दीक्षा शर्मा ने कहा है कि मैं भारत की बेटी होने के नाते आप सब लोगों से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि आज पूरा भारत वर्ष जिस कोरोना वायरस से जूझ रहा है उसके बचाव के लिए आप सब लोग सावधानी बरतें जितना हो सके अपने घर से बाहर ना निकले अपने मित्रों रिश्तेदारों एवं करीबियों से कुछ समय के लिए दूरी बनाए जब भी आप लोग घर से निकले मुंह पर रुमाल या मास्क पहन कर निकले इस भयंकर महावारी से बचने के लिए भारतवर्ष के 130 करोड़ लोगों से मेरा यही अनुरोध है कि थोड़ी सी सावधानी से हमारे भारत पर आए इस संकट से हम लड़ सकते हैं
भारतवर्ष की जनता से मेरा निवेदन है कि भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें जितना भी हो सके अपने घर से बाहर ना निकले एवं जितना हो सके अपने रिश्तेदारों एवं परिचितों को जागरूक करें

ब्यूरो रिपोर्ट। ......                                 
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और चांचौड़ा के विधायक लक्ष्मण सिंह  ने मध्य प्रदेश नदी न्यास के अध्यक्ष नामदेव दास उर्फ कंप्यूटर बाबा को फर्जी बताया है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि शिक्षित समाज में ऐसे फर्जी बाबाओं की कोई आवश्यकता नहीं है। जो तप करते हैं। साधना करते हैं सही मायने में वह संत है। समाज के लोग उन्हें संत मानते हैं । और मैं भी मानता हूं। लेकिन कंप्यूटर बाबा जैसे फर्जी बाबाओं को हमारा समाज संत के रूप में स्वीकार नहीं करेगा। कांग्रेस अगर ऐसे फर्जी बाबाओं को संरक्षण देगी तो भविष्य में भारी नुकसान होने की पूरी संभावना है पूर्व में भी ऐसे फर्जी बाबाओं से कांग्रेस को काफी हानि पहुंची है लक्ष्मण सिंह ने कंप्यूटर बाबा के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने 17 फरवरी को कहा था कि लक्ष्मण सिंह जिस मामले में कुछ नहीं जानते उस पर भी बोलते हैं वही लक्ष्मण सिंह के बयान पर कंप्यूटर बाबा ने कहा जो उन्हें अच्छा लगता है ।बोले मुझे जो सही लगता है। मैं वही कहूंगा।
                                                                                                                                                           विधायक लक्ष्मण सिंह ने यह भी कहा की मैं 5 बार लोकसभा से चुना गया हूं तीसरी बार विधानसभा में चुना गया अगर मैं अंगल बातें करता तो इतनी बार नहीं चुना जाता कंप्यूटर बाबा यह कह रहे हैं कि मैं अनगर्ल बात कर रहा हूं तो वाह अपमान मेरा नहीं है मतदाताओं का अपमान है जिन्होंने मुझे पांच बार लोकसभा और तीसरी बार विधानसभा में चुना है।
                                                                                                                                                                    लक्ष्मण सिंह कांग्रेस पार्टी को फर्जी बाबा से दूरियां बनाने की नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस की  आड़ में अपना खेल खेलना बंद करें बाबा। ऐसे बाबा केवल नुकसान ही कर सकते हैं इनसे कोई लाभ नहीं होगा। अंत में लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उनकी आस्था सच्चे साधु संतों पर हमेशा रही है। और रहेगी। लेकिन फर्जी बाबाओं के खिलाफ वह हमेशा खड़े होंगे।
                                                                                                                                                             सिंह की बातों से या अनुमान लगाया जा रहा है। कि कंप्यूटर बाबा सिर्फ अपनी जेब भर रहे हैं। अगर उन्हें नदियों की वास्तव में चिंता है।तो वह नदियों के विकास के कार्य करें नदियों पर श्रद्धालुओं के लिए घाट बनाएं। नदी संरक्षण हेतु नदियों के आस-पास पेड़ पौधे लगवाए। उनकी सफाई व्यवस्था पर ध्यान दें। नदियों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान दें। लेकिन ऐसा ना करते हुए कंप्यूटर बाबा सिर्फ रेत माफियाओं से सांठगांठ करके खुद का ही विकास कर रहे हैं।

 गजेंद्र सिंह चंद्रावत की  रिपोर्ट ......                                     
                                                                                  
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                     तेजी से बढ़ रहे हैकिंग अटैक्स से बचना आज किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है जिसके चलते सायबर वर्ल्ड में हर कोई अपनी डिजिटल लाइफ, आइडेंटिटी, डेटा आदि की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। सायबर क्रिमिनल्स अक्सर अपने मैसेजेज या मेल्स में स्पायवेयर या मैलवेयर भेजते हैं जिन पर क्लिक करने से आप उनके जाल में फंस जाते हैं और वे आपका डेटा, आईडी आदि हैक कर लेते हैं। हालांकि आजकल हैकर्स ने इस तरह के मैसेजेज या ईमेल्स की क्राफ्टिंग को रिफाइन करना शुरू कर दिया है जिसमें वे मैलिशियस लिंक्स को भी शामिल करने लगे हैं। ऐसे में आपको उस नियम का पालन करना चाहिए जिसके तहत 'अजनबियों से बात न करें' जैसी प्रैक्टिस की जाती है यानी ऐसे नंबर्स या ईमेल्स एड्रेसेज जो आपके परिचित नहीं है, उनमें आने वाले लिंक्स या अटैचमेंट्स पर क्लिक न करें। आप अपने डिजिटल वर्ल्ड को और अधिक सुरक्षित कैसे कर सकते हैं, इस जानकारी के लिए यहां कुछ टिप्स शेयर किए जा रहे हैं-
ओपन वाई-फाई को अवॉइड करें
ध्यान रखें, पब्लिक या ओपन वाई-फाई नेटवर्क्स, सायबर क्रिमिनल्स के लिए हैकिंग के सबसे आसान तरीकों में से एक हैं, क्योंकि हैकर्स अपने वाई-फाई हॉटस्पॉट्स को समान नाम के साथ ओपन नेटवर्क पर रन करते हैं जिससे यूजर्स उनके ट्रैप्स में फंस जाते हैं और अपने डिवाइसेज का एक्सेस उन्हें दे देते हैं। इसलिए आपको मॉल्स, रेलवे स्टेशंस या अन्य किसी जगह पर ओपन वाई-फाई नेटवर्क्स से अपने डिवाइसेज कनेक्ट करने से बचना चाहिए।
पब्लिक चार्जिंग पोर्ट्स से बचें
मॉल्स, रेलवे स्टेशंस, एयरपोर्ट्स जैसी जगहों पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस भीड़ से घिरे होते हैं। ध्यान रखें, इन पोर्ट्स से चार्ज करना आपके लिए मैलवेयर को खुद इनवाइट करना होगा। ऐसी जगहों पर हैकर्स "ज्यूस-जैकिंगalt39 करते हैं जिससे आपके फोन्स, लैपटॉप्स आदि में मैलवेयर आ सकता है। अतः आप डिवाइसेज के साथ अपने चार्जर्स ही साथ लेकर चलें या फिर उन्हें पहले से ही चार्ज्ड रखें।
सिक्योर पासवर्ड्स काम लें
यह सब जानते हैं कि आपको एक मजबूत पासवर्ड काम में लेना चाहिए, लेकिन फिर भी अधिकतर यूजर्स इसे अवॉइड करते हैं। अतः ईमेल्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स, मोबाइल एप्स, इंटरनेट बैंकिंग, एनक्रिप्टेड फाइल्स आदि के लिए सिक्योर पासवर्ड्स का उपयोग करें। जोखिम से बचने के लिए अकाउंट्स के लिए एक जैसे पासवर्ड्स काम न लें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
अपनी प्राइवेसी को और अधिक सिक्योर बनाने के लिए आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर सकते हैं जिसे अधिकतर डिजिटल सर्विसेज सपोर्ट करती हैं। इस सर्विस को एक्टिवेट करने पर यह आपको वन-टाइम पासवर्ड्स (ओटीपी) के माध्यम से ही संबंधित अकाउंट्स का एक्सेस देती है। आप इसके बारे में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, ट्विटर, ड्रॉपबॉक्स आदि पर पढ़ सकते हैं।
वर्चुअल कीबोर्ड्स यूज करें
हैकर्स, कीलॉगर के माध्यम से भी यह पता कर लेते हैं कि आपने फिजिकल कीबोर्ड पर क्या टाइप किया है। इंटरनेट बैंकिंग जैसी ऑनलाइन सर्विसेज आपको यूजर व अकाउंट डिटेल्स इनपुट के लिए वर्चुअल कीबोर्ड्स की सुविधा देती हैं जो फिजिकल कीबोर्ड्स के मुकाबले अधिक सेफ हैं। अतः ऐसी सर्विसेज के लिए वर्चुअल कीबोर्ड्स ही काम में लें।


जिला संवाददाता हुसैन खान रतलाम                                                                                                                                                                                                   


रतलाम/शिवानी सोंलकी आज से एक वर्ष पूर्व ट्रेन में यात्रा के दौरान मासिक धर्म के दौरान आने वाली समस्या से परेशान होना पड़ा तब संकल्प लिया तब पूरे वर्ष में अपने माता पिता के द्वारा दी जाने वाली पॉकेट मनी से महिलाओं को सेनेटरी पेड के प्रति जागरूक करूंगी तभी से राशि एकत्रित करना प्रारंभ किया इस प्रकार एक वर्ष में 6500 रूपयें एकत्रित कर लिये तब सृष्टि समाज सेवा समिति और तेजस्वी दल के सदस्यों ने इस संकल्प को पूरा करने के योजना बनाकर इस अभियान को सखी सारथी अभियान नाम दिया गया और एकत्रित राशि से भारत सरकार के प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के माध्यम सस्ती दर पर उपलब्ध बॉयोडिग्रेडेबल पेड सुविधा 01 रूपयें प्रति कि दर पर 6000 नग सेनेटरी नैपकिन क्रय कर लिया किंतु विश्व कीर्तिमान के लिये लगने वाली फीस नही होने पर वह निराश होने लगी तब यह बात शहर के समाज सेवी कचरू राठौड़ को पता चली तो उन्होने मुरलीवाला फांउडेशन के रविन्द्र पाटीदार के माध्यम से विश्व कीर्तिमान की फीस और अन्य सहयोग के लिये आगे आया, इसके पश्चात् आज रतलाम रेल्वे स्टेशन पर महिला यात्रियों को 03 धंटे में 6000 बॉयोडिग्रेडेबल नैपकिन वितरण का विश्वकीर्तिमान के रूप में वज्र वर्ल्‍ड बुक में दर्ज हुआ। रतलाम शहर में अपनी तरह का पहला अभियान था, इस बात कि धोषणा वज्र वर्ल्‍ड बुक के ज्युरी मेंबर श्री शैलेन्द्र सिसौदिया ने धोषणा कर ऑन दा स्‍पॉट इस विश्वकीर्तिमान का प्रमाण पत्र शिवानी सोंलकी को प्रदान किया गया।
                                                                                                                                                                                                                                                         
                                                                                                                                                                             सृष्टि समाज सेवा समिति, मुरलीवाला फाउण्डेंशन, 

 ज्ञात हो कि नॉन कम्ंपोस्टेबल 113000 टन प्लास्टिक मिश्रित सैनिटरी नैपकिन हर साल पूरी दुनिया में जमा हो रहा है हमारे देश में सालाना 43.4 करोड़ सैनिटरी नैपकिन उपयोग हो रहा है जो कि सीवर लाइन, खुले में पडे होते है नतीजा ये पर्यावरण और आम लोगो की सेहत दोंनों के लिए नुकसानदायक है अब इसके विकल्प के रूप में भारत सरकार के द्वारा जन औषधि केन्द्र के माध्यम से बायोडिग्रेडेबल सुविधा पेड महिलाओं के लिये उपलब्ध कराये गये है जो 100 प्रतिशत पर्यावरण अनुकूल है महिला हितैषी इस महत्वाकांशी योजना को जन-जन तक पहुंचाने का हेतु ये अभिनव पहल कि गयी है।                                                                                                                                                                                             

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