत्ति से छेड़छाड़ रेड सिग्नल में गड़बड़ी की । अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।

संवाददाता-विवेक चौबे                                                 

 कांडी(गढ़वा)  :  प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत  भंडरिया,रानाडीह, महुली,मंडरा,महुली,मझिगावां,कोरगायीं,गाड़ा-कसनप,खरौंधा कोआड़ी सहित कई गांवों में गुरुवार व शुक्रवार को ब्राह्मण समाज के लोगों ने जनसंपर्क अभियान चलाया ।यह  अभियान हाइ स्कूल कांडी के प्रांगण में भगवान परशुराम की जयंती को मनाने को लेकर चलाया गया।जयंती के अवसर पर ब्राह्मण समाज का मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा।साथ ही भक्ति जागरण कार्यक्रम का आयोजन भी 7 मई को होगा।बता दें कि जन सम्पर्क अभियान नवजवान संघर्ष मोर्चा के युवा नेता-छोटन उपाध्याय के नेतृत्व में चलाया गया।छोटन उपाध्याय ने कहा कि मैं किसी प्रकार के सामाजिक कार्यों में युवाओं के साथ हूँ।इस दौरान ब्राह्मण समाज से मिलकर चंद्रेश मिश्रा ने संदेश देते हुए अपने समाज को एक जुट होने को कहा।साथ ही कहा कि 7 मई को क्षेत्र के सभी ब्राह्मण काफी संख्या में शामिल होकर भगवान परशुराम की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाएं व जयंती मनाने में सहयोग करें।उन्होनें  बताया कि संपर्क अभियान के दौरान ब्राह्मण समाज का समर्थन खूब मिल रहा है।वहीं ब्राह्मण समाज के लोगों ने महाभोग के लिए चावल दाल व नगद सहयोग राशि भी प्रदान किए। मौके पर- बबलू दुबे,रिशु रंजन उपाध्याय सचिन पांडेय, लड्डू पांडेय,अक्षयबर दुबे,छोटू पांडेय, पप्पू दुबे,वेद प्रकाश पाण्डेय,लाला पाण्डेय,ढबु मिश्रा, पुनीत पाण्डेय,जितेन्द्र पाण्डेय,मुरली पाण्डेय सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।

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