गजेंद्र सिंह चंद्रावत। ...                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           
 इंदौर।प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीति में एंट्री को लेकर दिए गए बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने विवादों में घिर गए है।बढ़ते विवाद के चलते उन्होंने ट्वीट कर सफाई पेश की है। उन्होंने  कहा है कि एक चैनल द्वारा मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है, जो कदापि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा 'चाकलेटी चेहरे' शब्द का इस्तेमाल बॉलीवुड चेहरों के लिए किया गया था।
दरअसल, शनिवार को विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस के पास मजबूत नेताओं की कमी है, इसलिए पार्टी चॉकलेटी चेहरे वालों को लोकसभा चुनावों में उतार रही है। एक कांग्रेस नेता कहता है कि भोपाल से करीना कपूर  को चुनाव लड़ा दो, कुछ कहते हैं कि सलमान खान को इंदौर से लड़वा दो, इसी तर्ज पर प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाया गया है। अगले लोकसभा चुनाव में उतरने कांग्रेस के पास मजबूत नेता नहीं हैं. इसलिए वो ऐसे चॉकलेटी चेहरे के माध्यम से चुनाव लड़ना चाहती है। वही पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी कांग्रेस महासचिव के रूप में राजनीतिक मुख्यधारा में प्रियंका के प्रवेश को लेकर विजयवर्गीय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए। बीजेपी महासचिव ने कहा कि अगर कांग्रेस में राहुल के नेतृत्व के प्रति आत्मविश्वास होता तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में नहीं लाया जाता।
इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है, कांग्रेस ने हमले करना शुरु कर दिया, जिसके बाद कैलाश ने सफाई भी दी। विजयवर्गीय ने कहा, "चॉकलेटी शब्द का इस्तेमाल उन्होंने बॉलीवुड अभिनेताओं के लिए किया था। एक चैनल द्वारा उनके बयान को तोड़मरोड़कर पेश किया गया था, जो कदापि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा 'चाकलेटी चेहरे' शब्द का इस्तेमाल बॉलीवुड चेहरों के लिए किया गया था।

गजेंद्र सिंह चंद्रावत। .......                                                                                                                                                                                                                                                                                         सरकार बनी, सीएम बने, मंत्री बने. विधानसभा में शपथ भी हो गई और एक सत्र भी गुजर गया, लेकिन बेचारे कमलनाथ सरकार के स्पेशल-28 को बंगलों में रहने का आनंद अभी तक नहीं मिल पाया है. आलम ये है कि कमलनाथ के स्पेशल-28 के कई सदस्य रेस्ट हाउस में रह रहे हैं और बीजेपी के नेता बंगलों में मजे कर रहे हैं. बंगले खाली न होने के चलते मंत्रियों की भोपाल में रहने के लिए ठिकाने की तलाश अभी तक अधूरी है।
शिवराज सरकार में जनसंपर्क मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा का बंगला नं डी-13 कमलनाथ सरकार में खेल मंत्री जीतू पटवारी को आवंटित हुआ था लेकिन नरोत्तम मिश्रा ने फिलहाल बंगला खाली नहीं किया है.

74 बंगले का बंगला नं बी-8 वित्त मंत्री तरुण भनोट को आवंटित हुआ था, इस बंगले में फिलहाल पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रह रहे हैं. शिवराज सिंह प्रोफेसर कॉलोनी स्थित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बंगले में शिफ्ट होने से पहले तक इस बंगले में ही रहेंगे.

खाद्य मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर को 74 बंगले का बंगला नं बी-31 आवंटित हुआ था, इस बंगले में अभी तक प्रभात झा रह रहे थे. प्रभात झा का इरादा फिलहाल बंगला खाली करने का नहीं है, लिहाजा मंत्री जी रेस्ट हाउस में रहने को मजबूर हैं. कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 4 इमली स्थित पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का बंगला पसंद आया था, लेकिन भूपेंद्र सिंह का भी फिलहाल बंगला खाली करने का इरादा नहीं है, ऐसे में सिंधिया अभी तक बंगले के लिए भटक ही रहे हैं.

पूर्व बीजेपी अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान का बंगला मंत्री उमंग सिंघार को आवंटित हुआ था लेकिन ये बंगला भी खाली नहीं हुआ. बीजेपी नेताओं की ओर से बंगले खाली न होने पर अब इस पर सियासत भी शुरु हो गई है । कांग्रेस की मानें तो बीजेपी नेताओं का गुरुर तो जनता ने मिटा दिया लेकिन फितूर जाने का नाम नहीं ले रहा है.

एक तरफ मंत्रियों का बंगलों के लिए इंतजार और दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं का बंगलों से प्यार. इससे इतना तो साफ है कि अगर बंगले खाली न हुए तो मंत्रियों को रेस्ट हाउस में ही और दिन गुजारने पड़ सकते हैं।

गजेन्द्र सिंह चंद्रावत। .......                                                                                                                                                                     
 भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राजधानी स्थित सरकारी आवास पर तीन दिन पहले कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहुंचने को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों से पर्दा साफ हो गया है। सिंधिया राजधानी में अपने लिए बंगला देखने के लिए शिवराज के घर गए थे। राज्य सरकार की ओर से सिंधिया से आग्रह किया था कि शिवराज सिंह चौहान अगले एक महीने में नए बंगले में शिफ्ट होने वाले हैं, तब वह बंगला उनके लिए आवंटित किया जा सकता है। सिंधिया ने पूर्व गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह का बंगला मांगा था, लेकिन भूपेन्द्र सिंह ने अप्रेल तक बंगला खाली करने से मना कर दिया है। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 6 माह से भोपाल में सरकारी बंगले की मांग कर रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखकर सांसद कोटे से बंगला मांगा था। लेकिन शिवराज ने उन्हें बंगला नहीं दिया। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंधिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर चार इमली स्थित पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह का बंगला मांगा। कमलनाथ ने सिंधिया का पत्र गृह विभाग को भेज दिया। इसकी खबर लगते ही भूपेन्द्र सिंह ने भी गृह विभाग को अप्रेल के पहले बंगला खाली न करने की जानकारी दे दी। सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने सिंधिया को सलाह दी थी कि भोपाल में भूपेन्द्र सिंह के बंगले के बाद सबसे शानदार बंगला शिवराज सिंह चौहान का है। चौहान अगले एक माह में प्रोफेसर कालोनी स्थित दूसरे बंगले में शिफ्ट होने वाले हैं। यदि सिंधिया चाहें तो यह बंगला उन्हें अलाट किया जा सकता है। पिछले भोपाल प्रवास के दौरान सिंधिया ने स्वयं शिवराज को फोन कर उनका बंगला देखने की इच्छा जाहिर की और उनके बंगले पर पहुंचे। देर रात हुई मुलाकात को लेकर तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गईं। मजेदार बात यह है कि इन दोनों नेताओं ने इन अटकलों का सच आज तक छुपा कर रखा है। अभी यह पता नहीं चल सका है कि सिंधिया ने बंगला देखने के बाद इसे अलाट करने की सहमति दी है या नहीं। 
प्रभात भी नहीं कर रहे बंगला खाली
राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने भोपाल में सरकारी बंगला खाली करने से इंकार कर दिया है। उनका बंगला खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को आवंटित किया गया था। राज्य सरकार ने अब प्रद्युम्न सिंह तोमर को पूर्व मंत्री शरद जैन वाला सी-18 शिवाजी नगर में बंगला अलाट कर दिया है। यहां बता दें कि प्रभात झा जब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे, तब उस बंगले में लाखों रुपए की लागत से काम किया गया था। हालांकि प्रदेश में सत्ता जाने के बाद से झा का राजधानी में आना-जाना कम हो गया है।

 गजेंद्र सिंह चंद्रावत ......                                                                                                                                                                     
भोपाल।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ स्विटजरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक सम्मेलन से लौट आए हैं। उन्होंने लौटते ही सबसे पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि शिवराज को किसी की नहीं बल्कि कुर्सी की याद आ रही है। इसलिए वह अब झुग्गी झोपड़ी वालोंं को याद कर रहे हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जिन्होंने किसानों के नाम पर घोटाला किया है उनपर जल्द ही एफआईआर होगी। 
दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को छिंदवाड़ा पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सहकारी बैंकों में सबसे अधिक घोटालों की शिकायते मिली हैं। जिन किसानों ने लोन नहीं लिया उनके नाम पर भी कर्ज दिखाया जा रहा है। कॉपरेटिव बैंक के साथ मिलीभगत के तहत ये काम किया गया है। इसलिए मैंने ये निर्देश दिए हैं कि जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ एफआईआर की जाए। ये सब घोटाले पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए हैं। इनकी जांच करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ दो दिन के छिंदवाड़ा दौरे पर हैं। गणतंत्र दिवस पर वह छिंदवाड़ा में ध्वजारोहण करेंगे|
गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार के जय किसान कर्ज़माफी योजना के दौरान ये घोटाले सामने आ रहे हैं। किसानों के नाम पर ऐसे लोगों ने कर्ज़ ले लिया जो उसके हक़दार ही नहीं थे. ऐसे नामों पर कर्ज़ लिया गया जिस नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। वाही कई किसानों के कर्ज से अधिक राशि माफ़ी की जा रही आहे| जय किसान ऋण माफी योजना के तहत पंचायत दफ़्तरों पर उन किसानों के नाम की लिस्ट लगायी जा रही है जिनका लोन माफ किया जा रहा है। लिस्ट लगते ही किसान शिकायत और आपत्ति कर रहे हैं। लिस्ट में फर्ज़ी नाम हैं। इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद सरकार ने किसानों के नाम पर फर्जी ऋण निकालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं| 
वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार कांग्रेस सरकार पर हमला बोल रहे हैं| गुरूवार को वह राजधानी के एक झुग्गी बस्ती पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा था कि जनता की सेवा करने के लिए मुझे किसी पद की ज़रूरत नहीं है। हम दोगुनी ताकत से जनता के मुद्दे उठाएंगे। ये जनता ही हमारी असली ताकत है। इनकी ज़िंदगी में कोई कष्ट न हों, यही हमारा लक्ष्य है। समझ में नहीं आता यह सरकार कौन चला रहा है। जनता के हित के लिए कोई काम नहीं कर रहा है। किसानों की फसलें नष्ट हो रही हैं और शासन-प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है। जनकल्याणकारी योजनाओं को यदि सरकार ने बंद किया, तो ठीक नहीं होगा। मैं इसे बंद नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा था कि अगर सम्बल योजना बंद की तो सरकार चलाना मुश्किल कर दूंगा| उनके इस बयान पर कमलनाथ ने कहा, अब शिवराज को झुग्गी बस्ती याद आ रही है, सबकुछ याद आ रहा है, सबसे ज्यादा तो उन्हें कुर्सी की याद आ रही है|

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