भोपाल ब्यूरो सुनील परमार - मध्य प्रदेश में किसानों के खिलाफ क्रूरता थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले गुना में किसानों के साथ पुलिस की टीम ने मारपीट की तब किसान दंपत्ति ने जहर खा लिया था। और अब देवास जिले के सतवास में भी अतिक्रमण हटाने पहुंचे पटवारी और पुलिस के सामने एक किसान महिला ने खेत में खुद को आग लगा ली जिसके बाद महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
       इस पूरी घटना की खबर जब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा को लगी तो उन्होंने शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की कड़ी निंदा की है। और कहा कि इस कोरोना जैसी महामारी में जहां लोगों से रोजगार छिन गए हैं। गरीब मजदूरों के खाने के लाले पड़े हुए हैं। किसान लगाकर आत्महत्या कर रहा है। ऐसे में प्रशासन की इस तरह की कार्यवाही बहुत ही शर्मनाक है। यदि किसान परिवार ने सरकारी जमीन पर फसल उगाई थी, तो इस कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए। उन्हें फसल काटने तक की मोहलत भी की जा सकती थी। खड़ी फसल पर जेसीपी चलवाने का निर्णय गलत है। क्या शिवराज सिंह चौहान का जमीर मर चुका है। या फिर वह सत्ता के लालच में इतने अंधे हो चुके हैं। कि उन्हें गरीब लाचार किसानों के आंसू भी दिखाई नहीं दे रहे हैं?
प्रदेश में हुई इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद मिर्ची बाबा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जंगलराज फिर लौट आया है।कमलनाथ सरकार के समय जो अपराधी ,बदमाश भूमिगत हो गए थे।वे शिवराज सरकार की शरण में पुनः सक्रिय हो गए हैं।किसानों ,दलितों ,मजदूरों, आदिवासियों का उत्पीड़न पुनः शुरू हो गया है।इसके साथ ही उन्होंने झुलसी हुई किसान महिला के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने कि मांग कि है।





भोपाल सुनील परमार - पाकिस्तान के साथ हुई जंग के बाद भारत को कारगिल मैं, मिली जीत की आज यानी 26 जुलाई को 21 वीं वर्षगांठ है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर के भारत माता की रक्षा की थी।और पाकिस्तान को पीछे खदेड़ दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी आज कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश ने शहीद जवानों को याद कर उन्हें नमन किया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि आज ऑपरेशन विजय की 21 वीं वर्षगांठ है इस अवसर पर भारतीय सेना के शौर्य को सादर नमन करता हूं जिसके साहस और वीरता ने कारगिल युद्ध मैं राष्ट्र के लिए विजय कीर्ति अर्जित की कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों को मेरी श्रद्धांजलि जिन्होंने देश की एकता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया राष्ट्र उनके शौर्य और उनके परिजनों के धैर्य के प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगा। आज का दिन हमारे सैनिकों की वीरता और पराक्रम की कहानियों से भावी पीढ़ियों को देश के लिए जीने मरने के लिए प्रेरित करता रहेगा। कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कारगिल की लड़ाई मैं अपनी शहादत देने वाले भारत मां के लाल सचमुच बेहद भाग्यशाली थे राष्ट्रवाद और देश प्रेम पर किसी ने क्या खूब कहा है कि "ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता, नोटों में सिमटकर मरे हैं सैकड़ों लोग, मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता। "




भोपाल नाग पंचमी के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ एवं नाग देवता सभी के जीवन में सुख समृद्धि और सफलता बरसाए। बाबा महाकालेश्वर की कृपा से कोरोना महामारी से जल्द से जल्द पूरे विश्व को मुक्ति मिले  ऐसी प्रार्थना करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद जी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने कहा कि हिंदू धर्म में मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से अन्न धन के भंडार भरे रहते हैं। और परिवार में किसी को भी नागदंश  का भय नहीं रहता है। नाग पंचमी का त्यौहार नागो और सर्पों की पूजा का पर्व है। हिंदू धर्म ग्रंथों मे नाग को देवता माना गया है। इसके पीछे कई मान्यताएं हैं। जैसे कि शेषनाग के फन पर यह पृथ्वी टिकी है। भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग की शैया पर सोते हैं। भोलेनाथ के गले में सर्पों का हार है और भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर नाग की सहायता से ही वासुदेव जी ने यमुना नदी पार की थी यही नहीं समुद्र मंथन के समय देवताओं की मदद भी बासुकी नाग ने ही की थी। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता का आभार व्यक्त किया जाता है। एक अन्य कारण यह भी है कि बारिश के मौसम में सांपों के बिलों में पानी ज्यादा भर जाने से वह बिल छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थान की खोज में निकलते हैं उनकी रक्षा और सर्पदंश के भय से मुक्ति पाने के लिए भारतीय संस्कृति में नाग पंचमी के दिन नाग देवता के पूजन की परंपरा शुरू हुई।
           आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने बताया कि गरुड़ पुराण के अनुसार इस दिन प्रात नित्यक्रम से निवृत्त होकर, स्नान कर घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर और काजल से नाग देवता बनाए जाते हैं। मुख्य द्वार के दोनों ओर दूध, दूब, कुशा, चंदन ,अक्षत ,पुष्प आदि चढ़ाएं इसके बाद नाग देवता की कथा पढ़कर आरती करें। फिर मिठाई का भोग बनाकर भोग लगाया जाता है।ऐसी मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को दूध से स्नान कराने से नाग देवता से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है।


     
उज्जैन 23 जुलाई। आशीष जैन उज्जैन शहर में कल 24 जुलाई से मास्क पहनकर नहीं निकलने वाले एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें अस्थाई जेल में  बंद  किया  जाएगा। कड़ी कार्रवाई के बाद भी यदि आमजन मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को नहीं अपनाते हैं तो भविष्य में लॉकडाउन पर भी विचार किया जा सकता है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आशीष सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल लॉकडाउन के संबंध में किसी भी तरह का कोई निर्णय जिला प्रशासन द्वारा नहीं लिया गया है। सोशल मीडिया में   प्रसारित हो रही जानकारी भ्रामक एवं असत्य है।

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