आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन किया।
भोपाल सुनील परमार - पाकिस्तान के साथ हुई जंग के बाद भारत को कारगिल मैं, मिली जीत की आज यानी 26 जुलाई को 21 वीं वर्षगांठ है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर के भारत माता की रक्षा की थी।और पाकिस्तान को पीछे खदेड़ दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी आज कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश ने शहीद जवानों को याद कर उन्हें नमन किया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि आज ऑपरेशन विजय की 21 वीं वर्षगांठ है इस अवसर पर भारतीय सेना के शौर्य को सादर नमन करता हूं जिसके साहस और वीरता ने कारगिल युद्ध मैं राष्ट्र के लिए विजय कीर्ति अर्जित की कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया राष्ट्र उनके शौर्य और उनके परिजनों के धैर्य के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा। आज का दिन हमारे सैनिकों की वीरता और पराक्रम की कहानियों से भावी पीढ़ियों को देश के लिए जीने मरने के लिए प्रेरित करता रहेगा। कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कारगिल की लड़ाई मैं अपनी शहादत देने वाले भारत मां के लाल सचमुच बेहद भाग्यशाली थे राष्ट्रवाद और देश प्रेम पर किसी ने क्या खूब कहा है कि "ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में सिमटकर मरे हैं सैकड़ों लोग, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता। "