अजनबियों से बात न करें' यानी अनजान एड्रेसेज से भेजे गए लिंक्स व अटेचमेंट्स पर क्लिक न करें

 गजेंद्र सिंह चंद्रावत की  रिपोर्ट ......                                     
                                                                                  
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                     तेजी से बढ़ रहे हैकिंग अटैक्स से बचना आज किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है जिसके चलते सायबर वर्ल्ड में हर कोई अपनी डिजिटल लाइफ, आइडेंटिटी, डेटा आदि की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। सायबर क्रिमिनल्स अक्सर अपने मैसेजेज या मेल्स में स्पायवेयर या मैलवेयर भेजते हैं जिन पर क्लिक करने से आप उनके जाल में फंस जाते हैं और वे आपका डेटा, आईडी आदि हैक कर लेते हैं। हालांकि आजकल हैकर्स ने इस तरह के मैसेजेज या ईमेल्स की क्राफ्टिंग को रिफाइन करना शुरू कर दिया है जिसमें वे मैलिशियस लिंक्स को भी शामिल करने लगे हैं। ऐसे में आपको उस नियम का पालन करना चाहिए जिसके तहत 'अजनबियों से बात न करें' जैसी प्रैक्टिस की जाती है यानी ऐसे नंबर्स या ईमेल्स एड्रेसेज जो आपके परिचित नहीं है, उनमें आने वाले लिंक्स या अटैचमेंट्स पर क्लिक न करें। आप अपने डिजिटल वर्ल्ड को और अधिक सुरक्षित कैसे कर सकते हैं, इस जानकारी के लिए यहां कुछ टिप्स शेयर किए जा रहे हैं-
ओपन वाई-फाई को अवॉइड करें
ध्यान रखें, पब्लिक या ओपन वाई-फाई नेटवर्क्स, सायबर क्रिमिनल्स के लिए हैकिंग के सबसे आसान तरीकों में से एक हैं, क्योंकि हैकर्स अपने वाई-फाई हॉटस्पॉट्स को समान नाम के साथ ओपन नेटवर्क पर रन करते हैं जिससे यूजर्स उनके ट्रैप्स में फंस जाते हैं और अपने डिवाइसेज का एक्सेस उन्हें दे देते हैं। इसलिए आपको मॉल्स, रेलवे स्टेशंस या अन्य किसी जगह पर ओपन वाई-फाई नेटवर्क्स से अपने डिवाइसेज कनेक्ट करने से बचना चाहिए।
पब्लिक चार्जिंग पोर्ट्स से बचें
मॉल्स, रेलवे स्टेशंस, एयरपोर्ट्स जैसी जगहों पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस भीड़ से घिरे होते हैं। ध्यान रखें, इन पोर्ट्स से चार्ज करना आपके लिए मैलवेयर को खुद इनवाइट करना होगा। ऐसी जगहों पर हैकर्स "ज्यूस-जैकिंगalt39 करते हैं जिससे आपके फोन्स, लैपटॉप्स आदि में मैलवेयर आ सकता है। अतः आप डिवाइसेज के साथ अपने चार्जर्स ही साथ लेकर चलें या फिर उन्हें पहले से ही चार्ज्ड रखें।
सिक्योर पासवर्ड्स काम लें
यह सब जानते हैं कि आपको एक मजबूत पासवर्ड काम में लेना चाहिए, लेकिन फिर भी अधिकतर यूजर्स इसे अवॉइड करते हैं। अतः ईमेल्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स, मोबाइल एप्स, इंटरनेट बैंकिंग, एनक्रिप्टेड फाइल्स आदि के लिए सिक्योर पासवर्ड्स का उपयोग करें। जोखिम से बचने के लिए अकाउंट्स के लिए एक जैसे पासवर्ड्स काम न लें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
अपनी प्राइवेसी को और अधिक सिक्योर बनाने के लिए आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर सकते हैं जिसे अधिकतर डिजिटल सर्विसेज सपोर्ट करती हैं। इस सर्विस को एक्टिवेट करने पर यह आपको वन-टाइम पासवर्ड्स (ओटीपी) के माध्यम से ही संबंधित अकाउंट्स का एक्सेस देती है। आप इसके बारे में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स आदि पर पढ़ सकते हैं।
वर्चुअल कीबोर्ड्स यूज करें
हैकर्स, कीलॉगर के माध्यम से भी यह पता कर लेते हैं कि आपने फिजिकल कीबोर्ड पर क्या टाइप किया है। इंटरनेट बैंकिंग जैसी ऑनलाइन सर्विसेज आपको यूजर व अकाउंट डिटेल्स इनपुट के लिए वर्चुअल कीबोर्ड्स की सुविधा देती हैं जो फिजिकल कीबोर्ड्स के मुकाबले अधिक सेफ हैं। अतः ऐसी सर्विसेज के लिए वर्चुअल कीबोर्ड्स ही काम में लें।

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